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महाराष्ट्र: सरकारी आदेश निकला फर्जी, काम हुआ असली, विभाग बोला- 'हमने तो आदेश ही नहीं दिया'

Maharashtra के अहिल्यानगर जिले में इस फर्जी आदेश के आधार पर टेंडर जारी कर दिए गए. ठेकेदार जब पैसों के लिए सरकारी अधिकारियों के पास पहुंचे तो पता चला कि सरकार ने ऐसा कोई आदेश दिया ही नहीं.

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Maharashtra Fake Government Resolution
RDD इस मामले की जांच कर रही है. (सांकेतिक तस्वीर: इंडिया टुडे)
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रवि सुमन
7 जुलाई 2025 (Published: 11:53 AM IST) कॉमेंट्स
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महाराष्ट्र (Maharashtra) में एक फर्जी सरकारी आदेश (GR) का मामला सामने आया है. विधानसभा चुनाव 2024 के कुछ दिनों पहले करोड़ों रुपये के विकास काम से जुड़े इस आदेश को जारी किया गया था. 3 अक्टूबर 2024 को ये फर्जी आदेश अस्तित्व में आया. इसमें अहिल्यानगर जिले में 6.94 करोड़ रुपए के विकास कार्यों को मंजूरी दी गई थी. इसके आधार पर जिला स्तर पर टेंडर भी जारी कर दिए गए.

मामला तब सामने आया जब ठेकेदारों ने कुछ काम पूरा कर लिया. जब वो पैसों को भुगतान के लिए ‘ग्रामीण विकास विभाग’ (RDD) के अधिकारियों के पास पहुंचे तो इस आदेश की फाइलें खोजी गईं. विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि जांच में पाया गया कि 3 अक्टूबर को ऐसा कोई आदेश जारी ही नहीं किया गया है. ये जालसाजी और धोखाधड़ी का मामला है. इसके बाद इस मामले से जुड़े सभी भुगतान को रोक दिया गया और जांच के आदेश दिए गए.

RDD इस मामले की जांच कर रही है. विभाग ने राज्य के सभी जिला परिषदों और लोक निर्माण विभाग (PwD) के सभी अधीक्षण अभियंताओं से कहा है कि इस GR पर कोई कार्रवाई न की जाए. 28 मार्च 2025 को विभाग ने ये आदेश जारी करते हुए कहा कि स्थानीय स्तर पर कार्यों को मंजूरी देते वक्त अतिरिक्त सावधानी बरती जाए.

महाराष्ट्र में इतनी बड़ी गड़बड़ी हुई कैसे?

राज्य में पिछले साल विधानसभा चुनाव हुए थे. चुनाव आयोग ने इसके लिए 15 अक्टूबर से आचार संहिता (MCC) लागू कर दी थी. लेकिन आचार संहिता लागू होने से पहले ही राज्य सरकार ने सभी विभागों के जरिए हजारों करोड़ रुपये के विकास कार्यों को मंजूरी दे दी थी. इन फैसलों को जल्दी-जल्दी सरकारी आदेशों (GR) के रूप में जारी किया गया. एक अधिकारी ने बताया,

ऐसा लगता है कि किसी ने इस मौके का फायदा उठाया. फिलहाल हमें सिर्फ एक जिले (अहिल्यानगर) के बारे में जानकारी मिली है. हमें नहीं पता कि ऐसे कितने और फर्जी GR जारी किए गए और क्या उनका इस्तेमाल बाकी जिलों में भी हुआ.

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इस फर्जी सरकारी आदेश के आधार पर अहिल्यानगर जिले में 4 तालुके- अहिल्यानगर, पारनेर, श्रीगोंदा और नेवासा में कुल 45 विकास कार्य शुरू कर दिए गए थे.

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