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CJI गवई ने दी मंज़ूरी, प्रोफेसर खान के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ वाले बयान पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

Ashoka University के Prof Ali Khan Mahmudabad को Operation Sindoor पर कॉमेंट के चलते गिरफ्तार किया गया था. इसी गिरफ़्तारी को चुनौती देते हुए याचिका दायर की गई है, जिस पर Supreme Court सुनवाई के लिए राज़ी हो गया है.

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Ashoka University Prof Ali Khan Mahmudabad
प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को गिरफ़्तार किया गया है. (फ़ोटो- Facebook/Ali Khan Mahmudabad)
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हरीश
19 मई 2025 (Published: 03:32 PM IST) कॉमेंट्स
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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद (Ali Khan Mahmudabad) की गिरफ़्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई है. उन्हें ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) पर किए गए कॉमेंट के लिए हरियाणा पुलिस ने गिरफ़्तार किया है.

आरोप है कि प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ने भारतीय सशस्त्र बलों की महिला अधिकारियों का ‘अपमान किया’ और ‘सांप्रदायिक सौहार्द’ को बिगाड़ने का काम' किया था. सोमवार, 19 मई को CJI बीआर गवई की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच सुनवाई कर रही थी.

इस दौरान सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने बेंच से कहा, ‘अशोका यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर पर देशभक्ति वाले बयान देने के लिए कार्रवाई की गई है.’ कपिल सिब्बल ने कोर्ट से मांग की है कि अगर संभव हो, तो इस मामले पर 21 मई को सुनवाई की जाए. जबकि जस्टिस गवई ने इस पर जल्द सुनवाई करने पर सहमति जताई. लेकिन तारीख तभी पता चलेगी जब लिस्ट जारी होगी.

महमूदाबाद के ख़िलाफ़ दो FIR दर्ज हैं. दोनों हरियाणा के सोनीपत ज़िले के राई पुलिस स्टेशन में. पहली, हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया की शिकायत पर. दूसरी, जठेरी गांव के सरपंच और हरियाणा में भाजपा युवा मोर्चा के महासचिव योगेश जठेरी की शिकायत पर.

योगेश जठेरी की शिकायत के आधार पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की इन धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई है- धारा 196(1)B (धर्म के आधार पर ग्रुप्स के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 197(1)C (राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक दावे), 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले काम) और 299 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से दुर्भावनापूर्ण काम).

दूसरी FIR में BNS की ये धाराएं लगी हुई हैं- धारा 353 (सार्वजनिक शरारत करने वाले बयान), 79 (किसी महिला की विनम्रता को अपमानित करने के इरादे से शब्द, इशारा या काम) और 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाला काम).

ये भी पढ़ें- प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ने ऐसा क्या कह दिया था?

मामला क्या है?

8 मई को प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ने फेसबुक पर एक लंबा पोस्ट लिखा था. इसी को लेकर घमासान मचा हुआ है. उनके इस बयान के बाद 12 मई को स्वत: संज्ञान लेते हुए हरियाणा राज्य महिला आयोग ने नोटिस जारी किया. आयोग ने उन्हें 14 मई को पेश होने को कहा था, लेकिन वे नहीं पहुंचे. बताया गया कि प्रोफेसर ने ईमेल कर जानकारी दी कि उन्हें देर से सूचना मिली, इसलिए वे उपस्थित नहीं हो सके.

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