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सुप्रीम कोर्ट तो पहुंचे जस्टिस वर्मा, मगर अपने नाम की जगह इस्तेमाल किया XXX

Justice Yashwant Varma ने किसी भी Petition में अपना नाम इस्तेमाल नहीं किया है. इसकी जगह उन्होंने XXX शब्द का इस्तेमाल किया है.

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justice yashwant varma hides identity in supreme court petition named him xxx
जस्टिस यशवंत वर्मा (PHOTO-AajTak)
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मानस राज
28 जुलाई 2025 (Updated: 28 जुलाई 2025, 10:36 AM IST) कॉमेंट्स
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अपने आवास पर नोटों से भरी बोरियां मिलने के मामले में जस्टिस यशवंत वर्मा, संसद में महाभियोग का सामना कर रहे हैं. इस बीच उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपनी इंटर्नल इंक्वायरी रिपोर्ट और तत्कालीन चीफ जस्टिस की सिफारिश को रद्द करने की मांग की है. इस सिफारिश में उन्हें जजशिप से मुक्त करने की बात कही गई थी. लेकिन यहां एक दिलचस्प बात सामने आई है. जस्टिस यशवंत वर्मा ने पिटीशन में अपना नाम इस्तेमाल नहीं किया है. इसकी जगह उन्होंने XXX शब्द का इस्तेमाल किया है.

28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह, जस्टिस वर्मा के मामले की सुनवाई करेंगे. जस्टिस वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट की अपनी याचिका में नाम की जगह XXX शब्द का इस्तेमाल किया है. नाम की जगह ऐसे शब्द का इस्तेमाल हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में यौन उत्पीड़न के मामलों में किया जाता है. साथ ही XXX जैसे शब्दों का इस्तेमाल नाबालिगों या शादी के मामलों में बच्चों की कस्टडी के लिए भी किया जाता है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने कई फैसलों में सभी अदालतों से कहा है कि वो रेप पीड़ितों का नाम किसी भी फैसले के दौरान उजागर न करें. 

इस मामले में जस्टिस वर्मा की याचिका 'XXX बनाम भारत सरकार' नाम से लिस्टेड है. इस मामले में केंद्र सरकार के अलावा सुप्रीम कोर्ट भी एक रिस्पॉन्डेंट की भूमिका में है. 17 जुलाई को दायर की गई इस याचिका में एडवोकेट ने रजिस्ट्री द्वारा बताई गई खामियों को दूर किया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 24 जुलाई को इस याचिका को सुनवाई के लिए रजिस्टर कर लिया.

एक ही दिन दो मामलों की सुनवाई

दिलचस्प बात ये है कि एक तरफ जहां 'XXX बनाम भारत सरकार' मामले की सुनवाई 28 जुलाई को होगी, वहीं इसी केस से जुड़े एक और मामले की सुनवाई भी इसी दिन होनी है. कोर्ट में 'XXX बनाम भारत सरकार' सुनवाई के लिए 56 नंबर पर लिस्टेड है. वहीं जस्टिस वर्मा के घर से मिले जलते हुए कैश की गुत्थी सुलझाने के लिए एडवोकेट मैथ्यूज़ जे नेदुमपारा ने भी याचिका दायर की है. एडवोकेट मैथ्यूज़ की याचिका 59 नंबर पर लिस्टेड है. यानी 56 नंबर पर जस्टिस वर्मा की याचिका पर सुनवाई के ठीक तीन मामलों के बाद 59 नंबर पर एडवोकेट मैथ्यूज़ की याचिका पर सुनवाई होगी.

संसद के स्पीकर CJI को लिखेंगे 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार लोकसभा स्पीकर को 150 सांसदों का साइन किया हुआ नोटिस मिला है. इसमें जस्टिस वर्मा को हटाने की बात कही गई है. रिपोर्ट के अनुसार इसी हफ्ते लोकसभा स्पीकर, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बी आर गवई को जांच कमेटी में शामिल सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के एक चीफ जस्टिस का नाम भेज सकते हैं. ये जज उस जांच कमेटी का हिस्सा होंगे जो Judges Inquiry Act, 1968 के तहत जस्टिस वर्मा के केस की जांच करेगी.

वीडियो: नेतानगरी: जस्टिस यशवंत वर्मा के घर मिले कैश को लेकर उठ रहे गंभीर सवाल, FIR होगी या नहीं?

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