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‘पर्यटक कश्मीर आपके भरोसे गए, आपने उन्हें भगवान भरोसे छोड़ा’, संसद में बोलीं प्रियंका गांधी

Priyanka Gandhi ने संसद में कहा कि जैसे ही हमले की बात उठी तो सत्ता पक्ष नेहरू पर चला गया. लेकिन यह नहीं बताया कि जंग रुकी क्यों. सीजफायर क्यों हुआ? कांग्रेस सांसद ने पहलगाम हमला क्यों और कैसे हुआ इस पर भी सवाल उठाया.

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Priyanaka Gandhi Vadra In Parliament On Operation Sindoor Debate
संसद में प्रियंका गांधी. (फाइल फोटो)
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रिदम कुमार
29 जुलाई 2025 (Updated: 29 जुलाई 2025, 03:11 PM IST) कॉमेंट्स
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संसद में Operation Sindoor पर दूसरे दिन भी चर्चा जारी रही. Congress की तरफ से दूसरे दिन Priyanka Gandhi ने शुरुआत की. उन्होंने Pahalgam Terror Attack को लेकर सत्ता पक्ष पर जमकर निशाना साधा. कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि सत्ता पक्ष ने सब कुछ बता दिया. लेकिन एक बात छूट गई कि आखिर 22 अप्रैल का हमला कैसे और क्यों हुआ? 

प्रियंका गांधी ने कहा, 

सरकार ने दावा किया कश्मीर में अमन है. सरकार लोगों को टूरिज्म के लिए बुलावा दे रही थी. जमीन खरीदने के लिए आमंत्रित किया गया. इसी बीच लोगों ने तय किया कि वे कश्मीर जाएंगे. शुभम द्विवेदी भी इनमें शामिल थे. उस दिन भी तमाम पर्यटक वहां पहुंचे. रास्ता आसान नहीं था. बेहद कठिन था. मौसम बेहद सुहावना था. सभी टूरिस्ट एन्जॉय कर रहे थे. लेकिन अचानक आतंकवादी लोगों को मारना शुरू करते हैं. चुन-चुनकर लोगों को मारा जाता है. जब हमला हुआ तब एक भी सुरक्षाकर्मी वहां मौजूद नहीं था.

उन्होंने आगे कहा कि हमले की जिम्मेदारी किसकी है. क्या नागरिकों की सुरक्षा रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी नहीं है, क्या ये गृह मंत्री की जिम्मेदारी नहीं है. प्रियंका ने TRF की स्थापना, इसकी गतिविधियों और इसे आतंकी संगठन कहे जाने का जिक्र कर कई सवाल उठाए.  उन्होंने कहा कि सरकार की कोई ऐसी एजेंसी नहीं है, जिसे भनक लगे कि ऐसे भयानक हमले की योजना बन रही है. ये एजेंसियों की विफलता है कि नहीं है. ये बड़ी विफलता है.

प्रियंका गांधी के भाषण की अहम बातें

- प्रियंका गांधी ने कहा कि सेना प्रमुख, इंटेलीजेंस प्रमुख, गृह मंत्री समेत सरकार से जुड़े किसी ने भी इस्तीफा नहीं दिया. इस्तीफा छोड़िए उन्होंने जिम्मेदारी तक नहीं ली. 

- इन्होंने कल कहा कि मुंबई हमले के बाद मनमोहन सरकार ने कुछ नहीं किया. जब घटना चल रही थी, तभी तीन आतंकियों को मार दिया गया था और एक बचा था जिसे पकड़ा गया और बाद में फांसी दी गई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और देश के गृह मंत्री ने इस्तीफा दिया. 

- अमित शाह के समय मणिपुर जल रहा है, दिल्ली दंगे हुए, पहलगाम हुआ और आज भी वह गृह मंत्री हैं. क्यों? देश जानना चाहता है. पहलगाम हमला हुआ, सब एकजुट होकर खड़े हो गए. दोबारा होगा तो दोबारा भी खड़े हो जाएंगे. देश पर हमला होगा तो हम सब सरकार के साथ खड़े हो जाएंगे. 

- ऑपरेशन सिंदूर में सेना ने बहादुरी के साथ लड़ाई लड़ी. लेकिन श्रेय प्रधानमंत्री जी चाहते हैं. नेतृत्व बस क्रेडिट लेने से नहीं होता. 

- प्रियंका ने कहा कि सदन में मेरी मां के आंसुओं का भी जिक्र किया. लेकिन मेरी मां के आंसू तब गिरे थे, जब आतंकियों ने मेरे पिता को मार दिया था, जब वह महज 46 साल की थीं. आज मैं 26 परिवारों के दर्द की बात इस सदन में कर पा रही हूं तो उसके पीछे वही दर्द है जो मैंने सहा है. 

- उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अगर आतंकवाद को खत्म करने के लिए था तो इसे गहरा धक्का लगा जब पाकिस्तान को UN की आतंकवाद रोधी समिति का अध्यक्ष बना दिया गया. ये किसकी विफलता है. 

- उन्होंने कहा कि आज यहां जितने भी लोग बैठे हैं, सबके पास सुरक्षा है. लेकिन आप कितनी ही कोशिश कर लें, इस सच के पीछे छिप नहीं सकते कि उनको आपने कोई सुरक्षा नहीं दी. साथ ही कहा कि वह सुबह भी शिव मंत्र पढ़कर आई हैं. 

प्रियंका गांधी ने अपने भाषण के अंत में उन 25 लोगों का नाम लिया जिन्होंने पहलगाम हमले में अपनी जान गंवाई. 

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