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पाकिस्तान बॉर्डर से मात्र 100 किलोमीटर की दूरी पर इंडियन एयरफोर्स का अभ्यास

NOTAM के दौरान Indian Air Force पाकिस्तानी सीमा के नजदीक युद्धाभ्यास (War Exercise) करेगी. ये अभ्यास एयरफोर्स की जंग के लिए तैयारी (Battle Readiness) को पुख्ता करेगा.

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India issues NOTAM Indian Airforce Exercise near southern section border with Pakistan
भारतीय वायुसेना करेगी अभ्यास (PHOTO-Indian Air Force)
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मानस राज
4 जून 2025 (Published: 11:53 AM IST) कॉमेंट्स
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इंडियन एयरफोर्स (IAF) बुधवार 4 जून को गुजरात तट के पास करीब 6 घंटों का हवाई अभ्यास कर रही है. जिस जगह ये अभ्यास होना है वो जगह पाकिस्तान बॉर्डर से मात्र 100 किलोमीटर दूर है. इस ड्रिल या यूं कहें कि युद्धाभ्यास (War Exercise) के लिए विमाननकर्मियों (Airmen) को उस एयरस्पेस में लगाए गए प्रतिबंधों के बारे में सचेत करने के लिए एक नोटिस जारी किया जाता है. इसी को नोटिस टू एयरमेन माने NOTAM कहते हैं. इस अभ्यास में रफाल, सुखोई- Su-30MKI और जगुआर जैसे विमान शामिल हो सकते हैं. इस अभ्यास का उद्देश्य इंडियन एयरफोर्स की जंग के लिए तैयारी (Battle Readiness) को बढ़ाना और जांचना है.

इससे पहले मई 2025 की शुरुआत में, इंडियन एयरफोर्स ने भारत-पाकिस्तान सीमा के दक्षिणी हिस्से में 7 और 8 मई को होने वाले हवाई अभ्यास के लिए NOTAM जारी किया था. यह अभ्यास भारतीय एयरफोर्स की तैयारियों को जांचने के लिए था. इसमें राजस्थान स्थित अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर युद्धाभ्यास और ड्रिल शामिल थी. इस अभ्यास में रफाल, मिराज-2000 और सुखोई-Su-30MKI जैसे सभी मुख्य लड़ाकू विमान शामिल थे. 

क्या होता है NOTAM?

NOTAM का मतलब होता है ‘नोटिस टू एयरमेन’. इसे पहले ‘नोटिस टू एयर मिशन’ कहा जाता था. यह एक तरह का गोपनीय सूचना तंत्र है, जिसके जरिए फ्लाइट्स में मौजूद केबिन क्रू को संदेश दिया जाता है. इसके लिए कोड लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता है. कुल मिलाकर ये विमानों में काम करने वाले क्रू को दिया जाने वाला एक मैसेज होता है.

अगर एयरस्पेस में किसी तरह का खतरा हो. मसलन, मौसम खराब हो, ज्वालामुखी विस्फोट हुआ हो, हवाई मार्ग में किसी तरह की बाधा हो, बर्फबारी होने वाली हो या फ्लाइट में किसी तरह की गड़बड़ी का पता लगा हो. ऐसे मामलों में उस क्षेत्र के लिए NOTAM जारी किया जाता है. कई बार रनवे क्षतिग्रस्त हो जाता है या फिर वहां कोई पक्षी या जानवर आ जाता है. इन सबकी जानकारी फ्लाइट क्रू को NOTAM के जरिए ही दी जाती है.

(यह भी पढ़ें: Swift-K ड्रोन से खौफ में आएगी दुश्मन सेना, न रडार देख पाएगा, न दुश्मन समझ पाएगा)

साथ ही पैराशूट जंप, रॉकेट लॉन्चिंग, सैन्य अभ्यास जैसी संवेदनशील इन्फॉर्मेशन, किसी एयरस्पेस में प्रतिबंध जैसी जानकारियां भी NOTAM के जरिए ही दी जाती हैं. कुल मिलाकर सेफ हवाई यात्रा में NOTAM की भूमिका बेहद अहम होती है. 

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