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टोकन के लिए लगी थी हजारों की भीड़, तिरुपति भगदड़ मामले में प्रशासन पर लगे आरोप

Tirupati Stampede Update: तिरुमाला तिरूपति देवस्थानम (TTD) के चेयरमैन ने कहा है कि ये हादसा प्रशासन की चूक के कारण हुआ. इसमें 6 लोगों की मौत हो गई है.

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Andhra Pradesh Stampede
भगदड़ में 6 लोगों की मौत हो गई है. (तस्वीर: PTI)
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अपूर्वा जयचंद्रन
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9 जनवरी 2025 (Updated: 9 जनवरी 2025, 03:13 PM IST) कॉमेंट्स
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आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर (Tirupati Balaji Mandir Stampede) में मची भगदड़ में 6 लोगों की मौत हो गई और करीब 25 लोग घायल हो गए. घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. CM चंद्रबाबू नायडू घायलों से मिलने अस्पताल पहुंचे थे. भगदड़ उस समय हुई, जब लोग वैकुंठ द्वार दर्शन (Vaikunth Dwar Darshan) के टोकन के लिए लाइन में लगे थे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस हादसे पर दुख व्यक्त किया है.

राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है,

"ये जानकर बहुत दुख हुआ कि तिरुपति में भगदड़ के कारण कई श्रद्धालुओं की जान चली गई. मैं पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूं और घायलों के जल्दी स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं."

4 हजार लोगों की लाइन लगी थी

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टोकन 9 जनवरी की सुबह से बंटने थे, लेकिन 8 जनवरी की रात से ही काउंटरों पर भारी भीड़ लग गई थी. टोकन के लिए 91 काउंटरों की व्यवस्था की गई है. लेकिन वहां 4 हजार से अधिक लोग लाइन में खड़े थे. तभी वहां अफरा-तफरी मची और लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे.

इस हादसे में मल्लिका नाम की महिला की मौके पर ही मौत हो गई. उनके पति ने बताया,

“मेरी पत्नी मल्लिका अन्य लोगों के साथ वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए टोकन लेने की कोशिश कर रही थी. इस दौरान अचानक भगदड़ मची और इसमें उनकी मौत हो गई. मैंने अपने रिश्तेदारों को इसकी जानकारी दे दी है, वो आ रहे हैं.”

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“प्रशासन की गलती…”

तिरुमाला तिरूपति देवस्थानम (TTD) के चेयरमैन ने कहा है कि ये प्रशासन की चूक के कारण हुआ. उन्होंने बताया,

"हम मानते हैं कि प्रशासन की चूक के कारण ऐसा हुआ. DSP ने एक तरफ का गेट खोला और दूसरे लोग उधर से भागने लगे. 6 लोगों की मौत हुई, जिसमें से एक की पहचान हो गई है. अन्य की पहचान अभी नहीं हो पाई है. CM नायडू पीड़ित परिवारों से मिलेंगे."

रिपोर्ट है कि टोकन की लाइन में खड़ी मल्लिका अचानक गिर गईं. उनको अस्पताल ले जाने के लिए दरवाजा खोला गया. लेकिन भीड़ भी उसी तरफ भागी.

9 से टोकन और 10 को दर्शन

इस साल 10 जनवरी से 19 जनवरी तक वैकुंठ द्वार दर्शन होने हैं. TTD के कार्यकारी अधिकारी श्यामला राव ने एक दिन पहले बताया था कि लोगों को वैकुंठ द्वार तक पहुंचाना TTD की सबसे बड़ी प्राथमिकता है.

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