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वैज्ञानिक इस ग्रह पर पानी खोज रहे थे, पता चला वहां से सिग्नल आ रहा

वैज्ञानिकों का मानना है कि ‘TOI1846 b’ ग्रह ‘टाइडली लॉक्ड’ है. माने इस ग्रह का एक हिस्सा हमेशा तारे की ओर रहता है जबकि दूसरे हिस्सा हमेशा अंधेरे में रहता है.

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NASA Discovers Super Earth Sending Strange Signals
सुपर अर्थ की सांकेतिक तस्वीर. (क्रेडिट - Unslpash)
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सौरभ शर्मा
18 जुलाई 2025 (Updated: 18 जुलाई 2025, 10:59 PM IST) कॉमेंट्स
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NASA ने एक अनोखे सुपर अर्थ ग्रह की खोज की है. नासा का कहना है कि यह ग्रह पृथ्वी को बार-बार सिग्नल भेज रहा है. ये ग्रह पृथ्वी से लगभग दोगुना बड़ा और चार गुना ज्यादा भारी है. वैज्ञानिकों ने इस ग्रह नाम ‘TOI 1846’ रखा है. यह पृथ्वी से 154 लाइट ईयर दूर स्थित है. इस दूरी को ऐसे समझिए कि एक 60 किलोमीटर प्रति घंटे से चलने वाली कार को इस ग्रह में पहुंचने के लिए 200 करोड़ साल लगेंगे.

डेली मेल में छपी खबर के मुताबिक, यह ग्रह अपने ऑर्बिट में परिक्रमा करने के दौरान वैज्ञानिकों की नजर में आया. दरअसल ‘TOI 1846’ ग्रह जब अपने तारे के सामने से गुजरना है, इस दौरान उस तारे की रोशनी में बार-बार हल्की गिरावट आती है. इसी पैटर्न को नासा के TESS (Transiting Exoplanet Survey Satellite) स्पेस टेलीस्कोप ने मार्च के महीने में नोटिस किया. जिसके बाद इस ग्रह की पुष्टि की है. 

किस तारे का चक्कर लगाता है ‘TOI 1846’?

‘TOI 1846’ ग्रह एक रेड ड्वार्फ तारे का चक्कर लगाता है. रेड ड्वार्फ तारे सूर्य की तुलना में छोटे और ठंडे होते हैं. इसलिए इन तारों के ग्रहों को गर्मी पाने के लिए करीब रहना पड़ता है. हमारी गैलेक्सी में ज्यादात्तर तारे रेड ड्वार्फ केटेगरी के ही हैं. 

‘TOI 1846’ ग्रह के तारे की तुलना सूर्य से करें तो इसका आकार और द्रव्यमान, सूर्य की तुलना में लगभग 40% है. वहीं इसकी सतह का तापमान लगभग 3300°C है.

यह ग्रह अपने तारे का एक चक्कर मात्र चार दिनों में ही पूरा कर लेता है. माने इस ग्रह में एक साल पृथ्वी के चार दिनों के बराबर होता है. वैज्ञानिकों ने बताया कि यह ग्रह एक रेयर कैटेगरी में आता है जिसे 'रेडियस गैप' कहते हैं. इस कैटेगरी में आने वाले ग्रह पृथ्वी (जहां छोटी चट्टानें पाई जाती हैं) और नेपच्यून (गैसीय ग्रहों) के बीच आते हैं.

पानी होने की संभावना

वैज्ञानिकों का अनुमान है ग्रह की सतह का तापमान 316°C होगा, इसके बाद भी यहां पानी मौजूद हो सकता है. इस ग्रह में ठोस चट्टानें, बर्फ की मोटी परत और संभवतः पतला वायुमंडल होगा.

इसके अलावा वैज्ञानिकों का मानना है कि ‘TOI1846 b’ ग्रह ‘टाइडली लॉक्ड’ है, माने इस ग्रह का एक हिस्सा हमेशा तारे की ओर रहता है जबकि दूसरे हिस्सा हमेशा अंधेरे में रहता है. इस कारण तापमान में भारी अंतर से इसके ठंडे हिस्से में पानी जमा हो सकता है.

मोरक्को के ओउकैमेडेन ऑबसर्वेट्री के प्रमुख रिसर्चर अब्देरहमान सौबकियू (Abderahmane Soubkiou) ने कहा, 

“हमने TESS, मल्टीकलर ग्राउंड बेस्ड फोटोमेट्रिक डेटा, हाई रिजॉल्यूशन इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपिक ऑब्जर्वेशन के जरिए ‘TOI1846 b’ को खोज निकाला है.”

नासा का जेम्स वेब टेलीस्कोप जल्द ही इस ग्रह के बारे में अध्ययन करेगा जिससे यहां वायुमंडल में पानी, मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी जरुरी गैसों की खोज की जा सके. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह ग्रह अकेला नहीं होगा, इसके आसपास कोई और ग्रह हो सकता है जो दूर, ठंडे और अधिक रहने योग्य जगह में परिक्रमा कर रहा हो.

वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि हमारी गैलेक्सी में लगभग 75% तारे रेड ड्वार्फ कैटेगरी में आते हैं, इसलिए ऐसे और भी कई ग्रह हो सकते हैं जहां जीवन संभव हो.

इसके अलावा नासा ने 137 लाइट ईयर दूर एक और सुपर अर्थ ‘TOI715 b’ की खोज की है. दोनों ग्रहों की मदद से एस्ट्रोनॉमर्स पता लगा रहे कि क्यों कुछ छोटे ग्रह अपने वायुमंडल को क्यों खो देते हैं, जबकि कुछ उसे बनाए रख पाते हैं.

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