20 दिनों में 85 लोगों की मौत, हिमाचल में बारिश से भारी तबाही, मंडी की हालत सबसे खराब
Himachal Pradesh का हाल बारिश के मौसम में बेहद खराब है. भूस्खलन, अचानक बाढ़ और बादल फटने से बहुत नुकसान हुआ है. Mandi जिला सबसे अधिक प्रभावित है.

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में मानसून के कारण भारी तबाही हुई है. खराब मौसम के कारण पिछले 20 दिनों में 85 लोगों की मौत हुई है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार, बारिश के दौरान भूस्खलन, अचानक बाढ़ और बादल फटने से 54 लोगों की जान चली गई है. इसके अलावा 31 मौतें सड़क दुर्घटनाओं के कारण हुई हैं.
SDMA ने स्पष्ट कहा है कि राज्य को लगातार हो रही बारिश के कारण कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. पिछले एक दिन में लगभग 204 सड़कें ब्लॉक हो गई हैं. मंडी से कोटली होते हुए धरमपुर तक जाने वाला नेशनल हाईवे NH-003 भी ब्लॉक है. इसके अलावा, राज्य में 192 बिजली डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर (DTs) और 740 जलापूर्ति योजनाएं भी बाधित हुई हैं. इसके कारण विद्युत और जल आपूर्ति की समस्याएं सामने आई हैं.
मंडी की स्थिति सबसे ज्यादा खराबखराब मौसम के कारण मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित है. यहां सबसे ज्यादा 138 सड़कें बाधित हुई हैं. इस जिले में बिजली कटौती और जल आपूर्ति की भी सबसे ज्यादा समस्याएं आई हैं.
कुल्लू में भारी बारिश के कारण 20 सड़कें ब्लॉक हुई हैं. सिरमौर और कांगड़ा में भी कई बुनियादी ढ़ांचों को नुकसान पहुंचा है.
अलर्ट पर हैं इमरजेंसी सेवाएंस्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (SEOC) के अधिकारियों ने बताया है कि हालात को देखते हुए सभी इमरजेंसी सेवाओं को अलर्ट पर रखा गया है. सड़क संपर्क, बिजली और पानी की आपूर्ति का काम जारी है.
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जनता को सतर्क रहने की सलाहSDMA ने जनता से अपनी अपील दोहराई है कि वो खराब मौसम के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतें. संवेदनशील रास्तों पर जाने से बचें, खासकर ऊंचाई वाली जगहों पर. इसके अलाव उन जगहों पर भी जाने से मना किया गया है, जो भूस्खलन के लिए सेंसेटिव हैं.
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 9 जुलाई को मंडी जिले के सिराज विधानसभा क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. उन्होंने प्रभावित परिवारों को राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया.
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