The Lallantop
Advertisement

सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ 'सुप्रीम_कोठा_बंद_करो' हैशटैग चलाने के पीछे ये लोग?

19 अप्रैल को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने भी सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बयान दिए. इससे एक दिन पहले 18 अप्रैल को ही X पर "#सुप्रीम_कोठा_बंद_करो" ट्रेंड करने लगा. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक 24 घंटों के भीतर इस हैशटैग के साथ 70,000 से अधिक पोस्ट हो गए. यह ट्रेंड X पर आठ घंटे तक टॉप ट्रेंड में बना रहा.

Advertisement
Supreme Court
X पर शेयर की जा रही हैं ऐसी तस्वीरें. (X)
pic
सौरभ
21 अप्रैल 2025 (Updated: 21 अप्रैल 2025, 11:09 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

वक़्फ़ एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट की कुछ टिप्पणियों के बाद सोशल मीडिया पर देश की सबसे बड़ी अदालत के खिलाफ ट्रेंड चलाया जा रहा है. शीर्ष अदालत के खिलाफ बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा के बयानों के बाद कई सोशल मीडिया अकाउंट्स ने कोर्ट के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों और गालियों के साथ ऑनलाइन हमला शुरू कर दिया. हजारों पोस्ट किए गए जिनमें कोर्ट के लिए ‘सुप्रीम कोठा’ जैसे शब्द का इस्तेमाल कर हैशटैग चलाया गया.

दरअसल, बीती 17 अप्रैल को चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सरकार ने कहा था कि आम तौर पर कोर्ट कानून बनने के बाद उस पर स्टे नहीं लगाते, लेकिन वक्फ संशोधन बिल इस मामले में अपवाद हो सकता है. अगले दिन सरकार ने कोर्ट में कहा कि अगली सुनवाई (5 मई) तक किसी भी वक्फ बोर्ड में कोई नई नियुक्ति नहीं की जाएगी और ना ही किसी संपत्ति की स्थिति में कोई बदलाव किया जाएगा.

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की टारगेटिंग वक्फ कानून पर की गई टिप्पणी के पहले ही शुरू हो गई थी. तमिलनाडु की एमके स्टालिन सरकार और वहां के गवर्नर आरएन रवि के बीच अटके बिलों का मामला लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था. इसे लेकर बीती 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए राष्ट्रपति और राज्यपालों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए थे. शीर्ष अदालत ने कहा था कि विधानसभा से बिल पास होने के बाद राज्यपाल और राष्ट्रपति को अधिकतम तीन महीने में बिल पर फैसला लेना होगा.

कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद न्यायपालिका पर आरोप लगे कि वह कार्यपालिका के कार्यक्षेत्र में दखल दे रही है. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और बीजेपी के कई नेताओं ने खुलकर सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बयान दिए. इन नेताओं ने ये भी कहा कि अदालतें राष्ट्रपति को आदेश नहीं दे सकतीं. 

वहीं 19 अप्रैल को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने भी सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बयान दिए. इससे एक दिन पहले 18 अप्रैल को ही X पर "#सुप्रीम_कोठा_बंद_करो" ट्रेंड करने लगा. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक 24 घंटों के भीतर इस हैशटैग के साथ 70,000 से अधिक पोस्ट हो गए. यह ट्रेंड X पर आठ घंटे तक टॉप ट्रेंड में बना रहा.

इस ट्रेंड के विश्लेषण से पता चलता है कि यह एक संगठित अभियान था. इसमें कई कथित इन्फ्लुएंसर्स ने दर्जनों बार इस हैशटैग के साथ पोस्ट किया और अपने फॉलोअर्स से भी ऐसा करने की अपील की. रिपोर्ट के मुताबिक 18 से 21 अप्रैल के बीच इस हैशटैग के साथ करीब 1.4 लाख पोस्ट किए गए. 18 अप्रैल kr सुबह से यह अभियान शुरू हुआ और दोपहर 1 बजे तक ही 11,000 से अधिक पोस्ट हो चुके थे.

कथित तौर पर पूर्व नियोजित इस अभियान के तहत AI से बनी तस्वीरें शेयर की गईं, जिनमें सुप्रीम कोर्ट के जजों को ‘पैसे लेकर फ़ैसले देने वाला’ बताया गया और कोर्ट की पहचान को इस्लाम और पाकिस्तान से जोड़ने की कोशिश की गई.

supreme court
X पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट
#सुप्रीम_कोठा_बंद_करो"

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक इस ट्रेंड के पीछे सबसे सक्रिय यूज़र अरुण यादव (@ArunKosli) दिखाई दिए, जिन्होंने अकेले 94 बार इस हैशटैग के साथ पोस्ट किया. इंडिया टुडे के मुताबिक अरुण के 36,600 फॉलोअर्स हैं और तीन साल में उन्होंने करीब 80,000 पोस्ट किए हैं. उनकी प्रोफ़ाइल से पता चलता है कि वह राजनीतिक अभियानों में लगातार सक्रिय रहे हैं. उन्होंने अपने फॉलोअर्स से यह हैशटैग “15–20 बार लगातार” पोस्ट करने की अपील की थी.

सुप्रीम कोर्ट को बदनाम करने की मुहिम में कुछ अन्य अकाउंट्स भी प्रमुख रूप से शामिल हैं. इन्होंने भी 15 से ज्यादा बार इसी हैशटैग के साथ पोस्ट किया. जैसे, 

- सूरज सिंह चौहान (@imsrj0143)– 21 बार
- राकेश कुमार सिंह हिंदू (@RakeshK44967667)– 16 बार.  

इनमें से कई अकाउंट पैरोडी या गुमनाम थे. जैसे Ocean Jain (@ocjain4), Sudhanshu Trivedi Satire (@drsudhanshubjp), @Satdharma25, Manu(@fourdays1985), Paise Wala (@AmirLadka).

यह पहला मौका नहीं है जब सोशल मीडिया पर सुप्रीम कोर्ट को निशाना बनाया गया हो. जुलाई 2022 में जस्टिस सूर्यकांत ने पूर्व बीजेपी नेता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद को लेकर दिए विवादित बयान तीखी टिप्पणी की थी. तब भी एक्स पर #सुप्रीम_कोठा कई घंटों तक ट्रेंड करता रहा था. वहीं पिछले साल मई में, सुप्रीम कोर्ट के जजों को "मियां लॉर्ड" कहकर बुलाया गया.

वीडियो: सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन बिल पर केन्द्र सरकार से मांगे जवाब

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement