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उज्जैन-ओंकारेश्वर समेत MP की 19 जगहों पर शराबबंदी, अब काल भैरव को ऐसे चढ़ेगा प्रसाद

Madhya Pradesh liquor ban: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस कदम के पीछे इन शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ी ‘सार्वजनिक आस्था और धार्मिक श्रद्धा’ को कारण बताया है.

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Madhya Pradesh liquor ban
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शराब प्रतिबंध के फैसले की घोषणा की. (फ़ोटो - PTI)
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हरीश
1 अप्रैल 2025 (Published: 01:18 PM IST) कॉमेंट्स
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मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के 19 धार्मिक स्थलों में शराब पर प्रतिबंध लगा दिया है. 1 अप्रैल, 2025 से इन जगहों पर शराब की ख़रीदी-बिक्री नहीं की जा सकेगी. 24 जनवरी, 2025 को महेश्वर में आयोजित कैबिनेट मीटिंग में इस घोषणा को मंजूरी दी गई थी. अब आधी रात से ये पाबंदी लागू हो गई है.  

जिन स्थानों पर प्रतिबंध लगे हैं, उनमें 13 शहर और 6 ग्राम पंचायतें शामिल हैं. शहरों में उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई, मंदसौर और अमरकंटक हैं. वहीं, ग्राम पंचायतें सलकनपुर, कुंडलपुर, बांदकपुर, बरमानकलां, बरमानखुर्द और लिंगा हैं.

मुख्यमंत्री मोहन यादव इसे नशामुक्ति की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताते हैं. साथ ही कहते हैं, इस कदम के पीछे इन शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ी ‘सार्वजनिक आस्था और धार्मिक श्रद्धा’ कारण है.

राज्य सरकार की नई आबकारी नीति के तहत लिए गए फैसले के अनुसार, 1 अप्रैल, 2025 से इन क्षेत्रों में शराब की दुकानों के लिए कोई लाइसेंस जारी नहीं किया जाएगा. ना ही संचालन की अनुमति दी जाएगी.

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जैसे-जैसे इन स्थानों पर शराबबंदी का दिन पास आ रहा था. एक चिंता भी सामने आई. चिंता कि उज्जैन के कालभैरव मंदिर में अब प्रसाद के रूप में शराब कैसे चढ़ाई जाएगी. ये मंदिर के अनुष्ठान का एक भाग और हमेशा से चली आ रही परंपरा है. पहले मंदिर के पास दो काउंटर थे. जहां से शराब खरीदकर प्रसाद के रूप में चढ़ाई जाती थी. नए नियम के बाद असमंजस की स्थिति बन गई थी.

उज्जैन की 17 शराब की दुकानें और 11 बियर बार भी बंद हुए. जिसके बाद सवाल उठे कि अब भोग कैसे लगेगा? स्थानीय मीडिया की खबरों के मुताबिक उज्जैन कलेक्टर भी एक्टिव थे. शासन को पत्र लिखकर मंदिर के पास की दुकानें चलने देने का अनुरोध किया था. बातें हो रही थी कि कोई ऐसी व्यवस्था बने कि शहर की सीमा के बाहर जो नजदीकी दुकान हो, उससे मंदिर तक शराब लाने की व्यवस्था बने. लेकिन अब असमंजस के बादल छंटे हैं. कहा गया कि शराब की व्यवस्था की जिम्मेदारी मंदिर प्रशासन की रहेगी. भक्त कैसे प्रसाद चढ़ाएंगे ये ETV Bharat ने कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के हवाले से बताया. "यदि किसी श्रद्धालु को चढ़ाना है, तो वह नगर निगम की सीमा के बाहर से लाकर चढ़ा सकता है."

‘फ़ैसले का स्वागत’

पाबंदी लागू होने पर प्रतिक्रियाएं भी आई हैं, चित्रकूट के रामायणी कुटी आश्रम के महंत राम हृदय दास ने मध्य प्रदेश सरकार के फ़ैसले की सराहना की है. उन्होंने ANI को बताया,

ये एक स्वागत योग्य फ़ैसला है. मध्य प्रदेश सरकार को हमारी बधाई. लेकिन ये फ़ैसला पहले लिया जाना चाहिए था. हमें उम्मीद है कि सरकार का फ़ैसला ठीक से लागू होगा. सरकार इसे अच्छे ढंग से लागू करने में जुट जाए.

इसके अलावा, आंखों से जुड़ी बीमारियों के स्पेशलिस्ट और चित्रकूट स्थित सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय के डायरेक्टर पद्मश्री बी.के. जैन ने भी सरकार के फ़ैसले का स्वागत किया है. उन्होंने ANI को बताया,

मैं इस फ़ैसले के लिए मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव को धन्यवाद देता हूं. ये सही समय पर लिया गया सही फ़ैसला है. इससे भविष्य में अच्छे नतीजे सामने आएंगे.

हालांकि, पद्मश्री बी.के. जैन ने ये भी कहा कि शराबबंदी सिर्फ़ सरकार की ज़िम्मेदारी नहीं है. जनता से लेकर हर किसी को इसके लिए काम करना होगा. तभी ये सफल होगी.

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