भारतीय नागरिक बनने से पहले सोनिया गांधी का नाम वोटर लिस्ट में, BJP का आरोप
केंद्रीय मंत्री Anurag Thakur ने Congress समेत विपक्षी दलों पर वोटर लिस्ट में विदेशी घुसपैठियों के नाम शामिल करने का आरोप लगाया. इससे पहले BJP के अमित मालवीय ने Sonia Gandhi पर गंभीर आरोप लगाए.

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस के 'वोट चोरी' अभियान पर जोरदार जवाब दिया है. बीजेपी ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस की पूर्व प्रेसिडेंट और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी का नाम वोटर लिस्ट में तब जोड़ा गया, जब वे भारतीय नागरिक भी नहीं थीं.
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर एक पोस्ट में यह दावा किया. उन्होंने कहा कि 1980 में जब सोनिया गांधी इटली की नागरिक थीं, तब उनका नाम दिल्ली के सफदरजंग रोड की वोटर लिस्ट में दर्ज किया गया था.
यह वही पता है जहां उस समय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी अपने परिवार के साथ रहती थीं. मालवीय ने इसे एक बड़ी चुनावी गड़बड़ी बताया और कांग्रेस पर नागरिकता कानूनों की अनदेखी करने का आरोप लगाया.
अमित मालवीय के इस दावे के बाद बीजेपी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की. जहां केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने मोर्चा संभाला. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर मतदाता सूची में विदेशी घुसपैठियों के नाम शामिल करने का आरोप लगाया.
सोनिया गांधी को लेकर अमित मालवीय का दावा तत्कालीन कांग्रेस शासन के दौरान कथित चुनावी धांधली को लेकर है. मालवीय ने एक्स पर दावा करते हुए लिखा,
"भारत की मतदाता सूची के साथ सोनिया गांधी का रिश्ता चुनावी कानून के घोर उल्लंघनों से भरा हुआ है. शायद यही कारण है कि राहुल गांधी अयोग्य और अवैध मतदाताओं को नियमित करने के पक्ष में हैं और SIR के लिए उनका विरोध है."
उन्होंने अपने पोस्ट में एक चुनावी दस्तावेज को शेयर करते हुए लिखा,
"उनका (सोनिया गांधी) नाम पहली बार वोटर लिस्ट में 1980 में आया - तीन साल पहले जब वे भारतीय नागरिक बनी थीं और तब भी उनके पास इटली की नागरिकता थी. उस समय गांधी परिवार 1, सफदरजंग रोड पर रहता था, जो प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का सरकारी आवास था. उस समय तक इस पते पर रजिस्टर्ड वोटर्स इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी और मेनका गांधी थे. 1980 में नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र की वोटर लिस्ट का 1 जनवरी 1980 की तारीख के आधार पर रिवीजन किया गया. इसी रिवीजन के दौरान सोनिया गांधी का नाम जोड़ा गया, जो पोलिंग स्टेशन नंबर 145 में सीरियल नंबर 388 पर दर्ज हुआ."

मालवीय ने दावा किया कि यह कानून का सीधा उल्लंघन था, क्योंकि वोटर बनने के लिए भारत का नागरिक होना जरूरी है. उन्होंने बताया कि 1982 में आपत्तियों के बाद सोनिया गांधी का नाम हटा दिया गया, लेकिन 1983 की वोटर लिस्ट अपडेट में फिर से उनका नाम आ गया.
मालवीय ने आरोप लगाया कि इस अपडेट में सोनिया गांधी का नाम पोलिंग स्टेशन 140 में सीरियल नंबर 236 पर दर्ज था. उस साल मतदाता बनने की आधार तारीख 1 जनवरी 1983 थी. मालवीय ने दावा किया सोनिया गांधी को भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को मिली थी.
मालवीय ने कहा, "दूसरे शब्दों में सोनिया गांधी का नाम दो बार वोटर लिस्ट में बिना मूल नागरिकता की शर्त पूरी किए दर्ज हुआ. पहली बार 1980 में जब वे इटली की नागरिक थीं, और दूसरी बार 1983 में, जबकि वे कानूनी तौर पर भारत की नागरिक नहीं थीं."
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि उन्होंने राजीव गांधी से शादी के 15 साल बाद भारतीय नागरिकता क्यों ली. उन्होंने सवाल किया कि यह 'खुली चुनावी धांधली' नहीं तो और क्या है.
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