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"सरकार के पास फ्रीबीज के लिए पैसे हैं और जजों की सैलरी के लिए नहीं..." सुप्रीम कोर्ट ने और भी बहुत कुछ सुना दिया

AAP ने दिल्ली में महिलाओं को हर माह 2,100 रुपये और Congress ने 2,500 रुपये देने की बात कही है. BJP ने दिल्ली में अब तक ऐसी कोई घोषणा तो नहीं की है, लेकिन महाराष्ट्र में पार्टी ने महिलाओं को हर महीने पैसे देने का वादा किया था. Supreme Court ने इन्हीं चुनावी वादों के संदर्भ में टिप्पणी की है.

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Supreme Court on Judges Salary
सुप्रीम कोर्ट ने फ्रीबीज पर टिप्पणी की है. (तस्वीर: सुप्रीम कोर्ट/इंडिया टुडे)
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रवि सुमन
8 जनवरी 2025 (Updated: 8 जनवरी 2025, 09:28 AM IST)
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सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली फ्रीबीज (Supreme Court on Freebies) पर टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा है कि राज्यों के पास मुफ्त सुविधाएं देने के लिए पैसे हैं, लेकिन जब जजों को सैलरी और पेंशन देने की बात आती है तो वित्तीय संकट का दावा कर देते हैं. वित्तीय संकट का मतलब है पैसों की दिक्कत होना. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने लाडली बहना योजना और दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले किए गए वादों का हवाला दिया.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जस्टिस गवई ने कहा, 

"राज्य के पास उन लोगों के लिए सारा पैसा है जो कोई काम नहीं करते. जब हम पैसों की कमी के बारे में बात करते हैं, तो हमें इस (फ्रीबीज) पर भी गौर करना चाहिए. चुनाव आते ही आप लाडली बहना और अन्य नई योजनाओं की घोषणा करते हैं, जिसमें आपको निश्चित राशि का भुगतान करना होता है. दिल्ली में, अब कोई न कोई पार्टी घोषणा कर रही है कि अगर वो सत्ता में आए तो 2,100 या 2,500 रुपये देंगे."

अदालत, ज्यूडिशियल ऑफिसर्स के वेतन और पेंशन से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. ये याचिका ऑल इंडिया जजेस एसोसिएशन की तरफ से 2015 में दायर की गई थी.

ये भी पढ़ें: "सिर्फ चुनाव के समय ही..." वोटर लिस्ट से नाम काटने के आरोपों पर चुनाव आयोग की सफाई

जस्टिस गवई ने मुफ्त सुविधाओं का उल्लेख तब किया, जब अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमन ने कहा कि इस मामले में निर्णय लेते समय, कोर्ट को नई पेंशन स्किम के बाद सरकार पर बढ़े वित्तीय भार को ध्यान में रखना चाहिए. उन्होंने इस मामले को खारिज करने की मांग की लेकिन कोर्ट ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. वरिष्ठ अधिवक्ता के परमेश्वर ने कहा कि न्यायाधीशों को बेहतर वेतन दिया जाना चाहिए.

ये खबर तब आई है, जब राजनीतिक दलों की ओर से फ्रीबीज की घोषणा को शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई है. हालांकि, कोर्ट ने इन याचिकाओं पर अभी विस्तार से विचार करना शुरू नहीं किया है. 5 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है. और 8 फरवरी को वोटों की गिनती की जाएगी. 

इससे पहले आम आदमी पार्टी (AAP) ने सत्ता में वापस आने पर फ्री बिजली, पानी और महिलाओं को हर माह 2,100 रुपये देने की घोषणा की है. वहीं कांग्रेस ने 400 यूनिट फ्री बिजली, पानी और महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये देने की बात कही है. BJP ने दिल्ली में अब तक ऐसी कोई घोषणा तो नहीं की है, लेकिन महाराष्ट्र में पार्टी ने महिलाओं को हर महीने पैसे देने का वादा किया था.

वीडियो: रघुराम राजन ने फ्रीबीज़ और 'रेवड़ी कल्चर' पर बात की, किस बात पर चिंता जता गए?

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