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'CJI दलित है, सवर्ण समाज के कुछ लोगों को पसंद नहीं आया..', केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले का बयान

केंद्रीय मंत्री Ramdas Athawale ने कहा, 'BR Gavai को CJI बनने का अवसर मिला... सवर्ण समाज के कई लोगों को ये पसंद नहीं आया, इसलिए उन्होंने उन पर इस तरह हमला किया है.'

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Ramdas Athawale CJI BR Gavai
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने CJI बीआर गवई पर हमले की कोशिश वाली घटना पर बयान दिया है. (फोटो- PTI)
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हरीश
9 अक्तूबर 2025 (Published: 12:14 AM IST)
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केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले का कहना है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई पर हमला इसलिए किया गया, क्योंकि वो दलित समुदाय से हैं. उनकी मांग है कि हमले की कोशिश करने वाले वकील के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाए.

सुप्रीम कोर्ट में 6 अक्टूबर, 2025 को CJI गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की गई थी. 71 साल के वकील राकेश किशोर ने अदालती कार्यवाही के दौरान ये हरकत की थी. इस पर पणजी में प्रेस को संबोधित करते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री अठावले ने कहा,

ये घटना निंदनीय है. पहली बार भारत के मुख्य न्यायाधीश पर ऐसा हमला हुआ है... माननीय भूषण गवई दलित समुदाय से हैं और उनके पिता केरल और बिहार के राज्यपाल रहे हैं... लेकिन उन्होंने पढ़ाई की और अपनी मेहनत के बल पर... वो बॉम्बे हाई कोर्ट में थे और बाद में सुप्रीम कोर्ट के जज बने, और उन्हें सुप्रीम कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनने का अवसर मिला... सवर्ण समाज के कई लोगों को ये पसंद नहीं आया, इसलिए उन्होंने उन पर इस तरह हमला किया है.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) के प्रमुख ने आगे कहा,

प्रधानमंत्री ने इसकी निंदा की है... मैं भी इसकी निंदा करता हूं, और मेरी मांग है कि आरोपियों पर (एससी/एसटी) अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाए. भूषण गवई पर इसलिए हमला किया गया. क्योंकि वह दलित हैं. इससे पहले, भारत के मुख्य न्यायाधीश पर ऐसा हमला कभी नहीं हुआ.

गुरुवार, 9 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने वकील राकेश किशोर की अस्थायी सदस्यता समाप्त कर दी. SCBA ने उनके कृत्य को ‘गंभीर कदाचार’ करार दिया. बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने भी पहले उन्हें वकालत करने से निलंबित करने का आदेश दिया था.

ये भी पढ़ें- CJI गवई पर हमले की कोशिश के बाद पीएम मोदी का रिएक्शन

आज, 9 अक्टूबर को ही सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान CJI गवई ने कहा कि इस घटना से वो स्तब्ध हो गए थे. CJI ने इस घटना को अब ‘एक भूला हुआ अध्याय’ बताया है. CJI गवई के साथ बेंच शेयर कर रहे जस्टिस उज्जवल भुइयां ने भी घटना पर भी कड़ी आपत्ति जताई है.

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