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शिकायत की थी मानहानि की, कोर्ट ने कांग्रेस प्रवक्ता के वकील पर ही ठोका जुर्माना

Dr Shama Mohamed ने एक टीवी न्यूज डिबेट शो के दौरान उन पर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए Sanju Verma के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था. Delhi High Court ने 1 नवंबर, 2024 को सोशल मीडिया से इन टिप्पणियों को हटाने का आदेश दिया था.

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Delhi High Court fined congress spokesperson
दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस प्रवक्ता के वकील पर जुर्माना लगा दिया. (इंडिया टुडे)
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आनंद कुमार
11 जुलाई 2025 (Updated: 11 जुलाई 2025, 01:36 PM IST) कॉमेंट्स
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कांग्रेस प्रवक्ता डॉ शमा मोहम्मद (Dr Shama Mohamed) ने बीजेपी प्रवक्ता संजू वर्मा (Sanju Verma) के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था. कोर्ट ने मान भी लिया था कि उनका अपमान हुआ है, लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि कोर्ट ने शमा मोहम्मद के वकील पर ही जुर्माना लगा दिया.

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस पुरुषेन्द्र कुमार कौरव ने कहा कि कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद की वकील मामले में पूरी तैयारी के साथ नहीं आई थीं.  कोर्ट ने आदेश दिया कि जुर्माने की राशि संजू वर्मा को दिया जाए. जस्टिस कौरव ने 8 जुलाई को अपने आदेश में कहा कि अगली सुनवाई की तारीख से पहले डॉ. शमा के वकील को संजू वर्मा को 5 हजार रुपये देने होंगे.

शमा मोहम्मद  ने एक टीवी न्यूज डिबेट शो के दौरान उन पर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए संजू वर्मा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने 1 नवंबर, 2024 को सोशल मीडिया से इन टिप्पणियों को हटाने का आदेश दिया था. साथ ही कोर्ट ने कहा था कि संजू वर्मा की टिप्पणियां अपमानजनक थीं.

इस बीच संजू वर्मा के वकील ने नियम 10 और 11 के आदेश VII के तहत याचिका दायर करके मुकदमे को खारिज करने की मांग की. उनके आवेदन पर कोर्ट ने दिसंबर 2024 में शमा मोहम्मद के वकील को नोटिस जारी किया.

इस साल मई में कोर्ट ने कांग्रेस प्रवक्ता की वकील को इस नोटिस पर अपना जवाब दाखिल करने का एक आखिरी अवसर दिया था. मामले की सुनवाई के लिए 8 जुलाई की तारीख तय की.

8 जुलाई को मामले की सुनवाई के दौरान शमा मोहम्मद के वकील ने स्थगन की मांग की. उन्होंने कहा कि यह मामला सुनवाई के लिए रजिस्ट्रार के सामने 22 अगस्त को लिस्टेड है. हालांकि जस्टिस कौरव ने उनकी इस दलील को स्वीकार नहीं किया. उन्होंने कहा,

 कोर्ट यह नहीं समझ पा रही है कि आपके बताए तारीख की क्या प्रासंगिकता है, जब कोर्ट ने पेंडिंग आवेदनों पर विचार करने के लिए इस मामले को 8 जुलाई को लिस्टेड करने का निर्देश दिया था.

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इसके बाद वकील ने कोर्ट से माफी मांगी. और उन्होंने कहा कि वह गलतफहमी के कारण इस मामले की तैयारी नहीं कर सकी. इसके बाद कोर्ट ने जुर्माना लगाते हुए मामले को स्थगित कर दिया. 

वीडियो: संविधान पर Adolf Hitler का उदाहरण देकर दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने क्या समझाया?

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