The Lallantop
Advertisement

'झुकेंगे नहीं... ', नाटो चीफ की प्रतिबंध लगाने वाली धमकी पर भारत ने अब कायदे से समझाया है

NATO प्रमुख की धमकी के बाद India ने साफ किया है कि वह जनता की ऊर्जा जरूरतों के आगे किसी तरह के अंतरराष्ट्रीय दबाव या दोहरे मापदंड को नहीं स्वीकारेगा. भारत का कहना है कि वह वैश्विक हालात और बाजारों के मुताबिक ही अपने फैसले लेता रहेगा.

Advertisement
hardeep singh puri nato america europian union
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत के पास वैकल्पिक व्यवस्था मौजूद है. (इंडिया टुडे, फाइल फोटो)
pic
आनंद कुमार
18 जुलाई 2025 (Published: 11:21 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

रूस (Russia) से तेल खरीदने पर नाटो (NATO) प्रमुख और अमेरिका (US) के कड़े बयान पर भारत सरकार की ओर से प्रतिक्रिया आई है. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने कहा कि यदि रूस से तेल निर्यात पर प्रतिबंध लगाया जाता है तो भारत वैकल्पिक सप्लाई की व्यवस्था करेगा. वहीं विदेश मंत्रालय (foreign ministry) ने कहा है कि इस मामले में भारत को किसी के दोहरे मापदंड कतई मंजूर नहीं हैं.

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने 17 जुलाई को एक इवेंट में बताया, 

भारत तेल के लिए किसी एक स्रोत(देश) पर निर्भर नहीं है. मुझे इसकी जरा भी चिंता नहीं है. अगर कुछ होता है तो हम उससे निपट लेंगे. हमारे पास पर्याप्त सप्लाई मौजूद है.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने NATO प्रमुख के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 

हमने इस विषय पर रिपोर्ट देखी है. और ताजा हालात पर नजर बनाए हुए हैं. हमें अपने नागरिकों की ऊर्जा जरूरतें पूरी करनी ही हैं. इसके लिए जो भी वैश्विक बाजार में उपलब्ध है और जिस तरह की परिस्थितियां हैं, उन्हीं के मुताबिक हम फैसले लेते हैं. हम खास तौर पर कहना चाहेंगे कि इस विषय पर हमें दोहरी नीति या भेदभाव नहीं चाहिए.

भारत ने पहले भी इस मुद्दे पर पश्चिमी देशों पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया था. भारत का कहना है कि यूरोपीय देश लंबे समय तक रूसी ऊर्जा का आयात करके अपनी जरूरतें पूरी करते रहे हैं.

नाटो महासचिव ने क्या कहा था?

NATO के महासचिव मार्क रूट ने भारत, चीन और ब्राजील को रूस से तेल खरीदने पर कड़े प्रतिबंध की धमकी दी थी. रूट ने अमेरिकी नेताओं से मुलाकात के बाद कहा कि अगर इन देशों ने रूस से व्यापार नहीं रोका तो उन पर भारी आर्थिक प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. मार्क रूट ने कहा, 

दिल्ली, बीजिंग और ब्राजील के नेताओं को चाहिए कि वे व्लादिमीर पुतिन को फोन करें और शांति वार्ता को गंभीरता से लेने के लिए कहें. अगर ऐसा नहीं हुआ तो प्रतिबंधों का सीधा असर इन देशों पर होगा.

ये भी पढ़ें - 'रूस से तेल खरीदा तो...' अब NATO के जनरल सेक्रेटरी ने भारत को चेताया

भारत किसी दबाव में नहीं झुकेगा

भारत का कहना है कि वह अतंरराष्ट्रीय नियमों का पालन करता है. और इस मामले में किसी के दबाव या नीति को आंख बंद करके स्वीकार नहीं करेगा, क्योंकि देश के करोड़ों नागरिकों के लिए सस्ती ऊर्जा जरूरी है. 

NATO प्रमुख की धमकी के बाद भारत ने साफ किया है कि वह जनता की ऊर्जा जरूरतों के आगे किसी तरह के अंतरराष्ट्रीय दबाव या दोहरे मापदंड को नहीं स्वीकारेगा. भारत का कहना है कि वह वैश्विक हालात और बाजारों के मुताबिक ही अपने फैसले लेता रहेगा.

वीडियो: दुनियादारी: रूस-यूक्रेन वॉर में आगे क्या होगा? यूरोपीय देशों ने मिलकर क्या तय किया?

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement