'भारतीय अफसर गौतम अडानी को समन नहीं भेज रहे', रिश्वत केस में अमेरिकी एजेंसी का बड़ा आरोप
अमेरिकी शेयर बाजार नियामक संस्था SEC ने बताया कि भारतीय अधिकारी Gautam Adani और उनके सहयोगियों को समन देने में देरी कर रहे हैं. अडानी ग्रुप की कंपनी Adani Green Energy पर Solar Energy Project के लिए अमेरिका में रिश्वत देने और अमेरिकी निवेशकों के गुमराह का आरोप है.

अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने न्यूयॉर्क की एक अदालत में बताया कि भारतीय अधिकारी गौतम अडानी को कानूनी समन देने में देरी कर रहे हैं. अमेरिकी शेयर बाजार नियामक (SEC) ने न्यूयॉर्क की एक अदालत को बताया कि उसने भारतीय कानून मंत्रालय से संपर्क किया है. SEC के मुताबिक भारतीय अधिकारियों ने अभी तक अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी और उनके सहयोगियों को औपचारिक समन नहीं दिया है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक SEC ने बताया कि भारतीय अथॉरिटीज ने अभी तक समन नहीं भेजा है. इस वजह से गौतम अडानी और उनके सहयोगियों के खिलाफ रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के मामले में सुनवाई रुकी हुई है. दरअसल अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए अमेरिका में रिश्वत देने और अमेरिकी निवेशकों के गुमराह का आरोप है.
‘हेग सर्विस कन्वेंशन’ के नियमों के तहत भेजा नोटिसईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ न्यूयॉर्क के मजिस्ट्रेट जेम्स आ. चो की अदालत में SEC ने बताया कि वह हेग सर्विस कन्वेंशन के तहत गौतम अडानी और भतीजे सागर अडानी को आधिकारिक नोटिस भेजने की प्रक्रिया पूरी करने में जुटी है. SEC ने आगे बताया कि वह भारतीय कानून मंत्रालय के साथ लगातार संपर्क में हैं. लेकिन 11 अगस्त तक लगातार पत्राचार के बावजूद भारतीय अधिकारियों ने समन नहीं दिया है.
इससे पिछली सुनवाई में SEC ने अदालत को बताया था कि उसने फरवरी में भारत के विधि एवं न्याय मंत्रालय से सहायता का अनुरोध किया था. लेकिन चार महीने बाद भी अब तक गौतम अडानी और उनके सहयोगियों को समन नहीं भेजा गया है. कथित तौर पर कानून मंत्रालय ने यह अनुरोध गुजरात के अहमदाबाद की एक अदालत को भेज दिया था, लेकिन SEC को इसकी जानकारी नहीं दी गई.
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क्या है हेग सर्विस कन्वेंशन?हेग सर्विस कन्वेंशन एक अतंरराष्ट्रीय संधि है. इस पर 84 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं. यह संधि इन देशों के बीच नागरिक या वाणिज्यिक मामलों में कानूनी दस्तावेजों को भेजने की सुविधा प्रदान करती है. ये आदान-प्रदान कानून मंत्रालय के माध्यम से होता है. भारत और अमेरिका दोनों ने इस कन्वेंशन पर हस्ताक्षऱ किए हैं. हालांकि अडानी ग्रुप की ओर से इन आरोपों का खंडन करते हुए इन्हें बेबुनियाद बताया गया था.
क्या है मामला जिसमें समन भेजा जा रहा है?SEC ने पिछले साल नवंबर में गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के खिलाफ शेयर बाजार के नियमों का उल्लंघन और भ्रामक जानकारी देने के आरोप में केस दर्ज किया था. आरोप है कि उन्होंने अमेरिका में अपनी एक कंपनी को सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट दिलाने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (लगभग 23 अरब) की रिश्वत दी थी.
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