स्कूल न बना पाए, VIP के लिए रोड फटाफट बना दी... झालावाड़ में अफसरों की असंवेदनशीलता देखिए
Jhalawar School Building Collapse Update: झालाबाड़ में 7 बच्चों की मौत के बाद प्रशासन की असंवेदनशीलता दिखी. अस्पताल को जाने वाली सड़क दोपहर को ही बनवाई गई थी, क्योंकि कुछ बड़े नेता घायल बच्चों को देखने के लिए आने वाले थे. सड़क को बनाने का वीडियो आ गया. जिसे देख कुछ लोग भड़क गए.

राजस्थान के झालावाड़ में सरकारी स्कूल की छत गिरने से अब तक सात बच्चों की मौत हो चुकी है. जबकि 28 बच्चे घायल हो गए हैं. इस बीच झालावाड़ में शुक्रवार, 25 जुलाई की दोपहर उस अस्पताल की सड़क बनते हुए वीडियो वायरल हुआ, जहां घायल बच्चों को इलाज के लिए पहुंचाया गया था. ये सड़क पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का काफिला अस्पताल पहुंचने से पहले बनाई गई.
ये घटना झालावाड़ मेडिकल कॉलेज की है. आजतक के इनपुट के मुताबिक, शुक्रवार, 25 जुलाई की देर शाम वसुंधरा राजे घायल बच्चों और उनके परिवालों से मिलने अस्पताल पहुंची थीं. इसके बाद जब उनका काफिला अस्पताल से निकला, तो ये सड़क उखड़ गई.
इससे पहले, सड़क को बनाने का वीडियो वायरल हो गया था. जिसे देख लोग ‘प्रशासनिक असंवेनशीलता’ का आरोप लगाते हुए भड़क गए. कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने सोशल मीडिया पर लिखा,
राजस्थान के जिस झालावाड़ में आज स्कूल की छत गिरने से कई बच्चे दबकर मर गए, अब वहां सड़क बिछाई जा रही है. मंत्री जी को तकलीफ नहीं होनी चाहिए...

ऐसी भी खबर आई है कि 25 जुलाई को छत गिरने से पहले छात्रों ने टीचर्स को आगाह किया था कि कुछ गड़बड़ है. लेकिन उस समय नाश्ता कर रहे टीचर्स ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया और छात्रों से क्लासम में वापस जाने को कहा. इंडिया टुडे से जुड़े देव अंकुर वधावन की खबर के मुताबिक, एक छात्र ने बताया,
कंकड़ गिर रहे थे. जब छात्रों ने टीचर्स को बताया, तो उन्होंने उन्हें (छात्रों को) डांटा और नाश्ता करते रहे. अगर बच्चों को बाहर निकाल लिया जाता, तो ये हादसा नहीं होता.
इंडिया टुडे के सूत्रों के अनुसार, स्कूल की दीवारें और छत जर्जर हालत में थीं. छत में एक महीने पहले ही सीमेंट लगाया गया था और प्लास्टर किया गया था.

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झालावाड़ स्कूल हादसाशुक्रवार, 25 जुलाई को राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पिपलौदी की छत गिर गई. हादसे में सात बच्चों की मौत हो गई और 28 छात्र घायल हुए. हादसे के समय स्कूल में क्लास चल रही थी. जान गंवाने वाले सभी बच्चे 7वीं क्लास के थे. हादसे के बाद जेसीबी मशीन की मदद से मलबा हटाया गया.
घटना के बाद स्कूल के सभी टीचर को सस्पेंड कर दिया गया है. इसमें प्रिंसिपल समेत पांच टीचर शामिल हैं. आरोप है कि बच्चों ने बार-बार छत का मलबा गिरने की शिकायत की थी. लेकिन स्कूल के टीचर्स ने इस पर ध्यान नहीं दिया. अब 7 बच्चों की मौत के बाद शिक्षा विभाग की ओर से टीचरों पर एक्शन लिया गया है.
वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: राजस्थान के झालावाड़ में 8 छात्रों की मौत का जिम्मेदार कौन?