मां बीमार थी, बेटे ने तांत्रिक बुला लिया, उसने इतना मारा जान ही चली गई
Shivamogga Murder: आरोपी महिला आशा, गीतम्मा के घर पहुंची और गीतम्मा के बेटे संजय को समझाया कि उसकी मां पर भूत का साया है और उसे उतारा जाना जरूरी है. संजय भी इस बात पर राजी हो गया.

कर्नाटक के शिवमोगा जिले में एक बेटा अपनी मानसिक रूप से बीमार मां को ‘भूत-प्रेत’ के शक में तांत्रिक के पास ले गया. आरोप है कि तांत्रिक क्रिया करने वाली महिला ने भूत उतारने के नाम पर पीड़िता को इतना मारा कि उसकी जान ही चली गई. बेटे के सामने मां की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. यह घटना शिवमोगा के होसा जमब्रघट्टा गांव में हुई. मृतक महिला की पहचान 45 वर्षीय गीतम्मा के रूप में हुई है.
पुलिस के अनुसार, यह घटना रविवार, 6 जुलाई रात करीब 9.30 बजे की है. आरोपी महिला आशा, गीतम्मा के घर पहुंची और गीतम्मा के बेटे संजय को समझाया कि उसकी मां पर भूत का साया है और उसे उतारा जाना जरूरी है. संजय भी इस बात पर राजी हो गया.
इसके बाद आशा ने गीतम्मा के घर के बाहर पूजा शुरू की. उसने गीतम्मा को बाहर खींचते हुए कहा कि वो भूत से पीड़ित है. फिर उसने डंडे से उसकी पिटाई शुरू कर दी. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आशा ने कहा कि जब तक आत्मा शरीर से नहीं निकलती, तब तक मारना जरूरी है. गीतम्मा का बेटा संजय उन्हें पिटते हुए देखता रहा.
आशा ने गीतम्मा को करीब 2.5 किलोमीटर दूर हले जमब्रघट्टा के चौडम्मा मंदिर तक घसीटा, जहां रात 2.30 बजे तक पिटाई जारी रही. इस दौरान आशा ने गीतम्मा के सिर पर भारी पत्थर मारा और ऊपर से ठंडा पानी डाला. इस बर्बरता के कारण गीतम्मा को सिर पर गंभीर चोटें और ठंड लग गई, जिससे उनकी हालत और बिगड़ गई.
इसके बाद आशा ने दावा किया कि अब आत्मा निकल गई है और गीतम्मा को वापस घर भेज दिया गया. लेकिन घर पहुंचते ही उनकी तबीयत और बिगड़ गई. संजय उन्हें होलेहोन्नूर के सामुदायिक अस्पताल लेकर गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें गीतम्मा पानी के लिए गिड़गिड़ाती दिख रही है. गीतम्मा के एक और बेटे की शिकायत पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया है और संजय, आशा और उसके पति संतोष को गिरफ्तार कर लिया है.
शिवमोगा के पुलिस अधीक्षक मिथुन कुमार ने खुद घटनास्थल का दौरा कर जांच की निगरानी की. गीतम्मा के रिश्तेदार नागप्पा ने बताया कि गीतम्मा पिछले 15 दिनों से रात में चिल्लाती थी. नागप्पा ने आगे बताया कि उसने चार दिन पहले संजय को गीतम्मा को शिवमोगा ले जाकर डॉक्टर को दिखाने की सलाह दी थी, लेकिन उसने भरोसा किया कि आशा उसे ठीक कर देगी.
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