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जज साहब को पुलिसकर्मी का सैल्यूट खटक गया, IG को बोल सलामी देने की ट्रेनिंग पर भेजा

Rajasthan के जालौर की सेशन कोर्ट में हेड कांस्टेबल पूनराम की पेशी थी. उन्होंने जज साहब को सैल्यूट तो किया, मगर सलामी का तरीका उन्हें पसंद नहीं आया.

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Rajasthan jalore judge head constable salute
हेड कांस्टेबल का सैल्यूट जज साहब को पसंद नहीं आया. (इंडिया टुडे)
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आनंद कुमार
6 दिसंबर 2024 (Updated: 6 दिसंबर 2024, 07:59 PM IST) कॉमेंट्स
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राजस्थान पुलिस में बतौर हेड कांस्टेबल काम करने वाले पूनाराम इन दिनों पुलिस लाइन में सलामी देने की ट्रेनिंग ले रहे हैं. सलामी जिसे अंग्रेजी में सैल्यूट भी कहते हैं. अब आप कहेंगे कि सैल्यूट देना तो पुलिसवालों के रोज का काम है, फिर इसकी ट्रेनिंग काहे लेनी है. मगर ट्रेनिंग तो चल रही है और वो भी पूरे सात दिनों की. उनकी ट्रेनिंग का इंतजाम आईजी स्तर के अधिकारी ने किया है और वो भी सेशन कोर्ट के निर्देश पर. 

दरअसल हुआ यूं कि हेड कांस्टेबल पूनाराम कि जालौर सेशन कोर्ट में पेशी थी.  सेशन जज मोहम्मद हारून की कोर्ट में पेश होते ही पूनाराम ने सैल्यूट मारा. मगर सलामी का तरीका जज साहब को पसंद नहीं आया. दरअसल पुलिस सैल्यूट का जो तरीका होता है, पूनाराम का सैल्यूट उससके आसपास भी नहीं था. जज हारून ने IG पुलिस को निर्देश दिया कि हेड कांस्टेबल को उचित ट्रेनिंग दी जाए. 

जिला सेशन कोर्ट के जज मोहम्मद हारून ने पूनाराम की सलामी ट्रेनिंग के लिए बकायदा IG को निर्देश जारी किया. आईजी साहब ने SP जालौर को ट्रेनिंग का बंदोबस्त करने को कहा.  जिसके बाद एसपी 7 दिनों तक पुलिस लाइन में परेड करने और सैल्यूट का अभ्यास करने का निर्देश जारी कर दिया.

सिर्फ इतना ही नहीं पूनाराम को कोर्ट में पेश होने के दौरान अपनाए जाने वाले नियम-कायदों के बारे में भी पूरी जानकारी हासिल करने को कहा गया. ट्रेनिंग खत्म होने के 10 दिनों के भीतर पूनाराम एसपी ऑफिस में ट्रेनिंग रिपोर्ट भी पेश करेंगे और बताएंगे कि क्या-क्या सीखा. 

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'योरऑनर' के संबोधन पर CJI ने टोका था

इससे पहले 2021 में तत्कालिन CJI एसए बोबडे ने खुद को 'योरऑनर' कहकर संबोधित करने पर एतराज जताया था. हुआ यूं कि तत्कालिन चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अगुवाई वाली बेंच में लॉ स्टूडेंट खुद पेश हो रहे थे. संबोधन के दौरान उन्होंने चीफ जस्टिस को योरऑनर संबोधित किया. तब चीफ जस्टिस ने एतराज जताया और कहा कि ये यूएस कोर्ट नहीं है. इस संबोधन से आप संबोधित न करें. याची लॉ स्टूडेंट ने माफी मांगते हुए माई लॉर्ड संबोधित किया तब चीफ जस्टिस ने उन्हें आगे से गलत संबोधन ना करने की हिदायद दी थी. 

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