लाल किले पर आज दिखी 60 साल पुरानी कार, इसकी कहानी तो और भी दिलचस्प निकली
Jeep Wagoneer at Red Fort: काले रंग की गाड़ी से दिल्ली एरिया के GOC, लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार स्वतंत्रता दिवस समारोह में पहुंचे थे. जब लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार इस कार से उतरे तो इसके विंटेज यानी पुराने डिजाइन और मस्कुलर लुक ने लोगों को आकर्षित किया. तो जानते हैं, क्या है इस गाड़ी की कहानी और इसका पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन से क्या नाता है?

साल 2025 में भारत अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मना रहा है. लाल किले (Red Fort) पर स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान एक तस्वीर ने लोगों का ध्यान खींचा. ये तस्वीर थी एक गाड़ी की. काले रंग की ये गाड़ी जीप की वैगनियर (Jeep Wagoneer) थी जिससे दिल्ली एरिया के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (GOC) लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश (Lt Gen Bhavnish Kumar) कुमार स्वतंत्रता दिवस समारोह में पहुंचे थे. जब लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार इस कार से उतरे तो इसके विंटेज यानी पुराने डिजाइन और मस्कुलर लुक ने लोगों को आकर्षित किया. तो जानते हैं, क्या है इस गाड़ी की कहानी और इसका पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन से क्या नाता है?
भूटान के राजा का तोहफासाल 1965 की बात है. भूटान के राजा जिगमे दोरजी वांगचुक भारत की यात्रा पर आए थे. उस समय भारत के राष्ट्रपति थे डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन. जब राजा जिगमे दोरजी वांगचुक भारत यात्रा पर आए तो उन्होंने इंडियन प्रेसिडेंट को तोहफ़े में जीप कंपनी द्वारा बनाई एक कार गिफ्ट की. ये कार थी Jeep Wagoneer. भारत-भूटान के मधुर संबंधों की निशानी के तौर पर भारत को ये तोहफा दिया गया.
काफी समय तक ये गाड़ी राष्ट्रपति भवन की सेवा में रही. आगे चलकर साल 2000 में इस गाड़ी को इंडियन आर्मी के सुपुर्द कर दिया गया. तब से ये गाड़ी दिल्ली एरिया के आर्मी हेडक्वार्टर में एक सेरेमोनियल गाड़ी के तौर पर इस्तेमाल की जाती है. सेरेमोनियल यानी वो गाड़ी जिसे किसी खास समारोह या मौके पर इस्तेमाल किया जाए.

Wagoneer वो गाड़ी है जिसपर जीप कंपनी काफी गर्व महसूस करती है. ये लोगों के बीच इतनी लोकप्रिय हुई कि लगातार 1963 से 1991 तक कंपनी ने 29 साल तक इसका प्रोडक्शन जारी रखा. इसकी लोकप्रियता और पब्लिक डिमांड क़ो देखते हुए साल 2021 में जीप ने फिर से Wagoneer क़ो लॉन्च किया जो कि एक नया और अपडेटेड मॉडल था. पुराने मॉडल चलन से बाहर हो गए, लेकिन इंडियन आर्मी ने इस गाड़ी को आज भी सहेज कर रखा है. ये गाड़ी फिलहाल दिल्ली एरिया के GOC की सेवा में तैनात है. तो समझते हैं, क्या है इस गाड़ी के फीचर्स जो इसे खास बनाते हैं.
- 3.8 लीटर टॉरनेडो, 6 सिलिंडर वाला इंजन
- 140hp की पावर
- यूनिक फ्रंट सस्पेंशन
- 4X4 फीचर जो इसे किसी भी रास्ते के लिए फिट बनाता था.
- पहली 4X4 गाड़ी जिसमें आटोमेटिक ट्रांसमिशन था.
- 3-स्पीड मैनुअल का भी ऑप्शन था.
- 1965 में टॉरनेडो के अलावा एक 5.4 लीटर V8 इंजन वेरिएंट भी लॉन्च हुआ.
1960 के दशक में ये गाड़ी एक बहुत ही लक्ज़री गाड़ी थी. जब ऑटोमोबाइल इंजीनियर ब्रूक्स स्टीवेंस ने 1962 में इसका पहला मॉडल डिजाइन किया तो उन्हें खुद भी अंदाजा नहीं था कि ये गाड़ी लोगों क़ो इतनी पसंद आएगी. अगर चलकर इस गाड़ी का ऐसा क्रेज हुआ कि 1991 में प्रोडक्शन बंद होने के बाद भी 2021 में जीप ने इसे फिर से लॉन्च किया.
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