भारत को 'टैरिफ किंग' का ताना मार रहे डॉनल्ड ट्रंप का अमेरिका कितना टैरिफ वसूलता है?
WTO के Tariff Profiles 2024 के मुताबिक अमेरिका तंबाकू जैसे उत्पादों पर 350 फीसदी तक का भारी टैरिफ लागू करता है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत को 'टैरिफ किंग' बताते हुए 25 फीसदी टैरिफ लगाने का फैसला किया है. लेकिन उनके इस फैसले के बाद नंबर और डेटा से जो कहानी सामने आई है वो कुछ और ही हाल बयां कर रही है. असल में हालात इसके उलट हैं. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) के टैरिफ प्रोफाइल्स से पता चला है कि अमेरिका भी कई आयातों पर 350 फीसदी तक का टैरिफ लगाता है (US tariff 350 percent).
भारत से भी ज्यादा टैरिफ!डॉनल्ड ट्रंप ने भारत पर अधिक टैरिफ लगाने का आरोप लगाया. विशेष रूप से ऑटोमोबाइल और कृषि जैसे क्षेत्रों में. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार इन सेक्टर में भारत का औसत टैरिफ 15.9 फीसदी है. जबकि अमेरिका का टैरिफ 3.4 फीसदी है. लेकिन कुछ आंकड़े अमेरिका की असलियत दिखाते हैं. WTO के Tariff Profiles 2024 के मुताबिक अमेरिका तंबाकू जैसे उत्पादों पर 350 फीसदी तक का भारी टैरिफ लागू करता है. कुछ डेयरी उत्पादों, जैसे मिल्क पाउडर और पनीर पर 200 फीसदी से अधिक टैरिफ लगाता है. फलों, सब्जियों, अनाजों और कुछ खाद्य पदार्थों पर 130 फीसदी से अधिक का टैरिफ लगाता है, जो ट्रंप के दावों में विरोधाभास दर्शाता है.
2024 में अमेरिका ने भारत से 87.4 बिलियन डॉलर (7 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा) का आयात किया. जबकि भारत को 41.7 बिलियन डॉलर (3 लाख 50 हजार करोड़ से ज्यादा) का निर्यात किया. विश्व व्यापार संगठन (WTO) के आंकड़ों के अनुसार, भारत के टैरिफ प्रोफाइल को अक्सर अमेरिकी निर्यातकों के लिए बाधा माना जाता है. लेकिन अमेरिका की खुद की संरक्षणवादी नीतियां भी कम नहीं हैं. मसलन, भारत में व्हिस्की और वाइन पर 150 फीसदी और कुछ ऑटोमोबाइल्स पर 125 फीसदी टैरिफ है. ये जापान (400 फीसदी चावल पर) और कोरिया (887 फीसदी तक कुछ उत्पादों पर) जैसे देशों के समान है.
टैरिफ से क्या असर होगा?ट्रंप ने 1 अगस्त, 2025 से भारतीय निर्यात पर 25% टैरिफ की घोषणा की है. इसका मुख्य कारण भारत का रूस से तेल और हथियार के व्यापार को बताया गया है. ट्रंप ने इस टैरिफ के ऊपर पेनल्टी लगाने की बात भी की.
बता दें कि ये टैरिफ विवाद भारत के लिए आर्थिक चुनौतियां पैदा कर सकता है. रिपोर्ट्स के अनुसार भारत का अमेरिका के साथ व्यापार घाटा 45.7 बिलियन डॉलर (लगभग 4 लाख करोड़ रुपये) का है. विशेषज्ञों का मानना है कि ये टैरिफ भारत के निर्यात, विशेष रूप से ऑटोमोबाइल, केमिकल और जेम्स-ज्वेलरी जैसे क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है. भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता सितंबर या अक्टूबर तक संभव है. लेकिन कृषि और डेयरी जैसे क्षेत्रों में मतभेद बने हुए हैं. ट्रंप की नीतियां वैश्विक व्यापार में बदलाव ला सकती हैं, जिससे भारत को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है.
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