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साइबर ठगों ने लोगों से 1000 करोड़ रुपये लूटे, रिकवर हुए सिर्फ 1.90 करोड़!

पिछले 4 सालों में मध्यप्रदेश में साइबर ठगों ने 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की है. लेकिन पुलिस मात्र 1 करोड़ 90 लाख रुपये ही रिकवर कर सकी है. यानी ठगी गई कुल रकम का एक पर्सेंट भी पीड़ितों को वापस नहीं मिल सका.

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mp cyber fraud crosses 1000 crore only 2 crore recovered in 4 years
देशभर में साइबर फ्रॉड एक गंभीर समस्या बना हुआ है. (तस्वीर-फेसबुक)
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रवीश पाल सिंह
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5 अगस्त 2025 (Updated: 5 अगस्त 2025, 08:37 PM IST) कॉमेंट्स
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साइबर ठगी की चपेट में आए तो खोया पैसा वापस नहीं मिलेगा. कहने का मतलब रिकवरी या फुल रिकवरी की संभावना न के बराबर है. मध्यप्रदेश के सरकारी आंकड़े इसकी गवाही देते हैं. राज्य सरकार ने विधानसभा में साइबर ठगी के आंकड़े जारी किए हैं, जो बहुत ही चौंकाने वाले हैं. पिछले 4 सालों में मध्यप्रदेश में साइबर ठगों ने 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की है. लेकिन पुलिस मात्र 1 करोड़ 90 लाख रुपये ही रिकवर कर सकी है. यानी ठगी गई कुल रकम का एक पर्सेंट भी पीड़ितों को वापस नहीं मिल सका.

इंडिया टुडे से जुड़े रवीश पाल सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक राघौगढ़ से कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने साइबर ठगी को लेकर मध्यप्रदेश विधानसभा में सवाल पूछा था. उन्होंने पूछा कि मई 2021 से लेकर 13 जुलाई 2025 तक एमपी में साइबर फ्रॉड की कितनी घटनाएं हुई हैं. इस सवाल का जवाब मध्यप्रदेश के गृह विभाग द्वारा दिया गया. बताया गया कि साइबर फ्रॉड के मामले साल दर साल बढ़ते जा रहे हैं. साल 2021 में इसके 1131 केस दर्ज हुए थे. वहीं, साल 2022 में यह आंकड़ा बढ़कर 1140 हो गया. साल 2023 में साइबर फ्रॉड के 1094 मामले दर्ज हुए. लेकिन 2024 में फिर बढ़कर 1193 तक पहुंच गए. वहीं इस साल 15 जुलाई तक ही 579 मामले आ चुके हैं.

इसके बाद आई चौंकाने वाली बात. विभाग ने सदन को बताया कि इन चार सालों में करीब 1054 करोड़ रुपये की साइबर ठगी हुई, जिसमें से करीब दो करोड़ रुपये ही रिकवर हुए. 

कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने मामले को लेकर आजतक से बात की. उन्होंने कहा, “एक तरफ प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि ऑनलाइन ट्रांजैक्शन कीजिए. लेकिन प्रदेश में 4 साल में एक हजार करोड़ से ज्यादा की ठगी हुई. वहीं वापसी की बात की जाए तो मात्र 1 करोड़ 90 लाख रुपये की ही हो पाई है.” 

जयवर्धन ने दावा किया कि पुलिस के पास साइबर फ्रॉड से निपटने के कोई संसाधन नहीं हैं जिनसे समय पर रुपयों की रिकवरी हो सके. उन्होंने आगे कहा कि उनकी मांग है कि एमपी साइबर पुलिस को हाइटेक बनाया जाए. ताकि लोगों को ऐसे फ्रॉड से बचाया जा सके.

वीडियो: साइबर फ्रॉड से 6 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान

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