The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • India joins Russia and Belarus Zapad military drills amid trade tensions us military also joined

भारत-रूस कर रहे सैन्य अभ्यास, अमेरिकी सैनिक भी बीच मैदान में पहुंच गए

काफी समय बाद Russia-America बिना एक-दूसरे पर बंदूक ताने, लेकिन बंदूक लेकर खड़े हैं. इस संयुक्त सैन्य अभ्यास में Indian Army के भी सैनिक हिस्सा लेने पहुंचे हैं.

Advertisement
India joins Russia and Belarus Zapad military drills amid trade tensions with US
संयुक्त अभ्यास के दौरान फ्लेयर छोड़ते हेलीकॉप्टर (PHOTO- India Today via Reuters)
pic
मानस राज
17 सितंबर 2025 (Updated: 17 सितंबर 2025, 10:38 AM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

रूस और अमेरिका बिना जंग के एक मैदान पर या एक मंच पर आएं, ये भारत की मौजूदगी में ही संभव हो सकता है. एयरो इंडिया (Aero India) में हमने देखा था कि अमेरिकन F-35 और रूसी Su-57 एक एयरबेस पर आमने-सामने खड़े थे. और अब ऐसा देखने को मिला है बेलारूस में. यहां चल रहे संयुक्त सैन्य अभ्यास जेपैड (Zapad-2025) में Indian Army के भी सैनिक हिस्सा लेने पहुंचे हैं. दिलचस्प बात ये है कि इस एक्सरसाइज में अमेरिका भी एक पर्यवेक्षक (Observer) के तौर पर बेलारूस पहुंचा है. यानी काफी समय बाद रूस-अमेरिका बिना एक-दूसरे पर बंदूक ताने, लेकिन बंदूक लेकर खड़े हैं.

Image
zapad 2025 में पहुंचे पुतिन (PHOTO-X/TASS)

इस एक्सरसाइज का नेतृत्व रूस और बेलारूस कर रहे हैं. वहीं बांग्लादेश, ईरान, बुर्किना फासो, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और माली भी इसका हिस्सा हैं. कुल मिलाकर इस जॉइंट एक्सरसाइज में लगभग 1 लाख सैनिक हिस्सा ले रहे हैं. साथ ही इस अभ्यास में न्यूक्लियर हमला करने में सक्षम बॉम्बर विमान, समुद्री जहाज और भारी-भरकम तोपें शामिल हैं. एक्सरसाइज के दौरान सैनिकों से मिलने खुद रूसी राष्ट्रपति पुतिन पूरे मिलिट्री गियर पहन कर निजहनी नोवगोरोड स्थित मुलीनो ट्रेनिंग ग्राउंड पहुंचे.  

Image
बेलारूस में ZAPAD 2025 के दौरान इंडियन आर्मी (PHOTO-X)

इस मौके पर राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि इस मिलिट्री ड्रिल और एक्सरसाइज का लक्ष्य अपने डिफेंस सिस्टम को मजबूत करना और किसी भी संभावित खतरे की स्थिति में खुद की तैयारी का प्रदर्शन है. क्रेमलिन के अनुसार 41 ट्रेनिंग साइट्स पर दोनों देश (रूस और बेलारूस) 333 विमानों और 247 नेवल जहाजों और सबमरीन्स के साथ ये ड्रिल कर रहे हैं.

अमेरिका भी हुआ शामिल 

इस बार ZAPAD-2025 में एक देश की एंट्री बड़ी दिलचस्प और चर्चा का विषय बनी रही. दरअसल ऐसा कम ही होता है जब अमेरिका और रूस के सैनिक आमने-सामने आएं. लेकिन अमेरिका बेलारूस से अपने रिश्ते सुधारने की कोशिश कर रहा है. इसलिए उसने बेलारूस द्वारा दिया गया ZAPAD का न्योता स्वीकार किया और बतौर ऑब्जर्वर इसमें शामिल हुआ.

zapad usa
ZAPAD में हिस्सा लेते अमेरिकी सैनिक (PHOTO-X)

अमेरिका ने ऐसे समय में इस ड्रिल को जॉइन किया है जब कुछ ही दिन पहले पोलैंड के हवाई क्षेत्र में घुस आए रूसी ड्रोनों को मार गिराया गया है. इस घटना को अभी एक हफ्ते भी नहीं बीते है, और अमेरिकी अधिकारियों की बेलारूस में मौजूदगी इस बात का ताजा संकेत है कि अमेरिका बेलारूस के साथ संबंधों को मजबूत करना चाहता है. 

रूसी समाचार एजेंसी TASS के मुताबिक इस ड्रिल में भारत की भागीदारी का उद्देश्य रूस के साथ ‘सहयोग और आपसी विश्वास की भावना’ को मजबूत करना है. नई दिल्ली के इस फैसले से अमेरिका में चिंताएं बढ़ने की संभावना है, क्योंकि अगस्त 2025 में ही भारत-अमेरिका के बीच रूसी तेल को लेकर तनाव तब बढ़ गया था. राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के प्रशासन ने भारतीय आयातों पर 50 प्रतिशत शुल्क लगा दिया. व्हाइट हाउस ने भारत पर रूसी तेल की निरंतर खरीद के जरिए यूक्रेन में रूस के युद्ध को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन करने का आरोप लगाया.

वीडियो: दुनियादारी: तालिबान को मिल रही जीत के चलते रूस ने युद्ध अभ्यास क्यों शुरू कर दिया है?

इस पोस्ट से जुड़े हुए हैशटैग्स

Advertisement