प्रशांत किशोर समेत 2000 लोगों पर FIR दर्ज, पटना में प्रदर्शन के दौरान पुलिस से हुई थी धक्का-मुक्की
Bihar Assembly Protest: पुलिस ने विधानसभा जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग की थी. FIR में दावा किया गया है कि पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बीच में रास्ता बदल लिया. बाद में पुलिस और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई.

जन सुराज पार्टी के फाउंडर प्रशांत किशोर और आठ सीनियर नेताओं समेत 2000 कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. सभी पर बुधवार 23 जुलाई को पटना में एक विरोध मार्च के दौरान मारपीट, दंगा और निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में FIR दर्ज की गई है. FIR में आरोप लगाया गया है कि जन सुराज के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मौके पर तैनात पुरुष और महिला पुलिस अधिकारियों के साथ धक्का-मुक्की और हाथापाई की.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, FIR चीफ कोऑपरेटिव एक्सटेंशन ऑफिसर संजय कुमार मिश्रा की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है. केस पटना के सचिवालय थाने में दर्ज किया गया है. FIR में प्रशात किशोर के अलावा, जन सुराज के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती, हाल ही में पार्टी में शामिल हुए यूट्यूबर-नेता मनीष कश्यप, प्रवक्ता विवेक कुमार, एन.पी. मंडल, किशोर कुमार, अरविंद सिंह, ललन यादव और जितेंद्र यादव के नाम शामिल हैं.
जन सुराज पर एफआईआरFIR के मुताबिक, अधिकारियों को 23 जुलाई के विरोध प्रदर्शन से एक दिन पहले जन सुराज द्वारा विधानसभा का घेराव करने की योजना के बारे में जानकारी मिली थी. पुलिस ने विधानसभा जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग कर दी थी.
FIR में आगे बताया गया कि शुरुआत में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को शेखपुरा हाउस से बेली रोड होते हुए डुमरा चौकी, फिर इनकम टैक्स गोलंबर और आर ब्लॉक तक जाना था. लेकिन बीच में उन्होंने रास्ता बदल लिया और लगभग 2,000 नेता और कार्यकर्ता एयरपोर्ट रोड होते हुए पटेल गोलंबर के पास पहुंच गए. इस दौरान जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो भीड़ बैरिकेड तोड़कर SSG गेट तक पहुंच गई.
FIR में आगे आरोप लगाया गया कि पार्टी के लोगों को बार-बार बताया गया कि बिहार विधानसभा सत्र के मद्देनजर 21 जुलाई से 25 जुलाई तक इलाके में निषेधाज्ञा लागू है. लेकिन वे नहीं माने. उन्होंने टेलर रोड और पटेल गोलंबर का आधा हिस्सा जाम कर दिया. इसकी वजह से करीब दो घंटे तक ट्रैफिक जाम रहा और आम लोगों को काफी दिक्कत हुई. प्रदर्शनकारियों ने मौके पर तैनात पुरुष और महिला पुलिस अधिकारियों के साथ धक्का-मुक्की और हाथापाई की. पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करना पड़ा. अधिकारियों का दावा है कि पार्टी ने विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं ली थी.
प्रदर्शन पर प्रशांत किशोरवहीं, किशोर ने बुधवार को कहा कि जन सुराज प्रतिनिधिमंडल ने चीफ सेक्रेटरी अमृत लाल मीणा से मुलाकात कर औपचारिक रूप से अपनी मांगों की लिस्ट सौंपी है. अगर एक हफ्ते में मांगें पूरी नहीं की गईं तो पार्टी मुख्यमंत्री आवास का घेराव करते हुए एक और विरोध प्रदर्शन करेगी.
जन सुराज का प्रदर्शनजन सुराज ने तीन मांगों को लेकर विधानसभा का घेराव करने का फैसला किया था. इसमें गरीब परिवारों को 2 लाख रुपये बांटना, भूमिहीन दलित परिवारों को तीन डिसमिल जमीन आवंटित करना और भूमि सर्वे में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करना.
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