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Britannia को अपने बिस्किट का 10 रुपये का एक पैकेट डेढ़ लाख का पड़ गया

बात 2019 की है. मुंबई की रहने वाली एक महिला ने चर्चगेट स्थित एक केमिस्ट शॉप से ब्रिटैनिया के गुड डे बिस्किट का पैकेट खरीदा. वो घर पहुंची, पैकेट खोला, और बिस्किट खाने बैठी. लेकिन एक बिस्किट में कुछ अजीब दिखा. ध्यान से देखा तो... अरे बाप रे, उसमें जिंदा कीड़ा रेंग रहा था!

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Live worm in biscuit Consumer court directs Rs 1.5 lakh compensation to be paid to the woman by Britannia, chemist shop
दक्षिण मुंबई जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने 27 जून को अपना आदेश दिया. (फोटो- Unsplash.com)
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प्रशांत सिंह
3 जुलाई 2025 (Updated: 3 जुलाई 2025, 06:03 PM IST) कॉमेंट्स
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जरा सोचिए, आप बड़े चाव से चाय बना कर बैठे हों. साथ में बिस्किट का पैकेट भी हो. लेकिन पैकेट खोलते ही अंदर से निकलता है... एक जिंदा कीड़ा! आपका मन घिना जाएगा! पर ये कोई फिल्मी सीन नहीं, बल्कि मुंबई की एक महिला के साथ हुई सच्ची घटना है. इसके बाद महिला ने कंज्यूमर कोर्ट में शिकायत की थी. और अब मामले में कोर्ट ने ब्रिटैनिया कंपनी (Britannia) और एक केमिस्ट शॉप को तगड़ा झटका दिया है. दोनों को महिला को 1.5 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने को कहा गया है.

2019 का मामला

बात 2019 की है. मुंबई की रहने वाली एक महिला ने चर्चगेट स्थित एक केमिस्ट शॉप से ब्रिटैनिया के गुड डे बिस्किट का पैकेट खरीदा. वो घर पहुंची, पैकेट खोला, और बिस्किट खाने बैठी. लेकिन एक बिस्किट में कुछ अजीब दिखा. ध्यान से देखा तो... अरे बाप रे, उसमें जिंदा कीड़ा रेंग रहा था! महिला का मूड इतना खराब हुआ कि वो सीधे पहुंच गईं बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC). वहां की म्युनिसिपल फूड लेबोरेटरी से संपर्क किया, जिसने अगस्त 2019 में एक रिपोर्ट में पैकेट में ‘बाहरी पदार्थ की मौजूदगी’ की पुष्टि की.

महिला ने कंपनी को कानूनी नोटिस भेजा. लेकिन उसे कोई मुआवजा नहीं मिला. इसके बाद उसने कमीशन का दरवाजा खटखटाया.

ब्रिटैनिया इंडस्ट्रीज ने उस वक्त कहा था कि शिकायतकर्ता ने रैपर या बैच नंबर प्रस्तुत नहीं किया था. कंपनी ने ये भी कहा कि वो उच्चतम गुणवत्ता मानकों का पालन करती है. उधर केमिस्ट शॉप चलाने वाले अशोक एम शाह ने भी किसी भी तरह की शिकायत प्राप्त करने से इनकार किया था. और कहा था कि वो केवल सीलबंद उत्पाद बेचते हैं.

27 जून को दिया आदेश

अब दक्षिण मुंबई जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने 27 जून को अपना आदेश दिया. आयोग ने महिला को हुई मानसिक पीड़ा, उत्पीड़न और शारीरिक परेशानी के लिए संयुक्त रूप से 1.5 लाख रुपये मुआवजा और मुकदमे की लागत के रूप में 25,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया. आयोग ने कहा,

"दूषित बिस्किट की बिक्री उपभोक्ता के विश्वास का उल्लंघन है. साथ ही ये खाद्य सुरक्षा कानूनों और उपभोक्ता संरक्षण कानूनों के तहत भी गलत है."

आयोग ने आगे कहा कि बिस्किट में कीड़ा पाया गया, जो गंदगी का स्पष्ट संकेत है. आयोग ने ये भी बताया कि बीएमसी की खाद्य विश्लेषक रिपोर्ट ने भी इसकी पुष्टि की है और कंपनी ने इसे चुनौती नहीं दी है.

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