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100 में से 257 अंक, 30 नंबर के प्रैक्टिकल में 225 नंबर मिले, ये बिहार यूनिवर्सिटी का रिजल्ट है!

चौंकाने वाली बात ये है कि इतने "असाधारण" नंबर मिलने के बावजूद कई स्टूडेंट्स को प्रमोट नहीं किया गया. सिर्फ यही नहीं, 100 से अधिक छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग है.

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University In Bihar Gives Students 257 Marks Out Of 100
करीब 9 हजार छात्रों ने थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा दी थी, जिनमें 8 हजार छात्र पास घोषित किए गए हैं. (फोटो- Grok)
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प्रशांत सिंह
3 जुलाई 2025 (Updated: 3 जुलाई 2025, 10:41 PM IST) कॉमेंट्स
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बिहार की शिक्षा व्यवस्था फिर सुर्खियों में है. इस बार वजह है एक ऐसा रिजल्ट जो देखकर आपका दिमाग चकरा जाएगा. बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर बिहार यूनिवर्सिटी (BRABU) में पीजी थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा में कुछ स्टूडेंट्स को 100 में से 257 नंबर मिले हैं. आपने सही पढ़ा—257! और तो और, 30 नंबर के प्रैक्टिकल में किसी को 225 मार्क्स दे दिए गए. अब रिजल्ट के नाम पर हुए इस मजाक से छात्रा बेहद नाराज हैं.

बात शुरू हुई जब BRABU ने MA कोर्स के थर्ड सेमेस्टर का रिजल्ट जारी किया. रिजल्ट देखते ही स्टूडेंट्स के होश उड़ गए. इंडिया टुडे से जुड़े मणि भूषण शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक एक स्टूडेंट को 100 में से 257 दे दिए गए. प्रैक्टिकल में भी यही हाल. 30 में से 225 मार्क्स बांट दिए गए! चौंकाने वाली बात ये है कि इतने 'असाधारण' नंबर मिलने के बावजूद कई स्टूडेंट्स को प्रमोट नहीं किया गया. यही नहीं, 100 से अधिक छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग है. कई छात्रों ने तो ये भी शिकायत की है कि कॉलेज ने इंटर्नल मार्क्स नहीं भेजे, जिससे उनका भविष्य अधर में लटक गया है.

मामला सामने आया तो यूनिवर्सिटी प्रशासन एक्शन में आया. बताया गया कि ये ये ‘तकनीकी गलती’ की वजह से हुआ है. उनका दावा है कि सॉफ्टवेयर में एरर की वजह से नंबर गलत दर्ज हो गए. यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर राम कुमार ने माना कि तकनीकी गड़बड़ी हुई है. उन्होंने कहा,

"ये मामला संज्ञान में आया कि कुछ छात्रों को पूर्णांक से अधिक अंक मिल गए हैं. जांच में पाया गया कि रिजल्ट तैयार करते समय एक्सेल शीट में एंट्री के दौरान गलती हुई. जिन छात्रों का रिजल्ट गड़बड़ था, उसे सुधार दिया गया है. कंप्यूटर ऑपरेटर को सख्त चेतावनी दी गई है और निर्देश दिया गया है कि भविष्य में रिजल्ट प्रकाशित करने से पहले उसकी पूरी जांच की जाए."

राम कुमार ने आगे बताया,

"रिजल्ट एक्सेल फॉर्मेट में फीड किया जाता है, जिसमें कभी-कभी टाइपिंग मिस्टेक हो जाती है. इस बार जैसे ही शिकायत आई हमने त्वरित जांच कर गड़बड़ी सुधार दी है. भविष्य में सावधानी बरती जाएगी."

बता दें कि करीब 9 हजार छात्रों ने थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा दी थी, जिनमें से 8 हजार छात्र पास घोषित किए गए हैं. हिन्दी, अंग्रेजी और साइंस स्ट्रीम के छात्रों ने रिजल्ट में गड़बड़ी को लेकर नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि पहले भी उन्हें जानबूझकर 1-2 अंकों से फेल कर दिया गया था. हर बार यूनिवर्सिटी प्रशासन हेड एग्जामिनर की बात कर मामले को दबा देता है, लेकिन सुधार अब तक नहीं हुआ है.

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