रेप केस वापस लेने का 'दबाव' बना रहे थे दिल्ली के जज, एक सस्पेंड, दूसरे पर भी होगी कार्रवाई
महिला वकील ने यह भी आरोप लगाया कि जज संजय कुमार सिंह को आरोपी वकील ने 30 लाख रुपये दिए थे. आरोप है कि जज ने उससे कहा कि 'अगर वह समझौता कर ले तो ये पैसे उसे दे दिए जाएंगे'. लेकिन पीड़िता ने पैसे लेने से इनकार कर दिया.

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के दो डिस्ट्रिक्ट जजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है. हाईकोर्ट ने एक जज को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है. दूसरे जज के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की है. महिला वकील का आरोप है कि इन जजों ने उस पर रेप केस वापस लेने का दबाव बनाया था. उसने इसे लेकर हाईकोर्ट से शिकायत की थी और ऑडियो रिकॉर्डिंग पेश की थीं, जिसके आधार पर हाईकोर्ट ने यह एक्शन लिया.
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, सस्पेंड किए गए जज का नाम संजीव कुमार सिंह है. वहीं, अन्य जज का नाम अनिल कुमार है. 27 वर्षीय महिला वकील ने इसे लेकर जुलाई में दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और रजिस्ट्रार जनरल को शिकायत दी थी. महिला ने अपनी शिकायत के साथ कॉल लॉग, चैट के स्क्रीनशॉट और तीन ऑडियो रिकॉर्डिंग भी सबूत के तौर पर जमा कीं. ये सबूत हाईकोर्ट को एक पेन ड्राइव में सौंपे गए.
रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायत में महिला वकील ने आरोप लगाया था कि जज संजीव कुमार सिंह और अनिल कुमार ने मिलकर उस पर दबाव बनाया कि वह एक वकील के खिलाफ दर्ज रेप केस को वापस ले ले. साथ ही अदालत में अपना बयान बदलने के लिए भी कहा था. आरोप है कि दोनों जजों ने उसके प्राइवेट नंबरों पर कॉल किए. कथित तौर पर उसे मेडिकल जांच न कराने और FIR को गलती बताने के लिए दबाव बना रहे थे. पीड़ित महिला पहले दोनों जजों के यहां लॉ क्लर्क के रूप में काम कर चुकी है.
महिला वकील ने यह भी आरोप लगाया कि जज संजीव कुमार सिंह को आरोपी वकील ने 30 लाख रुपये दिए थे. आरोप है कि जज ने उससे कहा कि अगर वह समझौता कर ले तो ये पैसे उसे दे दिए जाएंगे. लेकिन महिला ने पैसे लेने से इनकार कर दिया. जब उसने मना किया तो सिंह ने धमकी दी कि उसके भाई को झूठे ड्रग्स केस में फंसा देंगे.
शिकायत मिलने के बाद हाईकोर्ट की विजिलेंस कमेटी ने 27-28 अगस्त को दोनों जजों को बुलाकर पूछताछ की. जज संजीव कुमार सिंह एक ऑडियो क्लिप का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके. इसके बाद कमेटी ने सिंह को तुरंत सस्पेंड करने और दोनों जजों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की.
अगले ही दिन 28 अगस्त को हाईकोर्ट की फुल कोर्ट मीटिंग में विजिलेंस कमेटी की सिफारिश को मंजूरी दी गई. 29 अगस्त को रजिस्ट्रार जनरल अरुण भारद्वाज ने संजीव कुमार सिंह के सस्पेंशन का आदेश जारी कर दिया. साथ ही उन्हें बिना इजाजत दिल्ली छोड़ने पर भी रोक लगा दी गई.
फिलहाल जब तक जांच जारी रहेगी तब तक संजीव कुमार सिंह सस्पेंड रहेंगे. वहीं, जज अनिल कुमार पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया जारी रहेगी.
वीडियो: संविधान पर Adolf Hitler का उदाहरण देकर दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने क्या समझाया?