The Lallantop
Advertisement

कांवड़ यात्रा का रास्ता बनाने के लिए यूपी में काटे गए 17,600 पेड़, अभी 16 हजार और काटे जाएंगे

Kanwar Yatra route के लिए UP government नया रास्ता बना रही है. इसके लिए इन पेड़ों की कटाई की जा रही है. इसी को लेकर एक पैनल ने National Green Tribunal को रिपोर्ट सौंपी है.

Advertisement
Kanwar Yatra route
चार सदस्यीय पैनल को NGT ने ही गठित किया था. (प्रतीकात्मक तस्वीर - PTI)
pic
हरीश
11 नवंबर 2024 (Updated: 11 नवंबर 2024, 15:30 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

उत्तर प्रदेश के तीन ज़िलों में आगामी कांवड़ यात्रा के लिए नया रास्ता बनाने के लिए क़रीब 17,600 पेड़ काटे गए हैं (Kanwar Yatra route 17,600 trees felled). इन ज़िलों में ग़ाज़ियाबाद, मेरठ और मुज़फ़्फ़रनगर शामिल हैं. राज्य सरकार इस प्रोजेक्ट के लिए कम से कम 33,776 पेड़ काटने की प्लानिंग कर रही है. एक पैनल ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को ये जानकारी दी है.

चार सदस्यीय इस पैनल को NGT ने ही गठित किया था. साल, 2024 की शुरुआत में NGT ने एक अखबार की रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया था. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि यूपी सरकार प्रस्तावित मार्ग के लिए लगभग 1.12 लाख पेड़ों को काटने की प्लानिंग कर रही है. ये पेड़ ग़ाज़ियाबाद के मुरादनगर और मुज़फ़्फ़रनगर के पुरकाजी के बीच के होंगे.

अगस्त में अदालत ने इस मुद्दे पर विचार करने के लिए जॉइंट पैनल का गठन किया. 6 नवंबर को NGT पेड़ों की कटाई से जुड़े मामले की सुनवाई कर रहा था. इसी दौरान कोर्ट ने बताया कि जॉइंट पैनल ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट पेश कर दी है. सुनवाई कर रही बेंच में NGT के अध्यक्ष प्रकाश श्रीवास्तव, जूड्यिशल मेंबर अरुण कुमार त्यागी और एक्सपर्ट मेंबर ए. सेंथिल वेल शामिल थे. द हिंदू की ख़बर के मुताबिक़, बेंच ने आदेश में कहा,

अंतरिम रिपोर्ट में कहा गया कि सिंचाई विभाग ने इसे लेकर जानकारी दी है. इसके मुताबिक़, 9 अगस्त 2024 तक तीनों ज़िलों में 17,607 पेड़ काटे गए हैं. शुरुआत में 1,12,722 पेड़ों को काटने की मंजूरी दी गई थी. लेकिन अब सिर्फ़ 33,776 पेड़ों को काटने का फ़ैसला दिया गया है.

ये भी पढ़ें - सफाईकर्मी की जॉब की दौड़ में 45000 BA-MA डिग्री धारक

यानी 16,169 पेड़ और काटे जाने हैं. न्यूज़ एजेंसी PTI की ख़बर के मुताबिक़, जिस पैनल ने रिपोर्ट दी, उसमें भारतीय फॉरेस्ट सर्वे के डायरेक्टर, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सीनियर साइंटिस्ट, राज्य के मुख्य सचिव या उनके प्रतिनिधि और मेरठ के DM शामिल थे. NGT ने उत्तर प्रदेश सरकार को ये स्पष्ट करने का निर्देश दिया है कि क्या काटे जाने वाले पेड़ों की संख्या की गणना उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1976 के प्रावधानों के अनुसार की गई है.

साथ ही, ये भी कि सड़क निर्माण के लिए काटे जा रहे पौधे, झाड़ियां आदि, इसमें काउंट किए गए हैं या नहीं. क्या ये सब अधिनियम के तहत पेड़ की परिभाषा में आते हैं? वहीं, पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव से हलफनामा दाखिल करने को भी कहा गया है. जिसमें विचाराधीन कांवड़ यात्रा के लिए रूट बनाने के दौरान काटे जाने वाले पेड़ों की सही संख्या की जानकारी हो. बेंच ने बिना देरी के रिपोर्ट सब्मिट करने की भी उम्मीद जताई है.

वीडियो: दिल्ली पेड़ कटाई मामले पर SC की दो बेंचों के बीच टसल! CJI से मदद मांगी गई

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement