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CJI गवई पर हमले की कोशिश के बाद पीएम मोदी का रिएक्शन आ गया

Supreme Court में एक वकील ने CJI BR Gavai पर जूता फेंकने की कोशिश की थी. इस घटना के बाद PM Narendra Modi ने CJI गवई से बात की है. पीएम मोदी ने सीजेआई पर हमले की कड़ी निंदा की.

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PM नरेंद्र मोदी ने CJI बीआर गवई पर हमले की निंदा की. (PTI)
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मौ. जिशान
6 अक्तूबर 2025 (Updated: 6 अक्तूबर 2025, 11:00 PM IST)
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के चीफ जस्टिस बीआर गवई से बात की है. आज (सोमवार, 6 अक्टूबर) सुप्रीम कोर्ट की एक कार्यवाही के दौरान CJI गवई पर हमला करने की कोशिश की गई थी. इसके बाद पीएम मोदी ने उनसे बात कर इस घटना की निंदा की. उन्होंने कहा कि CJI गवई पर हमले ने हर भारतीय को नाराज किया है. पीएम मोदी ने CJI की तारीफ करते हुए कहा कि ऐसे हालात में भी CJI ने जो धैर्य दिखाया, वो काबिले तारीफ है.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान एक सीनियर वकील ने CJI गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की थी. हालांकि, सुरक्षाकर्मी उसे तुरंत पकड़कर बाहर ले गए. देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए X पर लिखा,

"भारत के चीफ जस्टिस, जस्टिस बीआर गवई जी से बात की. आज सुबह सुप्रीम कोर्ट परिसर में उन पर हुए हमले से हर भारतीय नाराज है. हमारे समाज में ऐसे निंदा से भरे कामों के लिए कोई जगह नहीं है. यह बहुत ज्यादा निंदनीय है.

ऐसी स्थिति में जस्टिस गवई ने जो धैर्य दिखाया, मैं उसकी सराहना करता हूं. यह न्याय के मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और हमारे संविधान की भावना को मजबूत करने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है."

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, CJI बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील राकेश किशोर को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने निलंबित कर दिया है. निलंबन के दौरान राकेश किशोर को किसी भी अदालत या ट्रिब्यूनल में वकालत करने की इजाजत नहीं होगी. इसके अलावा BCI ने उनका वकील का लाइसेंस भी रद्द कर दिया है.

BCI ने बताया कि वकील के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी. इसके तहत राकेश किशोर को नोटिस (शो कॉज नोटिस) भेजा जाएगा. 15 दिन के अंदर उन्हें बताना होगा कि उनके खिलाफ क्यों ना कार्रवाई जारी रखी जाए. नोटिस का जवाब देने और जांच के आधार पर काउंसिल उचित कदम उठाएगी.

वहीं, वकील राकेश किशोर के खिलाफ मुख्य न्यायधीश बीआर गवई किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं चाहते हैं. सुप्रीम कोर्ट के उच्च अधिकारियों के अनुसार, CJI ने कहा कि इस घटना को नजरअंदाज किया जाए और इसे गंभीरता से ना लिया जाए.

CJI ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल, सिक्योरिटी इंचार्ज और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने पर चर्चा की गई.

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