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'कश्मीरी बाद में, पहले हम हिंदुस्तानी', पहलगाम पर गुस्से में कश्मीर के लोग, मस्जिदों से हो रही बड़ी मांग

Pahalgam Tourist Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के विरोध में बुधवार को कश्मीर बंद रहा. इस दौरान सभी दलों के नेताओं और धर्मगुरुओं ने एक साथ हमले की निंदा की. मस्जिदों से भी लगातार आतंकियों के खिलाफ ऐलान होते रहे.

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Pahalgam Attack
पहलगाम में हमले के विरोध में कश्मीर बंद (Photo: India Today)
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राघवेंद्र शुक्ला
23 अप्रैल 2025 (Updated: 23 अप्रैल 2025, 05:16 PM IST) कॉमेंट्स
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पहलगाम में टूरिस्टों पर आतंकवादी हमले (Pahalgam Tourist Attack) के बाद कश्मीरी लोग गम और गुस्से में हैं. मंगलवार, 22 अप्रैल को हमले के बाद स्थानीय लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर घाटी में आतंकवाद का विरोध किया. उन्होंने आतंकी हमले में मारे गए लोगों से सहानुभूति जताई. आतंक के विरोध में बुधवार को पूरा कश्मीर बंद रहा. स्कूल-कॉलेज से लेकर दुकान तक सब बंद रहे. सार्वजनिक परिवहन की रफ्तार भी बुधवार को थमी रही. धर्मगुरुओं से लेकर राजनेताओं तक हर किसी ने एक स्वर में आतंकी घटना को कायराना हरकत बताया और कहा कि घाटी में इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

मस्जिदों से एलान

इतना ही नहीं, कश्मीर की तमाम मस्जिदों से एलान किया गया कि ये हमला बुजदिलाना है. एक मस्जिद का वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया. इसमें मस्जिद के लाउडस्पीकर से कहा जा रहा है, 

एक जरूरी एलान पर गौर फरमाइये. अभी-अभी खबर मिली है कि कश्मीर के पहलगाम में दहशगर्दों ने टूरिस्ट्स पर हमला किया है. ये काबिले-मजम्मत है. दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से लोग कश्मीर में घूमने के लिए आते हैं. उन लोगों पर इस तरह का हमला करना बुज़दिलाना है. हम इसकी मजम्मत करते हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये वीडियो जामा मस्जिद भलेसा का बताया जा रहा है.

किश्तवाड़ की एक मस्जिद का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें पहलगाम हमले की निंदा की गई है. मस्जिद के लाउडस्पीकर से एलान किया गया कि पहलगाम में दहशतगर्दी की आड़ में मासूमों का कत्ल हुआ. पूरी मिल्लते-इस्लामिया इसकी पुरजोर अल्फाज में मजम्मत करती है. 

मस्जिद से कहा गया,

हम पहलगाम में अपनों को खोने वालों के गम में शरीक हैं. जो हादसा पेश हुआ है, हम इसकी मजम्मत करते हैं. मिल्लत-ए-इस्लामिया हुकूमते-वक्त से मुतालबा करती है कि इसकी तहकीकात की जाए. जो इसके जिम्मेदार हैं उनको पकड़ा जाए. 

पहलगाम हमले के विरोध में स्थानीय लोग सड़क पर भी उतरे. इनमें काफी संख्या युवाओं की रही, जिन्होंने ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगाए और कहा, ‘पहले हम हिंदुस्तानी हैं. बाद में कश्मीरी हैं.' कैंडल मार्च निकालने वाले इन लड़कों ने कहा कि पहलगाम में टूरिस्टों पर हमला कायराना हरकत है. पूरे पहलगाम की तरफ से हम इसकी निंदा करते हैं. जम्मू में भाजपा समेत कई हिंदुत्ववादी संगठनों ने भी विरोध प्रदर्शन आयोजित किया.

मुफ्ती ने भी किया प्रदर्शन

पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने भी हमले के विरोध में हिस्सा लिया. एक प्रदर्शन मार्च में वह ‘यह हम सब पर हमला है’ का पोस्टर लिए दिखीं. आवामी इत्तेहाद पार्टी के नेता खुर्शीद अहमद शेख ने कहा कि हम इस हमले की निंदा करते हैं. यह हमारी कश्मीरियत, हमारी मेहमाननवाजी पर भी हमला है. हमने विभिन्न संगठनों द्वारा बंद के आह्वान का समर्थन किया है. ये एक तरह की सुरक्षा चूक का भी मामला है. उन्होंने कहा कि वह हमले के विरोध में कई प्रदर्शनों में पहुंचे थे.

कश्मीर के कई प्रमुख समाचार पत्रों ने भी हमले पर विरोध जताते हुए अपने फ्रंट पेज काले रंग से छापे. ग्रेटर कश्मीर, राइजिंग कश्मीर, कश्मीर उज्मा, आफताब और तैमील इरशाद समेत प्रमुख अंग्रेजी और उर्दू दैनिक अखबारों ने इस अभियान में हिस्सा लिया.

हमले के विरोध में कश्मीर बंद

‘द ग्रेटर कश्मीर’ के अनुसार, पहलगाम हमले के बाद गुरुवार को कश्मीर में बंद का पूरा असर दिखा. अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को जम्मू और कश्मीर दोनों संभागों में बंद का एलान किया गया था. इस दौरान श्रीनगर में अधिकांश दुकानें, फ्यूल स्टेशन और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे. शहर भर में केवल जरूरी चीजों की दुकानें ही खुली रहीं.

कश्मीर घाटी में सार्वजनिक परिवहन भी कम रहा, लेकिन निजी वाहन सामान्य रूप से चल रहे थे. घाटी में निजी स्कूल भी बंद रहे, लेकिन सरकारी स्कूल खुले रहे. जम्मू और कश्मीर के निजी स्कूल संघ (PSAJK) ने भी बुधवार को जम्मू और कश्मीर में सभी निजी स्कूलों को बंद करने की घोषणा की. वहीं, कश्मीर विश्वविद्यालय ने बुधवार को होने वाली सभी परीक्षाओं को स्थगित कर दिया.

बता दें कि सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और अपनी पार्टी ने भी पहलगाम हमले के विरोध में बंद का समर्थन किया. हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक की मुताहिदा मजलिस उलेमा (एमएमयू) ने भी जम्मू-कश्मीर के लोगों से इसे लेकर अपील की थी.

वीडियो: पुलवामा हमले के संभावित आतंकवादियों के बारे में ये जानकारी आई सामने

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