भारत को रूस का बड़ा ऑफर, 'अमेरिका वाला सामान हमें भेजें, तेल खरीद पर डिस्काउंट भी...'
रूसी दूतावास के अधिकारी बाबुश्किन ने अमेरिकी टैरिफ के बीच भारतीय प्रोडक्ट्स के रूस में निर्यात किए जाने का प्रस्ताव दिया है. उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका के बाजार में एंट्री में दिक्कत है तो भारत रूस का रुख कर सकता है.

अमेरिका की ‘टैरिफ वॉर’ के बीच भारत को 'दोस्त' रूस का साथ मिला है. रूसी दूतावास के अधिकारी रोमन बाबुश्किन ने बुधवार 20 अगस्त को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि अगर अमेरिकी मार्केट में भारत की एंट्री में दिक्कत हो रही है तो रूस के बाजार में उसका स्वागत है. वह रूस को अपने सामान का निर्यात कर सकता है. रूस से तेल खरीदने पर भारत पर टैरिफ बढ़ाने के अमेरिकी दांव को उन्होंने ‘अनुचित’ और ‘एकतरफा’ बताया. इसी बीच रूस ने एलान किया है कि वह तेल खरीद पर भारत को 5 फीसदी की और छूट दे सकता है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, बाबुश्किन ने कहा कि अगर भारत रूसी तेल लेना बंद भी कर दे तो भी पश्चिमी देश उसके साथ बराबरी का रिश्ता नहीं रखेंगे. ये उनका स्वभाव है कि वो सिर्फ अपने फायदे के बारे में सोचते हैं. उन्होंने आगे कहा,
रूस को ‘प्यारा’ है भारतअसल में ये प्रतिबंध उन्हीं पर भारी पड़ रहे हैं जो इन्हें लगा रहे हैं. भारत के लिए हालात मुश्किल हैं लेकिन हमें अपने रिश्तों पर भरोसा है. हमें भरोसा है कि भारत-रूस ऊर्जा सहयोग बाहरी दबाव के बावजूद जारी रहेगा.
बाबुश्किन ने कहा कि रूस भारत को कच्चे तेल का सबसे बड़ा सप्लायर है और भारत की जरूरतें हर साल बढ़ रही हैं. ये दोनों देशों की अर्थव्यवस्था के लिए फायदे का सौदा है और उन्हें भरोसा है कि ये साझेदारी आगे भी चलेगी. प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की हाल की फोन पर बातचीत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा,
रूस, चीन और भारत की तिकड़ीराष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी को फोन कर यूक्रेन की ताजा स्थिति समझाई. इसका मतलब है कि भारत रूस के लिए बेहद अहम है. हम दोनों देशों के लिए फायदे का हल निकाल सकते हैं. यह साझेदारी जितनी गहरी होगी. हम उतना आगे बढ़ेंगे.
बाबुश्किन ने भारत, रूस और चीन की ‘तिकड़ी’ को क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए अहम बताया और उम्मीद जताई कि जल्दी ही तीनों देशों के बीच त्रिपक्षीय वार्ता होगी. उन्होंने यह भी कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल के अंत तक नई दिल्ली में मुलाकात करेंगे. हालांकि, तारीखें अभी तय नहीं हैं.
बाबुश्किल का ये बयान ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलीन लीविट ने कहा कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त टैरिफ इसलिए लगाया है ताकि रूस पर दबाव बने और वो यूक्रेन युद्ध बंद करे. ये नया 25 प्रतिशत टैक्स 27 अगस्त से लागू होना है. अमेरिका ने ये भी चेतावनी दी है कि अगर रूस ने युद्ध बंद नहीं किया तो उसके खरीदार देशों खासतौर पर चीन और भारत पर सेकंडरी सैंक्शन लगाए जाएंगे.
'तेल खरीद पर 5 फीसदी की छूट'बाबुश्किन के साथ इस कॉन्फ्रेंस में भारत में रूस के डिप्टी ट्रेड रिप्रेज़ेंटेटिव एवगेनी ग्रिवा भी मौजूद थे. उन्होंने इशारा दिया कि रूस तेल खरीद पर भारत को 5 और प्रतिशत की छूट दे सकता है. हालांकि, यह दोनों देशों के बीच बातचीत पर निर्भर करेगा. उन्होंने कहा,
भारतीय कंपनियों को रूसी कच्चा तेल खरीदने पर 5 फीसदी तक की छूट मिलेगी, बशर्ते दोनों तरफ बातचीत में यह तय हो जाए.
ग्रिवा ने आगे कहा कि भारत रूस से जितना तेल लेता आया है, उतना लेता रहेगा. राजनैतिक हालात चाहे जो भी हों. उन्होंने कहा कि तेल पर डिस्काउंट एक कमर्शियल सीक्रेट है जो आमतौर पर दो बिजनसमेन के बीच बातचीत से तय होता है. अक्सर यह 5 प्रतिशत के आसपास ही होता है. थोड़ा ऊपर-नीचे हो सकता है लेकिन ज्यादातर यही औसत रहता है.
वीडियो: क्या पुतिन पर दबाव बनाने के लिए ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया? व्हाइट हाउस ने क्या कहा है?