सती प्रथा को नकार रहे भाविश अग्रवाल को कुणाल कामरा ने दिया जवाब, परेशान अमीश त्रिपाठी हो गए
Sati Pratha में महिला को जलाने से पहले उसे नशा कराया जाता था, ताकि वो होश में ना रहे. उनको देवी बनाकर पेश किया जाता. उनका ब्रेनवॉश ये कहकर किया जाता की वो बहुत पुण्य का काम कर रही हैं. चिता पर बैठाने से पहले महिला के हाथ-पैर बांध दिए जाते.
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