Mobikwik App में आई तकनीकी गड़बड़ी, ठगों ने फायदा उठाकर पार कर दिए 40 करोड़
मोबिक्विक एप में हाल ही में एक तकनीकी गड़बड़ी आ गई थी, जिससे यूजर्स अपने वॉलेट बैलेंस से कहीं ज़्यादा रकम भेज सकते थे. अगर यूजर्स गलत पिन डालते थे तो भी लेनदेन हो जाता था. इस गड़बड़ी का फायदा उठाकर कुछ लोगों ने 40 करोड़ रुपये की ठगी कर ली.

मोबिक्विक एप की एक तकनीकी खामी का फायदा उठाकर कुछ लोगों ने 2500 बैंक खातों से 40 करोड़ रुपये का अवैध लेनदेन किया. गुरुग्राम पुलिस ने इस घोटाले का पर्दाफाश किया है और छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
2500 अकाउंट्स को किया गया फ्रीजइंडियन एक्स्प्रेस की रिपोर्ट में गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता के हवाले से बताया गया है कि पुलिस द्वारा पहचाने गए 2,500 खातों को अब फ्रीज कर दिया गया है और उनसे 8 करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं. प्रवक्ता ने कहा,
कंपनी ने पुलिस में की थी शिकायतधोखाधड़ी से धन प्राप्त करने वाले लगभग 2,500 खातों को फ्रीज कर दिया गया है. पूछताछ के दौरान, छह आरोपियों ने मोबिक्विक ऐप में तकनीकी खामी का फायदा उठाने की बात स्वीकार की, जिससे उपयोगकर्ता के वॉलेट या बैंक खाते में पर्याप्त राशि न होने पर भी, या गलत पासवर्ड दर्ज करने पर भी लेनदेन सफलतापूर्वक पूरा हो जाता था. आरोपियों ने जानबूझकर इस गड़बड़ी का फायदा उठाकर धोखाधड़ी वाले लेनदेन किए, जिससे कंपनी को वित्तीय नुकसान हुआ.
मामले में पुलिस ने रेहान, मोहम्मद सकील, वकार यूनुस, वसीम अकरम, मोहम्मद आमिर और मोहम्मद अंसार नाम के आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मामले पर 13 सितंबर को गुड़गांव के सेक्टर 53 पुलिस स्टेशन में मोबिक्विक के एक प्रतिनिधि ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पूरा घोटाला जानकारी में आया.
वॉलेट बैंलेस से ज्यादा का होता था लेनदेनटाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनी द्वारा इस महीने की शुरुआत में अपने सॉफ्टवेयर को अपडेट करने के बाद गड़बड़ी हुई. इससे मोबिक्विक यूजर्स अपने वॉलेट बैलेंस से कहीं ज़्यादा रकम भेज सकते थे. अगर यूजर्स गलत पिन डालते थे तो भी लेनदेन हो जाता था. पुलिस ने कहा कि घोटालेबाजों को इस गड़बड़ी के बारे में कैसे पता चला, इसकी जांच की जा रही है. पुलिस को इस घोटाले में कंपनी के अंदरूनी लोगों के शामिल होने का भी शक है.
इंटर्नल ऑडिट में सामने आया घोटालाइंडियन एक्स्प्रेस ने गुरुग्राम पुलिस अधिकारियों के हवाले से बताया कि कंपनी ने 12 सितंबर को एक इंटर्नल ऑडिट के दौरान संदिग्ध लेनदेन पाए जाने की सूचना दी थी. ऑडिट से पता चला कि मोबिक्विक एप में रजिस्टर्ड कुछ व्यक्तियों ने एक तकनीकी गड़बड़ी का फायदा उठाकर असफल ट्रांजेक्शन को गलत तरीके से सफल बता दिया. इससे पेमेंट असफल होने के बाद भी उनके खाते में पैसे आ गए. पुलिस में की गई शिकायत में बताया गया है कि इससे आरोपियों को अवैध रूप से अपने बैंक खातों में पैसे भेजने में मदद मिली.
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पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318(4) (मूल्यवान प्रतिभूति की धोखाधड़ी) और 314 (संपत्ति का बेईमानी से गबन) के तहत मामला दर्ज कर लिया है. शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, पुलिस ने संदिग्ध लाभार्थियों और उनके बैंक खातों की डिटेल निकाली. छह आरोपियों को मंगलवार को एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस का कहना है कि अभी धोखाधड़ी की राशि और बढ़ सकती है.
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