'PM मोदी ने किसके सामने सरेंडर किया', ऑपरेशन सिंदूर पर गौरव गोगोई ने सरकार को संसद में घेरा
Loksabha में Congess के सांसद Gaurav Gogoi ने मोदी सरकार पर तीखा हमला किया. Operation Sindoor पर चर्चा के दौरान उन्होंने रक्षा मंत्री Rajnath Singh के जवाब पर सवाल उठाए.

28 जुलाई को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर हुई चर्चा में माहौल बेहद गरम रहा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सरकार का पक्ष रखते हुए विपक्ष पर तीखे प्रहार किए, तो कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने उनसे और केंद्र सरकार से कई अहम सवाल पूछे. उन्होंने कहा कि जब देश और विपक्ष सरकार के साथ था, तब आखिर सरकार पीछे क्यों हटी?
चर्चा की शुरुआत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 1971 के युद्ध में हमने इंदिरा गांधी सरकार से यह नहीं पूछा था कि भारतीय सेना को कितना नुकसान हुआ, कितने प्लेन गिरे या कितने उपकरण बर्बाद हुए. उनका यह बयान विपक्ष को जवाब था, जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इंडियन एयरफोर्स के लड़ाकू विमानों के गिरने पर सरकार से जवाब मांग रहा था.
राजनाथ सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान के सिंगापुर में दिए बयान का हवाला दिया. गोगोई ने कहा,
"ये जरूरी नहीं की जेट गिरे. पर क्यों गिरे? क्या गलतियां हुईं? वो महत्वपूर्ण है. संख्या महत्वपूर्ण नहीं. 35 ही रफाल हैं देश में. अगर उनमें से कुछ गिरे, तो मुझे तो लगता है की बहुत बड़ा नुकसान हुआ है."
गोगोई ने पाकिस्तान को चीन से मिल रही सैन्य और कूटनीतिक मदद पर चिंता जताते हुए कहा,
"पाकिस्तान को चीन का कितना समर्थन मिल रहा है? आज हम आदरणीय राजनाथ सिंह जी से और प्रधानमंत्री मोदी जी से जानना चाहते हैं. डिफेंस अताशे ने ताज्जुब की बात कह दी. इंडिया के डिफेंस अताशे ग्रुप कैप्टन शिव कुमार ने बताया कि भारत ने लड़ाकू जहाज इसलिए खोए क्योंकि कुछ मिलिट्री टारगेट पर आक्रमण करने पर पाबंदी थी."
असम के जोरहाट से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सरकार से सवाल किया कि ये पाबंदी क्यों लगाई गई. उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में पहले 21 टारगेट तय किए गए थे, फिर इन्हें घटाकर 9 टारगेट क्यों किया गया? गोगोई ने कहा,
"आपने कहा कि 9 टारगेट पर हमने आक्रमण किया, लेकिन हमें यह भी सूत्रों से जानकारी और मीडिया में आया है और लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने खुद कहा कि पहले 21 टारगेट चुने गए थे. 21 से फिर 9 क्यों हुए?.. पिछले बीस वर्ष में सबसे घातक आक्रमण हमारी महिलाओं पर हुआ, हमारे बच्चों पर हुआ, भारत की आत्मा पर हुआ."
गोगोई ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ऐसा माहौल बन चुका था कि देश कोई भी कीमत चुकाने के लिए तैयार था. उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष पीएम नरेंद्र मोदी के साथ था, लेकिन 10 मई को सीजफायर का एलान कर दिया गया. उन्होंने सवाल किया कि ऐसी क्या मजबूरी थी, पीएम मोदी ने किसके सामने सरेंडर किया?
गोगोई ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के दावों पर सवाल दागे. उन्होंने कहा,
"अमेरिका के राष्ट्रपति 26 बार आज कह चुके हैं कि व्यापार को लेकर उन्होंने भारत और पाकिस्तान को सतर्क किया. दोनों को मजबूर किया कि वे इस जंग को छोड़ें. 26 बार राष्ट्रपति ट्रंप खुद कहते हैं कि 5-6 जेट गिरे. एक जेट करोड़ों-अरब रुपये का है. इसलिए हम जानना चाहते हैं, आज हमें स्पष्ट रूप से आदरणीय राजनाथ सिंह जी बताएं. देश पर विश्वास करें, देश में वो साहस है सच्चाई सुनने की, आज आप बताएं कितने लड़ाकू जहाज गिरे? क्योंकि यह सूचना, यह सच्चाई सिर्फ देश के नागरिकों के लिए नहीं, यह सूचना, यह सच्चाई हमें देश के जवानों को भी देनी है."
इसके अलावा उन्होंने पाकिस्तान को मिल रही चीन के सपोर्ट और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से मिल रही फंडिंग पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा,
"मैं जानना चाहूंगा जो एक बिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता IMF ने पाकिस्तान को दी, उस पर आपको क्या कहना है? हम जानना चाहेंगे जो ADB यानी एशियन डेवलपमेंट बैंक से 800 मिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता पाकिस्तान को मिलेगी, भारत का उस पर क्या रवैया है... ये सारा पैसा वहीं जाएगा, जहां पर हमने मिसाइल गिराईं. तो क्या इतना भी हम नहीं कर पाए? क्या इतनी भी ताकत नहीं, क्या इतना भी विश्व गुरु में लोगों का विश्वास नहीं, देश, अंतरराष्ट्रीय नेताओं का विश्वास नहीं, ये IMF की मदद ना जाए पाकिस्तान के पास, वर्ल्ड बैंक की मदद ना जाए पाकिस्तान के पास, ADB की मदद ना जाए पाकिस्तान के पास. आप में इतनी भी ताकत नहीं कि एक देश ने पाकिस्तान को टेरर स्टेट का दर्जा नहीं दिया."
उन्होंने जोर दिया कि हम सरकार के दुश्मन नहीं, हम अपने देश के पक्ष में बोल रहे हैं, जवानों के पक्ष में बोल रहे हैं. कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि जितनी बार आप झूठ और भ्रम फैलाएंगे, हम उतनी बार आपसे पूछते जाएंगे कि आपने क्या किया?
चर्चा के अंत में गौरव गोगोई ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि गृह मंत्री अमित शाह पहलगाम हमले की नैतिक जिम्मेदारी लेंगे और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी जिम्मेदारी स्वीकार करेंगे. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर भी सवाल दागते हुए कहा कि वे बताएंगे कि क्यों पैर डगमगा गए और जो अंतिम परिणाम था, हम उससे पीछे हट गए. उन्होंने कहा कि हमें पीछे नहीं हटना है.
वीडियो: ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में चर्चा से पहले क्यों भड़के स्पीकर?