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NEET में फेल, UPSC भी छोड़ा, फिर ऐसा काम किया कि 72 लाख का सैलरी ऑफर मिला

रितुपर्णा ने जब रोल्स-रॉयस में इंटर्नशिप के लिए अप्लाई किया, तो कंपनी ने पहले मना किया. कहा, "तुम एक महीने का टास्क भी पूरा नहीं कर पाओगी."

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Failed NEET, UPSC & now Rs 72 LPA How Karnataka girl became the youngest woman to work with Rolls-Royce
दिसंबर 2024 में रोल्स-रॉयस ने जेट इंजन मैन्युफैक्चरिंग डिवीजन में उन्हें प्री-प्लेसमेंट ऑफर दिया. ये ऑफर 39.6 लाख रुपये का था. (फोटो- X)
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प्रशांत सिंह
17 जुलाई 2025 (Updated: 17 जुलाई 2025, 10:50 PM IST) कॉमेंट्स
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कर्नाटक के एक छोटे से गांव से निकलकर 20 साल की उम्र में एक छात्रा रोल्स-रॉयस की शान बन गई! खास बात ये है कि लड़की NEET एग्जाम में सीट के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाई थी. इसके बाद UPSC का सपना भी छोड़ दिया. लेकिन अंत में रोबोटिक्स की पढ़ाई की, और अब 72 लाख की सैलरी पक्की कर ली है! (Karnataka girl working with Rolls-Royce)

ये कहानी है रितुपर्णा केएस की. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक वो कर्नाटक के थिर्थहल्ली तालुक के कोडुरु गांव से हैं. रितुपर्णा का सपना था डॉक्टर बनने का. इसलिए NEET की तैयारी की, लेकिन सरकारी सीट नहीं मिली. पर वो हिम्मत नहीं हारीं. UPSC की सोची, पर वो रास्ता भी छोड़ दिया. फिर पापा की सलाह पर इंजीनियरिंग में कदम रखा. साल 2022 में सह्याद्री कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट में रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन में दाखिला लिया. यहीं से किस्मत ने करवट ली.

रोबोटिक स्प्रेयर व हार्वेस्टर बनाया

रितुपर्णा ने रोबोटिक्स में दिलचस्पी दिखाई. सीनियर्स के काम ने काफी इंस्पायर किया. उन्होंने भी रियल वर्ल्ड एप्लीकेशन से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर काम करना शुरू किया. रितुपर्णा ने अपनी टीम के साथ सुपारी किसानों के लिए एक रोबोटिक स्प्रेयर व हार्वेस्टर बनाया. इस प्रोजेक्ट ने धूम मचा दी. गोवा में हुई INEX इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में इस प्रोजेक्ट ने गोल्ड और सिल्वर मेडल जीता. इसमें जापान, सिंगापुर, रूस और चीन जैसे देशों के लोग शामिल हुए थे.

रोल्स-रॉयस में इंटर्नशिप 

रितुपर्णा ये सब करने के बाद ग्लोबल एक्सपोजर की तलाश में थीं. तभी उन्होंने रोल्स-रॉयस में इंटर्नशिप के लिए अप्लाई किया. कंपनी ने पहले मना किया. कहा, "तुम एक महीने का टास्क भी पूरा नहीं कर पाओगी." लेकिन रितुपर्णा ने हार नहीं मानी. मौका मांगा. एक महीने का टास्क दिया गया. उन्होंने इसे हफ्ते भर में पूरा कर दिखाया.

39 लाख से 72 लाख हुआ पैकेज

कंपनी उनके काम से काफी इंप्रेस थी. इसके बाद उन्हें 8 महीने के लिए और कठिन प्रोजेक्ट दिया गया. इस दौरान रितुपर्णा ने अपने छठवें सेमेस्टर की पढ़ाई के साथ-साथ प्रोजेक्ट पर काम किया. सुबह 6-6 बजे तक लगी रहीं. क्योंकि उन्हें UK की टाइमिंग के हिसाब से भी काम करना पड़ता था.

दिसंबर 2024 में रोल्स-रॉयस ने जेट इंजन मैन्युफैक्चरिंग डिवीजन में उन्हें प्री-प्लेसमेंट ऑफर दिया. ये ऑफर 39.6 लाख रुपये का था. जनवरी 2025 में उन्होंने काम शुरू किया. दिन में कॉलेज, रात में जॉब. इसके बाद अप्रैल 2025 में सैलरी बढ़ी. ये अब 72.3 लाख रुपये हो गई थी. रितुपर्णा अपने सातवें सेमेस्टर के बाद टेक्सस, USA में रोल्स-रॉयस जॉइन करेंगी.

DC फेलोशिप प्रोग्राम में दक्षिण कन्नड़ के 15 स्टूडेंट्स में वो चुनी गईं. उनके प्रोजेक्ट्स और इंटरव्यूज ने रोल्स-रॉयस को इंप्रेस किया. इंटर्नशिप में शानदार परफॉर्मेंस दी. कंपनी ने उनकी काबिलियत को सलाम किया. ये कहानी साबित करती है कि नाकामी से नई शुरुआत होती है. रितुपर्णा का जज्बा और जुनून हर किसी के लिए मिसाल है. 

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