पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन
Manmohan Singh Death News: 22 मई, 2004 को प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले मनमोहन सिंह ने 26 मई, 2014 तक लगातार दो कार्यकाल पूरे किए.

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन हो गया है. उनको 26 दिसंबर की शाम को तबीयत बिगड़ने के बाद दिल्ली स्थित AIIMS के इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया गया था. अब से कुछ देर पहले उन्होंने अंतिम सांस ली. वो 92 वर्ष के थे (Manmohan Singh Passes away).
मनमोहन सिंह का निधनभारत के 14वें प्रधानमंत्री रहे डॉक्टर मनमोहन सिंह को देश में आर्थिक सुधारों का निर्माता माना जाता है. 22 मई, 2004 को प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले सिंह ने 26 मई, 2014 तक लगातार दो कार्यकाल पूरे किए. उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार का कुल 3,656 दिनों तक नेतृत्व किया था. वो उस समय तक जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद भारत के इतिहास में तीसरे सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री थे.
मनमोहन सिंह पहली बार 1991 में राज्यसभा के लिए चुने गए थे. उन्होंने उच्च सदन में पांच बार असम का प्रतिनिधित्व किया था. 1998 से 2004 तक भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में सिंह राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे. 1999 में उन्होंने दक्षिणी दिल्ली से लोकसभा के लिए चुनाव लड़ा, लेकिन वो सीट जीतने में असमर्थ रहे.
सरकारी सेवा में लंबा और शानदार करियर26 सितंबर, 1932 को पश्चिमी पंजाब (जो कि अब पाकिस्तान में है) के गाह गांव में जन्मे मनमोहन सिंह ने पंजाब यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया था. इसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की. सिंह का सरकारी सेवा में लंबा और शानदार करियर रहा है. उन्होंने 1971 में इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान विदेश व्यापार मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार के रूप में शुरुआत की. 1972 में उन्हें वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया था. इस पद पर वो 1976 तक रहे.
साल 1976 से 1980 के बीच उन्होंने कई प्रमुख भूमिकाएं निभाईं. वो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के डायरेक्टर रहे. इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक के डायरेक्टर रहे. मनीला स्थित एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) के बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स में भारत के लिए वैकल्पिक गवर्नर रहे. अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD) के बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स में भारत के लिए वैकल्पिक गवर्नर भी बने. इसी दौरान उन्होंने वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव और एटॉमिक एनर्जी कमीशन और स्पेस कमीशन दोनों में फाइनेंस मेंबर के रूप में भी काम किया.
1991 से 1996 के बीच वो पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में भारत के वित्त मंत्री रहे. उन्होंने देश में हुए आर्थिक सुधारों में अहम रोल निभाया था. मनमोहन सिंह ने बजट के दौरान उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण से जुड़े कई ऐलान किए थे, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को नई गति मिली.
कई अवॉर्ड से सम्मानित किए गएडॉक्टर सिंह को साल 1987 में भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. 1995 में भारतीय विज्ञान कांग्रेस का जवाहरलाल नेहरू जन्म शताब्दी अवॉर्ड मिला. 1993-94 में उन्हें वित्त मंत्री के लिए एशिया मनी अवॉर्ड से नवाजा गया. 1993 में ही वर्ष के वित्त मंत्री के लिए यूरो मनी अवॉर्ड मिला.
इससे पहले 1956 में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी का एडम स्मिथ पुरस्कार भी मिला. यही नहीं, उन्हें साल 1955 में कैम्ब्रिज के सेंट जॉन्स कॉलेज में विशिष्ट प्रदर्शन के लिए राइट अवॉर्ड दिया गया था. मनमोहन सिंह को जापानी निहोन कीज़ई शिंबुन सहित कई अन्य संघों द्वारा भी सम्मानित किया गया है.
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