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प्रेग्नेंट महिला ने BJP सांसद से सड़क बनाने को कहा, बोले- 'डेट बताएं, हम उठवा लेंगे'

लीला साहू नाम की महिला ने बीजेपी सांसद राजेश मिश्रा से सड़क बनवाने की मांग की ताकि एंबुलेंस को आने में दिक्कत ना हो. इस पर राजेश मिश्रा ने कहा कि अगर उन्हें जरूरत है तो डिलिवरी के कुछ दिन पहले अस्पताल में भर्ती हो जाएं. लेकिन बयान में उन्होंने एक बात ऐसी कह दी जिस पर हंगामा मच गया.

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Leela Sahu
बाएं से दाहिने. अपने दोस्त के साथ लीला साहू और सीधी के सांसद राजेश मिश्रा. (X, MPTak)
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सौरभ
11 जुलाई 2025 (Published: 07:09 PM IST) कॉमेंट्स
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मध्यप्रदेश के सीधी से बीजेपी सांसद राजेश मिश्रा के एक बयान पर विवाद हो गया है. सीधी के एक गांव की रहने वाली लीला साहू ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था. उन्होंने अपने सांसद से सड़क बनवाने की मांग की. उन्होंने कहा कि वह गर्भवती हैं, सड़क तुरंत बनवाई जानी चाहिए ताकि एंबुलेंस को आने में दिक्कत ना हो. अब इस पर राजेश मिश्रा का बयान आया है. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें जरूरत है तो डिलिवरी के कुछ दिन पहले अस्पताल में भर्ती हो जाएं. लेकिन बयान में उन्होंने एक बात ऐसी कह दी जिस पर हंगामा मच गया. राजेश मिश्रा ने कह दिया कि लीला अपनी डिलिवरी की डेट बता दें, उन्हें उठवा लिया जाएगा.

लीला साहू की मांग

बीती 3 जुलाई को लीला ने अपनी एक दोस्त के साथ वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया. लीला ने सांसद पर आरोप लगाया कि उन्होंने साल भर पहले सड़क बनाने का वादा किया था, लेकिन अब तक सड़क नहीं बनी. वीडियो में लीला कहती हैं,

ओ सांसद जी, जब आप में हिम्मत नहीं थी इस रोड को बनवाने की तो आपने मुझसे झूठा वादा क्यों किया? आप पहले ही बता देते कि आप में हिम्मत नहीं है, तो मैं आप से बड़े नेताओं से मिलती. नितिन गडकरी से मिलती या नरेंद्र मोदी से मिलती. किसी से मिलती, अर्जी देती तो सुनवाई होती. आपके बस का नहीं था तो आपने क्यों वादा किया? 

जैसे किसान ताकता रहता है कि बारिश होगी तो रोपाई करेंगे, वैसे ही मैं ताकती रह गई आप रोड स्वीकृत कराएंगे, तो रोड बनेगी. मैं सालभर ताकती ही रह गई कि सड़क स्वीकृत होगी, बनेगी. 

मैं आपको बता देना चाहती हूं कि मैं गर्भवती हूं. 9वां महीना चल रहा है. कुछ भी करके सड़क बनवाइए. किसी भी समय हमको जरूरत पड़ गई तो हम क्या करेंगे? एंबुलेंस यहां तक ना आ पाई तो सबके जिम्मेदार आप होगे, मैं बता दे रही हूं.

लीला के साथ वीडियो में जो दूसरी महिला थीं, वह भी गर्भवती थीं. वह कहती हैं कि उन्हें किसी समय प्रसव पीड़ा हो सकती है. ऐसे में सड़क ना होने की वजह से दिक्कत हो सकती है.

सांसद जी का बयान

जब पत्रकारों ने लीला के वीडियो पर सांसद राजेश मिश्रा से सवाल पूछा तो उन्होंने लीला को अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दे दी. उन्होंने कहा,

हमारे पास एंबुलेंस है. हमारे पास सुविधाएं हैं. हमारे पास वहां आशा कार्यकर्ता हैं. हम व्यवस्था करेंगे, चिंता की क्या बात है. अस्पताल में भर्ती हो जाए आकर, अगर ऐसी कोई बात है तो. डिलिवरी की EDT होती है यानी संभावित तारीख होती है. उसके हम एक हफ्ते पहले उठवा लेंगे. इच्छा है तो यहां आकर भर्ती हो जाएं. हम सब सुविधाएं देंगे. हमारी सरकार भोजन-पानी भी देती है. इसलिए मुझे लगता है कि इस तरह की बात करना उचित नहीं है. सड़क मैं नहीं बनाता हूं, इंजीनियर सर्वे करता है, कोई ठेकेदार बनाता है. तो ऐसे में दो-तीन साल तो लग ही जाते हैं.

लीला को लेकर राजेश मिश्रा ने कहा कि इस तरह की बयानबाजी उचित नहीं. ऐसे तो हर गांव से मांग उठ सकती है. इतना ही नहीं बीजेपी सांसद ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर प्रसिद्धी पाने का एक ज़रिया बताने की कोशिश भी की. उन्होंने कहा,

अब अगर किसी को सोशल मीडिया में छाना है तो आप कुछ भी कर सकते हो. फिर तो हर गांव में ऐसा ही होगा.

इसके बाद उन्होंने अपने पूर्ववर्ती नेताओं पर इल्जाम लगाया. कहा कि इससे पहले कांग्रेस के नेता थे, जिन्होंने सड़क बनाने के लिए कुछ नहीं किया. राजेश मिश्रा ने कहा- "मुझसे पहले जितने भी नेता थे, कांग्रेस के नेता थे, उन्होंने क्या किया सड़क के लिए?"

हालांकि, बीजेपी सांसद जो आरोप कांग्रेस पर लगाने की कोशिश कर रहे थे, वो उन्हीं की पार्टी पर उल्टा पड़ गया. कम से कम संसदीय सीट की बात करें तो सीधी में पिछले 27 साल से बीजेपी के ही एमपी रहे हैं.

इसके बाद इस पूरे विवाद पर मध्यप्रदेश के पीडब्यूडी मंत्री राकेश सिंह का भी बयान आया. उन्होंने कहा,

लीला साहू का एक वीडियो सोशल मीडिया पर आ गया. ऐसे तो ना जाने कितने लोग हैं जिनकी डिमांड हैं. तो आपको क्या लगता है कि PWD के पास इतना पैसा होता है, या किसी भी विभाग के पास इतना पैसा होता कि कोई एक पोस्ट डाल दे और हम सड़क बनाने के लिए डंपर लेकर पहुंच जाएंगे. सीमेंट-कॉन्क्रीट का प्लांट लेकर पहुंच जाएंगे. ये संभव नहीं है.

राकेश सिंह ने कहा कि सड़क बनाने की एक प्रक्रिया है. PWD कौन सी सड़क बनाए, कौन सी नहीं बनाएगा, यह भी संविधान के तहत तय किया गया है. उन्होंने कहा कि वो इस बात से इनकार नहीं करते कि लोगों को परेशानियां नहीं होंगी, लेकिन विभाग की भी अपनी सीमाएं होती हैं.

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