'रूस से तेल खरीदा तो...' अब NATO के जनरल सेक्रेटरी ने भारत को चेताया
NATO के जनरल सेक्रेटरी Mark Rutte ने Brazil, China और India से कहा कि वो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को शांति वार्ता में गंभीरता से शामिल होने की अपील करें. Russia को प्रतिबंध की धमकी देने के बाद वेस्ट ने अब उससे तेल खरीदने वाले देशों पर भी दबाव बनाना शुरू कर दिया है.

Russia को प्रतिबंध की धमकी देने के बाद वेस्ट ने उससे तेल खरीदने वाले देशों पर भी दबाव बनाना शुरू कर दिया है. NATO के जनरल सेक्रेटरी Mark Rutte ने रूस से तेल खरीदने को लेकर Brazil, China और India को कड़ी चेतावनी दी है. रूट का कहना है कि अगर ये देश रूस के साथ व्यापार जारी रखते हैं तो उन्हें भारी प्रतिबंधों (Heavy Sanctions On India China Brazil) का सामना करना पड़ सकता है. एक दिन पहले ही डॉनल्ड ट्रंप ने 50 दिन में यूक्रेन के साथ सीजफायर न करने को लेकर रूस पर 100 प्रतिशत ‘सेकेंडरी टैरिफ’ लगाने की धमकी दी थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मार्क रूट ने बुधवार 16 जुलाई को अमेरिकी सीनेटरों के साथ एक बैठक के दौरान यह बात कही. रूट ने मीडिया से कहा,
अगर आप चीन के राष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री या ब्राजील के राष्ट्रपति हैं और रूस के साथ व्यापार करना और उनका तेल व गैस खरीदना जारी रखते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि अगर राष्ट्रपति पुतिन शांति समझौते को गंभीरता से नहीं लेेते हैं तो मैं उन पर 100% सेकेंडरी टैरिफ लगाऊंगा.
नाटो के जनरल सेक्रेटरी ने आगे कहा,
इन तीन देशों से मेरी विशेष विनती है. अगर आप अभी बीजिंग या दिल्ली में रहते हैं या ब्राज़ील के राष्ट्रपति हैं तो आपको इस पर गौर करना चाहिए. यह आपको बहुत नुकसान पहुंचा सकता है.
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पुतिन को समझाने को कहारूट ने इन देशों के नेताओं से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन करके शांति वार्ता में गंभीरता से शामिल होने के लिए प्रेरित करने की अपील की. उन्होंने कहा कि पुतिन को फोन करें और उन्हें बताएं कि उन्हें शांति समझौते को गंभीरता से लेना होगा. अगर ऐसा नहीं हुआ तो ब्राजील, भारत और चीन पर इसका बुरा असर पड़ेगा.
गौरतलब है कि अमेरिका और नाटो दुनियाभर में रूस के खिलाफ दबाव बनाने में जुटे हैं. अब इसके लिए वे रूस से व्यापार करने वाले देशों के कंधे पर बंदूक रखकर चला रहे हैं.
सेकेंडरी टैरिफ पर ट्रंप ने चेतायाएक दिन पहले वाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए डॉनल्ड ट्रंप ने कहा था कि अगर रूस 50 दिनों के भीतर यूक्रेन के साथ सीजफायर के लिए राजी नहीं होता है तो उस पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगेगा. यह ‘सेकेंडरी टैरिफ’ होगा यानी इसकी जद में वे देश भी आएंगे जो रूस से व्यापार करते हैं. इसमें प्रमुख रूप से भारत और चीन जैसे देश शामिल हैं यानी ट्रंप इन देशों पर और प्रतिबंध लाद सकते हैं.

ट्रंप की धमकियों के जवाब में रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने कहा कि रूस अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के साथ बातचीत के लिए तैयार है. लेकिन इस तरह का अल्टीमेटम अस्वीकार्य हैं. इनका कोई नतीजा नहीं निकलेगा.
भारत खरीदता है सबसे ज्यादा तेलकई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इस समय चीन, भारत और तुर्किये रूसी कच्चे तेल के सबसे बड़े खरीदारों में शामिल हैं. अगर ट्रंप प्रतिबंध लगाने का फैसला लेते हैं तो इन देशों में खासकर भारत को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. इससे इन देशों में तेल की आपूर्ति में घट सकती है. इसकी वजह से तेल की कीमतें और भी ज्यादा बढ़ सकती हैं. यह सब ऐसे समय में होगा जब वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतें पहले से ही अस्थिर हैं.
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