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बाप-बेटे ने पानी बेचने वाले को फर्जी IAS बनाया, फिर उससे फोन कराकर बिजनेसमैन को जमकर लूटा

आरोपियों ने बिजनेसमैन का विश्वास जीतने के लिए इनकम टैक्स रेड की फर्जी बात बताई. कहा कि उनके घर पर इनकम टैक्स विभाग का छापा पड़ा है, और 300 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं.

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Father son duo dresses up water seller as IAS officer to dupe Gujarat businessman
दिनेश पटेल ने ठगों को 21 लाख 65 हजार रुपये ट्रांसफर किए थे. (फोटो- सांकेतिक)
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प्रशांत सिंह
15 जुलाई 2025 (Updated: 15 जुलाई 2025, 05:37 PM IST) कॉमेंट्स
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गुजरात के सूरत में ठगी की हैरान करने देने वाली घटना सामने आई है. यहां पिता-पुत्र की जोड़ी ने पानी बेचने वाले को IAS अधिकारी बनाकर एक बिजनेसमैन को लाखों रुपये का चूना लगा दिया. पुलिस ने मामले में फर्जी IAS अधिकारी बने शख्स को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं पिता-पुत्र की जोड़ी की अभी भी फरार है.

पुलिस के अनुसार, सूरत के जयंतीभाई और उनके बेटे कौशिक पटेल ने इलाके के एक बिजनेसमैन दिनेश पटेल से दोस्ती की थी. कुछ समय बाद उन्होंने एक कहानी गढ़ी. दिनेश का विश्वास जीतने के लिए उन्होंने इनकम टैक्स रेड की फर्जी बात बताई. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों ने दिनेश से कहा कि उनके घर पर इनकम टैक्स विभाग का छापा पड़ा है, और 300 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं. इसके बाद दोनों ने झूठा दावा किया कि ये धन केवल अदालती कार्यवाही के माध्यम से ही वापस मिल सकता है. इसके बाद उन्होंने दिनेश पटेल से वकील करने के लिए पैसे उधार मांगे.

अपनी फर्जी कहानी को आधार देने के लिए दोनों ने अहमदाबाद के एक पानी विक्रेता अर्पित उर्फ रिशन रेड्डी की मदद ली. अर्पित को दोनों ने एक फर्जी IAS अधिकारी बना दिया. इसके बाद अर्पित ने दिनेश पटेल से संपर्क किया और पिता-पुत्र द्वारा दी गई स्क्रिप्ट के आधार पर बात की. अर्पित ने दिनेश से बताया कि उसे उनके घर में हुई जब्ती की जानकारी है. उसने कहानी का आधार बनाए रखने के लिए नकदी की तस्वीरें भी भेजीं. और पटेल से कौशिक और जयंतीभाई की आर्थिक मदद करने का आग्रह किया. 

अर्पित ने दिनेश से कहा,

"मेरे पास इनकम टैक्स विभाग द्वारा जब्त किए गए 300 करोड़ रुपये हैं. इसे छुड़ाने में अपने दोस्तों कौशिक और जयंतीभाई की मदद के लिए पैसे भेजो."

इसके बाद दिनेश पटेल ने ठगों को 21 लाख 65 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए. उन्होंने ये सोचा कि वो एक कानूनी लड़ाई में फंसे अपने दोस्तों की मदद कर रहे हैं. कुछ समय बाद जब उनके पैसे वापस नहीं मिले, तो उन्होंने अप्रैल में विसनगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई.

मामला सामने आया तो पुलिस ने आगे की जांच की. पता चला कि अर्पित के पास कोई भी आधिकारिक पहचान पत्र नहीं था. और वो अहमदाबाद में पानी बेचने का काम करता था. पुलिस पूछताछ में उसने कबूल किया कि पिता-पुत्र की जोड़ी ने उसे फर्जी कॉल करने और इस धोखाधड़ी में शामिल होने के लिए 80 हजार रुपये दिए थे. 15 जुुलाई को पुलिस ने पानी बेचने वाले अर्पित को गिरफ्तार कर लिया. वहीं, जयंतीभाई और कौशिक पटेल अभी भी फरार हैं. पुलिस दोनों की तलाश कर रही है.

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