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स्पेन के इस शहर में पब्लिक स्पेस में मुस्लिम त्योहर मनाने पर रोक, कहा गया- 'ईसाइयों की जमीन है, उन्हीं की रहेगी'

लगभग 27 हजार की आबादी वाले जुमिला शहर में लगभग 7.5 फीसदी मुस्लिम आबादी है. जिनमें से कई उत्तरी अफ्रीकी देशों से हैं.

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Spanish town bans Muslim festivals in public spaces
आदेश में बताया गया कि नगरपालिका के खेल और सार्वजनिक सुविधाओं का इस्तेमाल यहां के लोगों की पहचान से अलग धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक गतिविधियों के लिए नहीं किया जा सकता. (फोटो- X)
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प्रशांत सिंह
7 अगस्त 2025 (Published: 09:15 PM IST)
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स्पेन के एक शहर ने सार्वजनिक जगहों पर मुस्लिम त्योहार मनाने पर रोक लगा दी है. शहर की लोकल काउंसिल ने सार्वजनिक स्थानों पर मुस्लिम त्योहारों और धार्मिक आयोजनों पर पूरी तरह से रोक लगाने का फैसला किया है (Spanish town bans Muslim festivals in public spaces). हालांकि, इस कदम को लेकर देश में लोगों की राय बंटी हुई है. कुछ इसे धार्मिक भेदभाव के रूप में देख रहे हैं, जबकि कुछ इसका समर्थन कर रहे हैं.

द गार्डियन से जुड़े स्टीफन बर्गेन की रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण-पूर्वी स्पेन के मर्सिया क्षेत्र के शहर जुमिला में लोकल काउंसिल ने ये फैसला लिया. काउंसिल ने ईद-उल-फितर और ईद-उल-अजहा जैसे मुस्लिम त्योहारों को सिविक सेंटर्स और स्पोर्ट्स हॉल जैसी सार्वजनिक जगहों में मनाए जाने पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पारित किया है. ये प्रस्ताव पीपुल्स पार्टी (PP) द्वारा पेश किया गया था. दक्षिणपंथी वॉक्स पार्टी ने इस पर वोट नहीं किया. जबकि वामपंथी दलों ने इसका विरोध किया.

जुमिला में 7.5 फीसदी मुस्लिम

आदेश में बताया गया कि नगरपालिका के खेल और सार्वजनिक सुविधाओं का इस्तेमाल यहां के लोगों की पहचान से अलग धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक गतिविधियों के लिए नहीं किया जा सकता. ये तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि स्थानीय अधिकारी इसका आयोजन ना कराएं. रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 27 हजार की आबादी वाले जुमिला शहर में लगभग 7.5 फीसदी मुस्लिम आबादी है. जिनमें से कई उत्तरी अफ्रीकी देशों से हैं.

उधर, वॉक्स की स्थानीय शाखा ने सोशल मीडिया पर इस फैसले का समर्थन किया. उन्होंने जश्न मनाते हुए कहा,

"वॉक्स की बदौलत स्पेन के सार्वजनिक स्थलों पर इस्लामिक त्योहारों पर प्रतिबंध लगाने का पहला कदम पारित हो गया है. स्पेन हमेशा से ईसाइयों की भूमि रही है और रहेगी."

वहीं स्पैनिश फेडरेशन ऑफ इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष मुनीर बेनजेलोन अंदालुसी अजहरी ने El País को दिए एक इंटरव्यू में इस प्रतिबंध को ‘इस्लामोफोबिक और भेदभावपूर्ण’ बताया. उन्होंने कहा,

"वो दूसरे धर्मों पर हमला नहीं कर रहे हैं, वो हमारे धर्म पर हमला कर रहे हैं. 30 सालों में पहली बार मुझे डर लग रहा है."

मर्सिया में क्षेत्रीय सोशलिस्ट पार्टी के नेता फ्रांसिस्को लुकास ने X पर इस फैसले की आलोचना की. उन्होंने कहा,

"PP संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन करती है और सत्ता पर काबिज रहने के लिए एक-दूसरे के साथ रहने के अस्तित्व को खतरे में डालती है."

रिपोर्ट्स के मुताबिक लीगल एक्सपर्ट्स और विपक्षी नेताओं ने इस कदम को संभावित रूप से असंवैधानिक बताया है. स्पेन के संविधान का आर्टिकल 16 धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है. इसमें कहा गया है कि सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक होने पर ही कोई प्रतिबंध लगाया जा सकता है.

जुमिला का इतिहास

जुमिला शहर आठवीं शताब्दी में अरब शासकों के नियंत्रण में आने से पहले रोमन साम्राज्य का हिस्सा था. 13वीं शताब्दी में कैस्टिले के अल्फोंसो एक्स के नेतृत्व में ईसाई सेनाओं द्वारा कब्जा किए जाने तक ये मुख्य रूप से अरब साम्राज्य का हिस्सा रहा. अल्काट्राज के कैपिट्यूलेशन नाम की एक संधि ने लोगों के सह अस्तित्व की अनुमति दी. लेकिन अल्फोंसो की मौत के तुरंत बाद अरब शासन समाप्त हो गया और कैस्टिले ने इस क्षेत्र पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया.

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