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सेना को मिलेगी AI वाली मशीन गन्स, दुश्मन का बाल भी दिखा तो भी नहीं चूकेगा निशाना!

भारतीय सेना ने देहरादून की कंपनी BSS मैटेरियल के साथ मिलकर ऑटोमैटिक लाइट मशीन गन का परीक्षण किया है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एनेबल्ड होने की वजह से यह नेजेव LMG दुश्मन को पहचान कर गोली चला सकती है.

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indian army tested AI enabled Negev LMG
देहरादून की कंपनी BSS मैटेरियल ने 14,000 फीट की ऊंचाई पर इस हथियार का परीक्षण किया है.
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उपासना
9 जून 2025 (Published: 05:15 PM IST) कॉमेंट्स
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भारतीय सेना (Indian Army) ने आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस की मदद से अपने हथियारों को और ज्यादा घातक और मजबूत किया है. सेना ने AI की मदद से अपने लेथल वेपन सिस्टम नेजेव LMG(Lethal Weapon System Negev LMG) को और ज्यादा एडवांस कर दिया है. देहरादून की कंपनी BSS मैटेरियल के साथ मिलकर भारतीय सेना ने इसका सफल परीक्षण किया है. ये परीक्षण 14,000 फीट की ऊंचाई पर किया गया.

यह परीक्षण ये चेक करने के लिए किया गया था कि हथियार ऊंचाई वाले इलाकों में कितनी सटीकता से हमला कर सकता है. और इसमें हथियार ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है. आपको बता दें कि इस तरह के परीक्षण से भारतीय सेना और घरेलू रक्षा कंपनियों के बीच आपसी सहयोग से होने इन परीक्षणों से भारत सरकार के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे पहल को मजबूती मिलेगी.

शानदार रहे नतीजे

कथित तौर पर परीक्षण के दौरान AI इंटीग्रेटेड सिस्टम ने टारगेट को सटीकता से पहचाना. जरूरत और स्थिति के हिसाब से फायर कंट्रोल दिखाया. सेमी-ऑटोनॉमस सर्विलांस क्षमता का भी प्रदर्शन किया.

इस सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत इसका मल्टी सेंसर AI मॉड्यूल है. जो इसे टारगेट डिटेक्शन और रियल टाइम एंगेजमेंट डिसिजन लेने में मदद करता है. 

इसमें टारगेट का पता लगाने के लिए थर्मल इमेजिंग का इस्तेमाल किया जाता है. यानी ये गन किसी जगह से निकल रही गर्मी का पता लगाकर वहां क्या है, ये पता कर सकती है. दूसरा है ऑप्टिकल फ्यूजन सिस्टम से टारगेट करना. यानी इसमें लगा सिस्टम विजुअल्स के माध्यम से टारगेट को स्टडी करता है. एक बार टारगेट के बारे में जानकारी आने पर ये उसी अनुसार फायर करता है.

बैलिस्टिक कंपनसेशन, यानी वो खूबी जो हवा, ग्रेविटी जैसी चीजों को ध्यान में रख कर फायर करती है. इस वजह से हवा या ग्रेविटी से गोली पर होने वाला असर काफी हद तक कम हो जाता है. 

साथ ही इस गन में रेंज, तापमान आदि का ध्यान रखते हुए फायर होता है जिससे इसकी सटीकता बढ़ती है. इसके अलावा इसे कमांड देने के लिए एन्क्रिप्टेड यानी बिल्कुल सिक्योर नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता है. इससे इसे कहां से कब क्या कमांड दिया जा रहा है, उसे पता करना या हैक करना लगभग नामुमकिन हो जाता है.

क्या है खास?

आइए आपको इस ऑटोमैटिक वेपन की प्रमुख खासियतें बताते हैंः

- AI से लैस होने की वजह से यह हथियार ना सिर्फ खुद ब खुद दुश्मन की पहचान करता है. बल्कि अपने आप उस पर गोली चला सकता है.

- इस तकनीक के बाद AI एनेबल्ड नेजेव LMG, सीमा वाले इलाकों में, खासकर जहां सेना के जवानों की तैनाती रिस्की होती है और दुश्मन की तरफ से हमले की संभावना अधिक होती है, वहां इनकी तैनाती की जा सकती है. जैसे कि बेस डिफेंस, काफिले की सुरक्षा के लिए इनका इस्तेमाल किया जा सकता है.

- यह हथियार कई वेपन प्लेटफॉर्म पर काम कर सकता है. जैसे- लाइट मशीन गन से लेकर एंटी ड्रोन सिस्टम. जरूरत के हिसाब से इसे ट्राइपॉड पर, रिमोट वेपन स्टेशन(RWS), अनमैन्ड ग्राउंड वीकल्स(UGVs) और फिक्स्ड डिफेंसिव पोजिशन पर तैनात किया जा सकता है.

वीडियो: ग्राउंड रिपोर्ट: सेना की वो पोजीशन जिसका निशाना हमेशा PoK पर रहता है

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