मराठा आरक्षण आंदोलन के चलते जाम थीं मुंबई की सड़कें, पैदल चलकर हाई कोर्ट पहुंचे जज
Maratha Quota Protest: मराठा एक्टिविस्ट मनोज जरांगे पाटिल 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग पर अड़े हुए हैं और उन्होंने एलान किया है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती, वे मुंबई नहीं छोड़ेंगे.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मराठा आरक्षण आंदोलन (Maratha Quota Protest) के लिए एक्टिविस्ट मनोज जारंगे पाटिल और उनके समर्थकों को कड़ी फटकार लगाई है. जिनकी वजह से मुंबई की सड़कें जाम हो गई हैं. बीते दिन प्रदर्शनकारियों ने एक जज की कार को रोक दिया, जिसकी वजह से उन्हें हाईकोर्ट तक पहुंचने के लिए कुछ दूरी पैदल तय करनी पड़ी.
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस रवींद्र घुगे और जस्टिस गौतम अखंड की पीठ ने कहा कि मुंबई शहर सचमुच ‘पंगु’ हो गया है और हाईकोर्ट घेरे में है. पीठ ने कहा कि हर सड़क, खासकर आजाद मैदान, मंत्रालय, फ्लोरा फाउंटेन, मरीन ड्राइव का पूरा इलाका प्रदर्शनकारियों से भरा पड़ा है. जो सड़कों पर नाच रहे हैं, कबड्डी खेल रहे हैं, खाना बना रहे हैं और सड़कों पर नहा रहे हैं.

1 सिंतबर को हाईकोर्ट ने कई याचिकाओं पर सुनवाई के बाद अपने आदेश में कहा,
आज जब हममें से एक (रवींद्र घुगे) दोपहर करीब 12.30 बजे सरकारी कार से कोर्ट जा रहे थे, तो सिटी सिविल कोर्ट और हाईकोर्ट के सामने भारी जाम था.
कोर्ट ने आगे बताया कि प्रदर्शनकारी सड़कों पर खेल रहे थे, कई नाच रहे थे, जबकि कुछ सड़कों पर सो रहे थे. जिसकी वजह से जज, सिटी सिविल कोर्ट से फुटपाथ पर भीड़ के साथ-साथ चलते हुए हाईकोर्ट पहुंचे. यहां तक कि सरकारी वकील पूर्णिमा कंथारिया को भी जज के साथ चलना पड़ा, क्योंकि वे भी फंसी हुई थीं. पीठ ने कहा,
हाईकोर्ट घेरे में था. कोर्ट के अंदर सुनवाई चल रही थी, जिसके दरवाजे बंद थे, नारेबाजी हमें और सभी वकीलों और वादियों को स्पष्ट सुनाई दे रही थी.

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मराठा आरक्षण आंदोलनबताते चलें कि मनोज जारंगे शुक्रवार, 29 अगस्त से दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल कर रहे हैं और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत कोटा देने की मांग कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा,
हाईकोर्ट की इमारत को घेर लिया गया है. जजों और वकीलों के प्रवेश द्वार बंद कर दिए गए हैं. आज हाईकोर्ट के जजों की कारों को रोक दिया गया और उन्हें अदालत आने से रोक दिया गया. पूरे शहर की नाकेबंदी कर दी गई है.
कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों को मंगलवार दोपहर तक धरना स्थल खाली करने का आदेश दिया और निर्देश दिया कि वहां 5,000 से ज्यादा लोग नहीं रह सकते. राज्य सरकार ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि अदालत के आदेशों का पालन हो.
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