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'मैं स्तब्ध था...', खुद पर हुए हमले के बाद CJI गवई की पहली प्रतिक्रिया आई

CJI BR Gavai पर Supreme Court के अंदर Lawyer Rakesh Kishore ने जूते से हमले की कोशिश की थी. अब खुद CJI ने मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए इस पर बात की है.

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Gavai Breaks Silence On Shoe Attack
CJI गवई ने अपने पर हुए हमले की कोशिश पर बात की है. (फाइल फोटो- इंडिया टुडे)
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हरीश
9 अक्तूबर 2025 (Published: 08:08 PM IST)
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भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई पर जूता फेंकने की घटना ने पूरे देश को स्तब्ध किया. हर तबके ने इस घटना की निंदा की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी CJI से फोन पर बात की और X पर बयान साझा किया. मगर अब CJI गवई इस घटना के बाद कैसा महसूस कर रहे हैं, उनका बयान नहीं आया था. अब उन्होंने इस मामले पर चुप्पी तोड़ी है. सुप्रीम कोर्ट मे एक मामले की सुनवाई के दौरान CJI गवई ने कहा कि इस घटना से वो स्तब्ध हो गए थे. CJI ने इस घटना को अब ‘एक भूला हुआ अध्याय’ बताया है. CJI गवई के साथ बेंच साझा कर रहे जस्टिस उज्जवल भुइयां ने भी घटना पर भी कड़ी आपत्ति जताई है.

9 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान CJI गवई ने तीन दिन पहले हुई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को याद किया. उन्होंने कहा,

सोमवार, 6 अक्टूबर को जो हुआ, उससे मैं और मेरे विद्वान साथी बहुत स्तब्ध थे. अब, हमारे लिए ये एक भूला हुआ अध्याय है.

जस्टिस उज्ज्वल भुइयां भी मामले की सुनवाई में पीठ का हिस्सा थे. उन्होंने इस हमले पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा,

इस पर मेरे अपने विचार हैं. वे (गवई) भारत के मुख्य न्यायाधीश हैं, ये कोई मजाक की बात नहीं है! सालों से जजों के रूप में हम बहुत से ऐसे काम करते हैं, जो दूसरों को उचित नहीं लगते. लेकिन इससे हमारे किए के बारे में हमारी राय नहीं बदलती.…जो हुआ वो संस्था का अपमान है.

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान वकील गोपाल शंकरनारायणन ने भी मामले पर अपनी राय रखी. उन्होंने एक दशक पहले हुई ऐसी ही एक घटना को याद किया और कहा,

मैंने भी इस पर एक लेख लिखा था... 10 साल पहले एक अन्य अदालत में भी कुछ ऐसा ही हुआ था. वहां के दो जजों ने अवमानना के अधिकारों के इस्तेमाल और कार्यवाही पर अलग-अलग राय रखी थी.

सुप्रीम कोर्ट में 6 अक्टूबर, 2025 को CJI गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की गई थी. 71 साल के वकील राकेश किशोर पर ये हरकत की. पुलिस ने पूछताछ के तीन घंटे बाद राकेश को जाने की इजाजत दे दी. सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने उनके खिलाफ मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया था. हालांकि, बेंगलुरु में आरोपी वकील के खिलाफ ज़ीरो FIR दर्ज की गई है. 

पूछताछ में किशोर से उनके इस कदम के पीछे की वजह पूछी गई. खबर के मुताबिक, अधिवक्ता ने दावा किया कि वो खजुराहो मंदिर परिसर में भगवान विष्णु की मूर्ति की पुनर्स्थापना से जुड़ी याचिका की हालिया सुनवाई के दौरान CJI की टिप्पणियों से नाराज थे.

ये भी पढ़ें- CJI गवई पर हमले की कोशिश के बाद पीएम मोदी का रिएक्शन

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका के जरिए मध्य प्रदेश के खजुराहो में मौजूद जवारी मंदिर में भगवान विष्णु की 7 फीट ऊंची मूर्ति के पुनर्निर्माण की मांग की गई थी. आला अदालत ने इस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए इसे 'पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन' करार दिया था.

वीडियो: CJI गवई पर हमला करने वाले वकील राकेश किशोर ने क्या बताया?

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