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बहन बोलकर जीता भरोसा, दो बार किया रेप, पुणे रेप केस में अब ये सब पता चला है

Pune Bus Rape Case Update: पब्लिक प्रॉजीक्यूटर ने अपराध की जांच के लिए आरोपी की 14 दिनों की पुलिस हिरासत की मांग की. वहीं, बचाव पक्ष के वकीलों ने कहा कि दो दिन की पुलिस हिरासत पर्याप्त है. लेकिन कोर्ट ने आरोपी 12 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा है.

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Pune bus rape accused called victim sister
आरोपी दत्तात्रेय रामदास गाडे को 12 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. (फ़ोटो - PTI)
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हरीश
1 मार्च 2025 (Published: 01:22 PM IST) कॉमेंट्स
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पुणे की बस में महिला से रेप करने के आरोपी दत्तात्रेय रामदास गाडे को 12 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. उसे 28 फ़रवरी को पुणे की एक कोर्ट के सामने पेश किया गया था. जहां कोर्ट ने ये आदेश दिया. कोर्ट में पुलिस और आरोपी के तरफ़ से पक्ष रखे गए (Pune Rape Accused Police Custody).

यहां पुलिस ने कहा कि घटना वाले दिन विक्टिम आरोपी गाडे के साथ बस में गई, क्योंकि उसने उसे बार-बार ‘ताई’ (बहन) कहकर उसका विश्वास जीता. वहीं, बचाव पक्ष के वकील ने दावा किया कि गोडा ने विक्टिम के साथ रेप नहीं किया, बल्कि सहमति के शारीरिक संबंध बनाए.

मामला क्या है?

दरअसल, पुणे शहर के स्वारगेट डिपो में एक महिला के साथ कथित तौर पर 25 फ़रवरी को रेप किया गया. आरोप है कि सरकारी शिवशाही बस में आरोपी ने 26 साल की महिला के साथ दो बार रेप किया. आरोपी की खोजबीन शुरू हुई. फिर 28 फ़रवरी को पुणे ज़िले के शिरुर तालुका में स्थित उसके पैतृक गांव गुनात से गाडे को गिरफ़्तार कर लिया गया.

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, ससून अस्पताल में उसकी मेडिकल जांच हुई. इसके बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट (फ़र्स्ट क्लास) TS गायगोले की अदालत में आरोपी गाडे को पेश किया गया. सीनियर इंस्पेक्टर युवराज नांद्रे की टीम ने शाम क़रीब 6.15 बजे उसे पेश किया.

कोर्ट में क्या हुआ?

इस दौरान, पुलिस ने घटना को लेकर कोर्ट में पूरी जानकारी पेश की है. इस जानकारी के मुताबिक़, विक्टिम महिला घटना के दिन सुबह क़रीब 5.30 बजे स्वारगेट बस डिपो पर बस का इंतजार कर रही थी. ताकि वो सतारा ज़िले में अपने होमटाउन जाने के लिए बस पकड़ सके. इस दौरान गाडे बस डिपो पर घूम रहा था.

फिर वो कथित तौर पर विक्टिम के पास आया और उससे पूछा ‘ताई, कुठे चालिस तू? (बहन, तुम कहां जा रही हो?).’ जब उसने जवाब दिया, तो गाडे ने कथित तौर पर उससे कहा कि उसके होमटाउन के लिए बस, डिपो में किसी अन्य जगह पर खड़ी है. आरोपी गाडे लगातार उसे बहन कहता रहा. ऐसे में महिला को उस पर भरोसा हो गया. 

लेकिन उसने कथित तौर पर उसे गुमराह किया और अपने साथ डिपो की शिवशाही बस (जो स्वर्गेट-सोलापुर रूट पर चलती है) में ले गया. बस के अंदर कोई लाइट नहीं थी. लेकिन आरोपी ने उससे कहा कि शायद यात्री सो रहे होंगे. वो मोबाइल फ़ोन की लाइट जलाकर देख सकती है. महिला ने बस की जांच करने के लिए लाइट जलाई. लेकिन अंदर कोई यात्री नहीं मिला.

ऐसे में विक्टिम महिला ने आरोपी से कहा, ‘दादा, माला बाहर जौ द्या, माला घरी जाएचे आहे (भाई, मुझे बस से बाहर जाने दो, मुझे घर जाना है).’ इसके बाद आरोपी ने बस में उसके साथ दो बार बलात्कार किया और विक्टिम को रोता हुआ छोड़कर भाग गया. वहीं, महिला भी बस से उतर गई और अपने गृहनगर के लिए दूसरी बस में सवार हो गई.

इसके बाद, हडपसर पहुंचने पर उसने फोन पर एक दोस्त से बात की. उस दोस्त ने जोर देकर कहा कि उसे पुलिस से संपर्क करना चाहिए. इसके बाद वो सुबह क़रीब 9 बजे स्वारगेट पुलिस स्टेशन गई और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 64, 351 (2) के तहत आरोपी के ख़िलाफ़ FIR दर्ज कराई. 

बाद में पुलिस ने जांच शुरू की. फिर स्वारगेट बस डिपो और अन्य जगहों के CCTV कैमरों से हासिल सुरागों से आरोपी की पहचान की. पुलिस ने कोर्ट को बताया कि आरोपी एक हिस्ट्रीशीटर है. उस पर पहले भी छह आपराधिक मामले दर्ज हैं. पुलिस ने कहा कि इनमें से पांच मामलों में पीड़ित महिलाएं थीं. पुलिस ने कहा कि इससे पता चलता है कि आरोपी महिलाओं के प्रति कितना असंवेदनशील है.

वकील क्या बोले?

इसके बाद, पब्लिक प्रॉजीक्यूटर भाग्यश्री संचेती दगले ने अपना पक्ष रखा. उन्होंने इस घटना को 'बहुत गंभीर प्रकृति का' बताया है. साथ ही, अपराध की जांच के लिए आरोपी की 14 दिनों की पुलिस हिरासत की मांग की. वहीं, आरोपी की तरफ़ से वकील साजिद शाह, वाजेद खान बिडकर और अजिंक्य महादिक और सुमित पोटे कोर्ट में पेश हुए.

इन वकीलों ने दलील दी कि आरोपी ने विक्टिम पर ‘दबाव नहीं डाला’. कथित तौर पर दोनों के बीच सहमति से शारीरिक संबंध बने थे, जिसे ‘बलात्कार नहीं कहा जा सकता’. उन्होंने तर्क दिया कि आरोपी को पहले किसी भी मामले में दोषी नहीं ठहराया गया था. वकील साजिद ने तर्क दिया कि पिछले मामले डकैती और चोरी के थे. इनमें से कोई भी महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध नहीं था.

बचाव पक्ष के वकीलों ने कहा कि दो दिन की पुलिस हिरासत पर्याप्त है. लेकिन कोर्ट ने आगे की जांच के लिए आरोपी को 12 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है.

वीडियो: पुणे रेप केस के आरोपी के बारे में क्या बात सामने आई?

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