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'ऑपरेशन सिंदूर' का लोगो कोई और इस्तेमाल ना करे, रक्षा मंत्रालय ऐसा चाहता है

Defence Ministry ने Emblems and Names (Prevention of Improper Use) Act, 1950 के तहत ‘Operation Sindoor’ के लोगो के लिए औपचारिक रूप से प्रोटेक्शन की मांग की है.

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No trademark for Op Sindoor Defence Ministry seeks special protection of logo
ऑपरेशन सिंदूर का लोगो (PHOTO-ADGPI)
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मानस राज
5 अगस्त 2025 (Published: 02:07 PM IST) कॉमेंट्स
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ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के लिए भारत सरकार ने अब तक किसी भी ट्रेडमार्क या लोगो (Op Sindoor Logo) को आधिकारिक तौर पर स्वीकार नहीं किया है. राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस की सांसद सागरिका घोष के सवाल के जवाब में केंद्रीय कॉमर्स एवं उद्योग मंत्री जितिन प्रसाद ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े ट्रेडमार्क के कई आवेदन आए हैं, लेकिन अब तक किसी को आधिकारिक मंजूरी नहीं दी गई है. 

सिंदूर के नाम पर ढेरों ट्रेडमार्क आवेदन

मंत्री जितिन प्रसाद ने बताया कि 1 मई, 2025 से 'Operation Sindoor', 'Ops Sindoor', और 'Mission Sindoor' जैसे ट्रेडमार्क को अपने नाम पर रजिस्टर कराने वालों की संख्या में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला. सरकार ने बताया कि अभी 46 आवेदन पेंडिंग हैं जिनमें प्राइवेट लोग, मीडिया संस्थान, खाद्य पदार्थ मैन्युफैक्चर करने वाले लोग और ब्यूटी ब्रांड्स तक शामिल हैं. इसके अलावा ऑपरेशन से सीधे तौर पर जुड़े कई नामों जैसे 'Mission Sindoor', 'Sindoor TV' और 'Sindoor: The Revenge' आदि के लिए भी लोगो आधारित मार्क के रजिस्ट्रेशन के लिए भी आवेदन आए हैं.

सरकार ने यह भी पुष्टि की है कि सैन्य अभियानों के नामों के ट्रेडमार्किंग को कंट्रोल करने के लिए फिलहाल कोई आंतरिक एडवाइजरी या सर्कुलर जारी नहीं किया गया है. जितने भी आवेदन आए हैं, उन सभी आवेदनों पर ट्रेडमार्क अधिनियम, 1999 और ट्रेडमार्क नियम, 2017 के मौजूदा प्रावधानों के तहत आगे की कार्रवाई की जा रही है.

रिलायंस ने फाइल किया, फिर वापस ले लिया

8 मई को इंडिया टुडे में एक रिपोर्ट छपी. इस रिपोर्ट के अनुसार ऑपरेशन सिंदूर के कुछ ही घंटों में रिलायंस की ओर से ऑपरेशन सिंदूर के ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए एक आवेदन किया था. लेकिन इसके अगले ही दिन रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 'ऑपरेशन सिंदूर' शब्द के लिए अपने ट्रेडमार्क एप्लीकेशन को यह कहते हुए वापस ले लिया है कि यह आवेदन गलती से दायर किया गया था. कंपनी के अनुसार, एक जूनियर कर्मचारी ने बिना अप्रूवल के यह आवेदन दे दिया था. कंपनी ने एक बयान में कहा, 

रिलायंस इंडस्ट्रीज का ऑपरेशन सिंदूर को ट्रेडमार्क करने का कोई इरादा नहीं है, यह एक ऐसा शब्द है जो अब भारतीय शौर्य के प्रतीक के रूप में राष्ट्रीय चेतना का हिस्सा बन गया है.

रक्षा मंत्रालय क्या कह रहा है?

इस बीच, रक्षा मंत्रालय ने Emblems and Names (Prevention of Improper Use) Act, 1950 के तहत ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लोगो के लिए औपचारिक रूप से प्रोटेक्शन की मांग की है. यह अधिनियम राष्ट्रीय महत्व के माने जाने वाले नामों और प्रतीकों, जिनमें सेना से संबंधित नाम भी शामिल हैं, उनके बिना इजाजत व्यवसायिक इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाता है. यदि रक्षा मंत्रालय का यह अनुरोध मान लिया जाता है तो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शब्द को कानूनी संरक्षण मिलेगा. यानी इसे एक प्रतीक या नाम के रूप में कैटेगराइज किया जा सकता है. 

वीडियो: ग्राउंड रिपोर्ट: सेना की इस पोस्ट ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान पर कहर ढाया था

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