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दिल्ली वालों का 1.42 लाख करोड़ पानी का बिल बकाया, सबसे बड़े डिफॉल्टर का नाम देख हंसी आ जाएगी!

Delhi Jal Board के कुल 41 जोन हैं, जिनमें लगभग 26.5 लाख उपभोक्ता हैं. कर्ज की बड़ी रकम को देखते हुए सरकार भी प्लानिंग मोड में आ गई है. एक 'वन-टाइम स्कीम' पर काम चल रहा है, जिसमें लेट पेमेंट सरचार्ज (LPSC) यानी लेट फीस माफ की जाएगी.

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पिछले 10 सालों से बढ़ रहे हैं दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के पेंडिंग बिल. (X @DelhiJalBoard)
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मौ. जिशान
13 जुलाई 2025 (Published: 05:28 PM IST) कॉमेंट्स
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दिल्ली जल बोर्ड (DJB) ने अपना बही-खाता खंगाला तो पता चला कि दिल्ली वालों पर कुल 1.42 लाख करोड़ रुपये का पानी का उधार है. अब जरा कर्ज का गणित समझते हैं. सबसे बड़ा कर्जदार बना है कमर्शियल सेक्टर, जिसके ऊपर DJB के 66,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. सरकारी विभागों ने भी खूब पानी पिया है और उन पर 61,000 करोड़ रुपये का बिल बकाया है. इसके बाद नंबर आता है घरेलू ग्राहक यानी आम लोगों का, जिनके नाम DJB की 15,000 करोड़ रुपये की उधारी है. यानी घरेलू यूजर्स की कर्ज में हिस्सेदारी सिर्फ 10.5 फीसदी के करीब है.

सरकारी महकमों की बात करें तो दिल्ली पुलिस पर सबसे ज्यादा कर्ज है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सरकारी अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि सरकारी विभागों के मामले में दिल्ली जल बोर्ड (DJB) का सबसे ज्यादा कर्ज दिल्ली पुलिस पर है. इसके बाद दिल्ली और केंद्र सरकार के अन्य विभागों का नंबर आता है. अधिकारियों के अनुसार, पिछले 10 सालों में लंबित बिलों की संख्या बढ़ती जा रही है.

DJB के कुल 41 जोन हैं, जिनमें लगभग 26.5 लाख उपभोक्ता हैं. कर्ज की बड़ी रकम को देखते हुए सरकार भी प्लानिंग मोड में आ गई है. एक 'वन-टाइम स्कीम' पर काम चल रहा है, जिसमें लेट पेमेंट सरचार्ज (LPSC) यानी लेट फीस माफ की जाएगी. केवल बिल की मूल रकम ही चुकानी ही पड़ेगी.

दिल्ली सरकार में जल मंत्री परवेश साहिब सिंह ने कहा है कि इस प्लान पर काम चल रहा है. उनके मुताबिक, अगले डेढ़ महीने यानी सितंबर तक ये प्लान तैयार हो जाएगा. सरकार LPSC चार्ज माफ कर सकती है. इसका मतलब है कि बिल माफ नहीं होगा, लेट फीस माफ होगी, वो भी एक बार के लिए.

एक अधिकारी का कहना है कि दिल्ली में लगभग 29 लाख पानी के कनेक्शन हैं, जबकि जनसंख्या इससे कहीं ज्यादा है. दिक्कत ये है कि 70-80 फीसदी लोगों का कहना है कि उन्हें फर्जी या बढ़ी रीडिंग के बिल थमाए जाते हैं. इसलिए सरकार अब स्मार्ट मीटर लगाने की सोच रही है ताकि पानी का हिसाब-किताब भी स्मार्ट हो जाए.

आम आदमी पार्टी (AAP) की पूर्व सरकार की 20,000 लीटर फ्री पानी वाली योजना पर भी कैंची चल सकती है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार इसे अब सिर्फ आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों तक सीमित करना चाहती है. यानी सबको नहीं, सिर्फ जरूरतमंदों को फ्री पानी दिया जाएगा. दिल्ली सरकार पानी के रेट में भी फेरबदल करने की सोच रही है. अगर ऐसा हुआ तो दिल्ली जल बोर्ड (DJP) पानी की कीमतों में बदलाव कर सकता है.

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