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ईरान पर नोबेल कमेटी का बड़ा आरोप, नरगिस मोहम्मदी को मिल रही हत्या की धमकी

मोहम्मदी को तेहरान की एविन जेल में कठोर परिस्थितियों में रखा गया है, जहां उनकी जान को गंभीर खतरा है. नोबेल कमेटी ने ईरानी अधिकारियों से उनकी तत्काल रिहाई और मानवाधिकारों का सम्मान करने की मांग की है.

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Iranian activist says country threatening her with physical elimination
नरगेस मोहम्मदी एक मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं. 2023 में नोबेल शांति पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया गया था. (फोटो- X)
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प्रशांत सिंह
11 जुलाई 2025 (Published: 09:58 PM IST) कॉमेंट्स
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Nobel Committee ने दावा किया है कि Nobel Peace Prize विजेता नरगिस मोहम्मदी (Narges Mohammadi) की जान को खतरा है. कमेटी ने आरोप लगाया है कि ईरान सरकार से उन्हें हत्या की धमकियां मिल रही हैं. नॉर्वे स्थित नोबेल कमेटी ने 10 जुलाई को एक बयान जारी कर ईरान पर मोहम्मदी के खिलाफ बदले की कार्रवाई का आरोप लगाया है.

मोहम्मदी को तेहरान की एविन जेल में कठोर परिस्थितियों में रखा गया है, जहां उनकी जान को गंभीर खतरा है. नोबेल कमेटी ने ईरानी अधिकारियों से उनकी तत्काल रिहाई और मानवाधिकारों का सम्मान करने की मांग की है.

कमेटी के मुताबिक मोहम्मदी ने बताया है कि उन्हें अज्ञात माध्यमों और अपने वकीलों के जरिए शासन के एजेंटों की चेतावनियां मिली हैं. समिति के अध्यक्ष योर्गेन वाटने फ्राइडन ने कहा कि वो मोहम्मदी और उनकी तरह आलोचना की आवाज बने सभी ईरानी नागरिकों की जान को लेकर चिंतित हैं. 

नोबेल कमेटी ने अपने बयान में कहा,

"मोहम्मदी को दी गई धमकियों से ये स्पष्ट हो जाता है कि उनकी सुरक्षा को खतरा है. उन्हें धमकाया गया है कि जब तक वो ईरान में अपनी सार्वजनिक गतिविधियों और लोकतंत्र, मानवाधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के समर्थन में बोलना बंद नहीं करतीं, तब तक उनकी जान को खतरा रहेगा."

नोबेल कमेटी के इन दावों और मोहम्मदी के बयान पर ईरानी विदेश मंत्रालय ने अब तक कोई भी टिप्पणी नहीं की है.

कौन हैं नरगिस मोहम्मदी?

बता दें कि नरगिस मोहम्मदी एक मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं. 2023 में नोबेल शांति पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया गया था. ये पुरस्कार उन्हें मध्य पूर्वी देशों में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने, ईरान में महिलाओं के अधिकारों और लोकतंत्र के लिए दशकों तक संघर्ष करने के लिए दिया गया था. उनकी गिरफ्तारी और कारावास को अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला माना है.

मोहम्मदी ईरान की एविन जेल में पिछले 10 साल से सजा काट रही हैं. उनके बच्चों ने उनकी ओर से पुरस्कार स्वीकार किया था. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक ईरानी शासन ने उन्हें अब तक 13 बार गिरफ्तार किया है. पांच बार उन्हें दोषी ठहराया गया और 30 साल से अधिक की जेल की सजा सुनाई गई. दिसंबर 2024 में उन्हें मेडिकल ग्राउंड्स पर अस्थायी रिहाई दी गई थी.

मोहम्मदी ने जेल से भी अपनी आवाज बुलंद रखी है. उन्होंने लेटर और बयान जारी कर ईरान में मानवाधिकार उल्लंघनों को उजागर किया है. उनके समर्थकों का कहना है कि वो ‘महसा अमिनी’ आंदोलन की प्रतीक बन गई हैं जिसमें 2022 में ईरान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे. ये आंदोलन एक युवती की हिरासत में मृत्यु के बाद भड़का था.

नोबेल कमेटी ने चेतावनी दी कि अगर ईरान ने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की, तो ये वैश्विक स्तर पर मानवाधिकारों के लिए एक बड़ा झटका होगा.

वीडियो: कोरियाई लेखिका हान कांग ने ऐसा क्या लिखा कि उन्हें साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिल गया?

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