महिला का आरोप, 'शादी के नाम पर रेप किया, कई बार होटल बुलाया', SC ने कहा- 'बार-बार होटल गईं क्यों?'
कोर्ट ने पूछा कि महिला शादीशुदा होने के बावजूद दूसरे पुरुष के साथ रिश्ते में क्यों थी. कोर्ट ने कहा कि ये अपने आप में ही गलत है. कोर्ट ने ये भी कहा कि महिला को अपने रिश्ते की सच्चाई पता थी.

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में प्रेम संबंध से जुड़े एक मामले में अहम फैसला सुनाया. बिहार की एक शादीशुदा महिला ने अपने पूर्व साथी पर रेप का आरोप लगाया था. महिला का कहना था कि उसने शादी का झूठा वादा करके उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए. इस शख्स को हाई कोर्ट से जमानत मिल चुकी थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने भी उसे हाई कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत रद्द करने से इनकार कर दिया है.
‘आप बार-बार होटल क्यों गईं?’बार एंड बेंच से जुड़े ऋत्विक चौधरी की रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एमएम सुंदरेश और एन कोटिस्वर सिंह की बेंच ने मामले की सुनवाई की. कोर्ट ने महिला के दावों पर सवाल उठाए. कहा कि वो पहले से शादीशुदा थी, उसके दो बच्चे भी थे, इसके बावजूद दूसरे पुरुष के साथ रिश्ते में क्यों थी. ये अपनेआप में ही गलत है. शीर्ष अदालत ने ये भी कहा कि महिला को अपने रिश्ते की सच्चाई पता थी.
महिला ने अपनी दलील में कहा था कि आरोपी ने उसके साथ यौन संबंध बनाने के इरादे से उसे कई बार होटल बुलाया था. इसके जवाब में बेंच ने कहा कि वो एक एडल्ट है, जो सब कुछ जानते हुए एक्स्ट्रामैरिटल रिलेशन में आई थी. अदालत ने कहा,
2016 में बने थे दोस्त"उसके कहने पर आप बार-बार होटल क्यों गईं? आप एक मैच्योर व्यक्ति हैं और आप उस रिश्ते को समझती हैं जो आप अपनी शादी के बाहर बना रही थीं. आपने भी एक अपराध किया है."
रिपोर्ट के मुताबिक महिला साल 2016 में सोशल मीडिया के जरिए आरोपी से कॉन्टैक्ट में आई थी. जुलाई 2022 में आरोपी ने कथित तौर पर उसे सुल्तानगंज के एक रेस्ट हाउस में बुलाया था. महिला का आरोप है कि वहां उसे खाने-पीने में नशीला पदार्थ दिया गया. होश में आने पर उसने कथित तौर पर खुद को बिना कपड़ों के पाया. महिला ने आरोप लगाया कि उसका यौन उत्पीड़न किया गया था. इसके बाद आरोपी ने उसे कथित तौर पर वीडियो और तस्वीरें का हवाला देकर धमकाया भी.
महिला ने दावा किया कि आरोपी ने उससे शादी का वादा किया था. उसने कहा कि इस वजह से वो उसके साथ रिश्ते में आई. महिला ने ये भी बताया कि उसने आरोपी के कहने पर अपने पति से तलाक लिया. लेकिन 6 मार्च 2025 को तलाक मिलने के बाद आरोपी ने कथित तौर पर उससे शादी करने से इनकार कर दिया और रिश्ते से भी मुकर गया. इसके बाद महिला ने बिहार पुलिस में आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. उसने बलात्कार और धोखे का आरोप लगाया.
आरोपी पहुंचा था हाई कोर्टआरोपी शख्स मामले में अग्रिम जमानत के लिए जमुई के एडिशनल सेशन जज के पास गया. 6 मई को उसकी याचिका खारिज कर दी गई. इसके बाद उसने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 की धारा 482 के तहत पटना हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की. 21 मई को हाई कोर्ट ने उसे अग्रिम जमानत दे दी. कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि याचिकाकर्ता और आरोपी के बीच तलाक के बाद कोई शारीरिक संबंध नहीं था. और ये मामला मूल रूप से सहमति से बने संबंध पर आधारित था.
हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए महिला सुप्रीम कोर्ट पहुंची. यहां उसने तर्क दिया कि हाई कोर्ट ने मामले में पूरी गंभीरता से विचार नहीं किया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा.
वीडियो: RTI में खुलासा, सुप्रीम कोर्ट में ग्लास पैनल लगाने-हटाने पर करोड़ों खर्च