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असम में बुलडोजर से तोड़े गए घर, 1400 से अधिक परिवार विस्थापित, बनेगा अडानी का पावर प्लांट

Assam Eviction: असम के धुबरी जिले में करीब 3,500 बीघा ज़मीन खाली कराने के लिए प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की है. जून 2025 के बाद से असम सरकार द्वारा चलाया गया यह चौथा अभियान है. गोलपाड़ा, नलबाड़ी और लखीमपुर में भी इसी तरह की बेदखली की गई है.

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असम के धुबरी में बुल्डोजर एक्शन (PHOTO-India Today NE)
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मानस राज
9 जुलाई 2025 (Published: 02:59 PM IST) कॉमेंट्स
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8 जून, 2025 को असम सरकार ने लोगों को बेदखल करने की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है. इस कार्रवाई के दौरान सरकारी अधिकारियों को विरोध का सामना करना पड़ा. सरकार ने धुबरी (Dhubri Eviction Drive) जिले में एक प्रस्तावित थर्मल पावर प्लांट के लिए लगभग 1,400 परिवारों को 3,500 बीघा जमीन से बेदखल कर दिया. चारु आबाखरा, संतोषपुर और चिरकुटा खंड 1 के तीन गांवों में चलाया गया यह सरकारी अभियान मंगलवार, 8 जून की सुबह शुरू हुआ. इसी दौरान दोपहर के समय तब हिंसा भड़क उठी, जब निवासियों ने एक बुलडोजर पर पत्थर और ईंटें फेंकनी शुरू कर दीं. इसके बाद पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों के अनुसार पत्थरबाजी में दो उपकरण टूट गए. असम के शिवसागर से विधायक और रायजोर दल के नेता अखिल गोगोई भी घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. बेदखली की कार्रवाई को अवैध और असंवैधानिक बताते हुए गोगोई ने कहा

यह अल्पसंख्यकों को धमकाने के अलावा और कुछ नहीं है. मैंने स्पष्ट रूप से कहा था कि प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए.

करीब 3500 बीघे में फैली इस जमीन पर 1400 परिवारों का घर था. ये जमीन ‘Khas Land’ है. असम में Khas Land का मतलब उस जमीन से है जो सरकार के अधीन होती है, लेकिन सरकार ने उसे किसी संस्था या व्यक्ति को अलॉट नहीं किया होता है. धुबरी में मौजूद इस जमीन पर ज्यादातर बंगाली बोलने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग रहा करते थे. इस मामले पर जानकारी देते हुए धुबरी के डिप्टी कमिश्नर दिबाकर नाथ ने बताया,

यह सरकारी Khas जमीन है जिसे APDCL (असम पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड) को थर्मल पावर प्लांट के लिए आवंटित किया गया है और वे ही इस परियोजना के लिए टेंडर आदि जारी करेंगे.

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पिछले महीने ही इन जगहों का दौरा किया था और घोषणा की थी कि यह जमीन प्रस्तावित 3,200 मेगावाट के थर्मल पावर प्लांट के लिए चिह्नित की गई है. इस परियोजना के लिए राज्य सरकार अडानी समूह के साथ बातचीत कर रही है. अप्रैल 2025 में ही सीएम सरमा ने गुवाहाटी में जीत अडानी से मुलाकात की थी ताकि असम में अडानी की प्रमुख परियोजनाओं को अंतिम रूप दिया जा सके. इन्हीं योजनाओं में थर्मल पावर प्लांट भी शामिल है.

(यह भी पढ़ें: दिल्ली में रेलवे परीक्षा देने आई थी असम की युवती, अब उत्तराखंड में गंगा किनारे शव मिला है)

जून 2025 के बाद से असम सरकार द्वारा चलाया गया यह चौथा ऐसा अभियान है. गोलपाड़ा, नलबाड़ी और लखीमपुर में भी इसी तरह की बेदखली की गई है. कुल मिलाकर 2,300 से ज्यादा परिवार विस्थापित हुए हैं. दूसरी ओर डीसी धुबरी ने बताया कि इन लोगों के मामले में भूमि अधिग्रहण किया जाएगा और उन्हें जमीन या पैसा दिया जाएगा. बाकी लोग जिन्होंने अतिक्रमण किया है, उन्हें प्रति परिवार 50,000 रुपये दिए गए हैं. डीसी ने बताया कि सरकार ने बैजर अल्गा गांव में 300 बीघा जमीन आवंटित की है, जहां बेदखली के बाद भूमिहीन हो जाने वाले लोग जाकर कब्जा कर सकते हैं.

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