53 बार दुबई, 30 से ज्यादा देश घूम आया... फर्जी दूतावास चलाने वाले हर्षवर्धन के बड़े राज खुले
Fake Embassy चलाने का आरोपी हर्षवर्धन अपने पिता के बिजनेस को संभाल नहीं पाया. उसे बहुत ज्यादा नुकसान हुआ. इसके बाद उसने ठगी का रास्ता पकड़ लिया. उसने Ghaziabad के कवि नगर इलाके के एक मकान में फर्जी दूतावास खोल लिया.

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में फर्जी दूतावास (Ghaziabad Fake Embassy) चलाने के आरोपी हर्षवर्धन जैन को लेकर नए खुलासे हुए हैं. पिछले 10 सालों में उसने 30 से अधिक देशों की यात्रा की है. इस अवधि में वो 53 बार दुबई गया है. उत्तर प्रदेश स्पेशल इन्वेस्टिगेशन फोर्स (UP STF) ने उसे गिरफ्तार किया है. उससे पूछताछ की जा रही है. उसके पास से कई डिप्लोमैटिक पासपोर्ट मिले हैं.
उसने जिन देशों की यात्रा की है, उनमें इंग्लैंड, यूनाइटेड अरब अमीरात, मॉरीशस, फ्रांस, कैमरून, स्विट्जरलैंड, पोलैंड, श्रीलंका, बेल्जियम भी शामिल हैं. STF हर्षवर्धन की आय के स्रोत और लेन-देन की जानकारी खंगाल रही है. ये भी पता लगाया जा रहा है कि वो किन-किन विदेशियों के संपर्क में था.
हर्षवर्धन के पिता की कहानी पता लगीहर्षवर्धन ने लंदन से MBA की पढ़ाई की है. वो लंदन के कॉलेज ऑफ अप्लाइड साइंस में भी पढ़ा है. रिपोर्ट है कि उसका परिवार संपन्न है. उसके पिता राजस्थान के बड़े कारोबारी थे. लेकिन उनके बाद हर्षवर्धन उनके बिजनेस को संभाल नहीं पाया. उसे बहुत ज्यादा नुकसान हुआ. इसके बाद उसने ठगी का रास्ता पकड़ लिया.
उसने गाजियाबाद के कवि नगर इलाके के एक मकान में फर्जी दूतावास खोल लिया. उसने खुद को वेस्ट आर्टिका और सेबोर्गा, पोल्बिया, लोडोनिया जैसे अनजान देशों का राजदूत कहने लगा. वो डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट वाली गाड़ियों से चलता. राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे प्रभावशाली लोगों के साथ अपनी एडिट की हुई शेयर करता और लोगों में रौब जमाने की कोशिश करता. इसी के कारण लोगों को उस पर शक नहीं हुआ.
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फर्जी दूतावास के नाम पर होता था हवाला का काम!शुरुआती जांच में STF को पता चला है कि फर्जी दूतावास की आड़ में हर्षवर्धन लोगों से ठगी कर रहा था. वो लोगों को विदेश भेजने के नाम पर उनसे मोटे पैसे ले रहा था. इसके अलावा उसने विदेश में कई शेल कंपनियां खोल रखी थीं. STF के मुताबिक, आरोपी ने लंदन, यूके, मॉरीशस, दुबई और अफ्रीका जैसे देशों में इन कंपनियों को रजिस्टर कराया था. इसके जरिए वो हवाला का एक बड़ा रैकेट चला रहा था.
STF को ये भी पता चला है कि इस मामले की जड़ें चंद्रास्वामी नाम के एक विवादास्पद धर्मगुरु और तांत्रिक से जुड़ी हैं. हर्षवर्धन का कहना है कि उसने ये सब चंद्रस्वामी के करीबी एहसान अली सैयद के कहने पर किया था. ठगी के आरोपों में एहसान को लंदन में गिरफ्तार किया गया है. 2023 में लंदन की एक कोर्ट ने उसे स्विट्जरलैंड प्रत्यपर्ण करने की मंजूरी दे दी थी.
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